रविवार, फ़रवरी 28, 2010

व्‍यंग्‍य: होरी की वेदना ..;; रंग के बादर फट गये - नरेन्‍द्र सिंह तोमर ‘’आनन्‍द’’

व्‍यंग्‍य: होरी की वेदना ..;; रंग के बादर फट गये

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

होरी की हुरियारी में छायी मस्‍ती चारों ओर ।

छायी मस्‍ती चारों ओर मगर कछु दुबके फिरते ।।

लिये हाथ में रंग सफेदा, भरें अबीर, गुलाल चहकते ।

भरें अबीर गुलाल चहकते, मगर कछु बिल में घुसते ।।

बिलवाले दिलवाले से होरी वारे कह रहे ।

काहे बिल में दिल घुसा, सब चिन्‍ता कर रहे ।।

कब तक बिल में घुसे पड़े दिल की खैर मनाओगे ।

बिन धड़कन के दिल बिल की कब तक आह छुपाओगे ।।

कोई चोर डकैत आवेगा बिल खोद खाद ले जायेगा ।

दिल चोरी हो या लुट जावे कोई रोज रात को आयेगा ।।

कब तक जाग जाग ऑंखों में पहरेदारी कर पाओगे ।

कब तक चोरी चोरी आ आ कर नजर निगाही कर पाओगे ।।

इक सलाह हुरियारे दे रहे बात बता कर खास ।

छिप्‍पन और छिपावन कर दिल बचने की ना आस ।।

गर दिलवाले बिल में घुसकर दिल जो बचाते ।

तो सब दिलवाले अब तक बिल में घुस जाते ।।

इक मिला था लवली स्‍वीट था, दिल का बस ये रोना है ।

अब चला गया तो चला गया, तेरे छिपने सा का होना है ।।

कौन ले गया लेने वाला, ले गया जो ले गया ।

ले गया कैसे गया, अब गया चला तो चला गया ।।

क्‍या हो गया चोरी दिल ये, या हो गयी लूट ।

बिल में दुबकी सोच रही, मेरी किस्‍मत गयी है फूट ।।

किस्‍मत गयी है फूट, सबको क्‍या मुख दिखलाऊं ।

बिन दिल के अब इस बिल से कैसे बाहर जाऊं ।।

बाहर कुत्‍ते हैं खड़े, करते इंतजार मनुहार ।

पूंछ हिला कर कह रहे, आओ जी सरकार ।।

आओ जी सरकार, हमारे यार, डिनर तैयार रखा है ।

मुर्गे की है स्‍वीट बनाई नहीं जो अब तक चखा है ।।

प्‍लीज जागिये, उठ बैठिये, मैडम अक्‍कलमंद ।

सारे कुत्‍ते आये हैं ले लेकर अपने बिस्‍तर बंद ।।

लेकर बिस्‍तर बंद, द्वार पर वे खड़े भुंकियावैं ।  

देसी और विलाइती सारे अदायें वे दिखलावैं ।।

सारे कुत्‍ते कर रहे पिछले दो हफ्ता से उपवास ।

मैडम संग इक डिनर करिहे पूरी सबकी आस ।।

होगी पूरी सबकी आस, सोच लाइन कुत्‍तन की लग गई ।

बिन दिलवाली मैडम की, भौंका भाकी में निंदिया खुल गई ।।

 

इक अंगड़ाई मार के, फेंक नजर के तीर ।

सब कुत्‍तन को देख के, मैडम भई गंभीर ।।

मैडम भई गंभीर, और फिर दौड़ के बाहर आई ।

मैं इक कुत्‍ते की थी प्‍यारी ये लाइन कहॉं से आयी ।।

है मेरा अलबेला कहॉं, झबरू काला रंग ।

दिल मेरा जो ले गया, कित गया भुजंग ।।

मैं कुत्‍ते की, कुत्‍ता मेरा, पिया वो परम सुहावन ।

डिनर करूं और रूप रचूं  बार बार फिर देखूं दरपन ।।

मेरा झबरू मेरा गबरू नहीं लाइन में आता नजर ।

कित्‍थे है वो मेरा डमरू मैं कराऊंगी उसे डिनर ।।

तभी बीच कुत्‍तों में से था झबरू दौड़ा आया ।

मैं भी इस लैन बिच्‍च में अपनी संगत लाया ।।

ओ हसीना नाजनीना जरा याद करो वो बात बड़ी मशहूर ।

कुत्‍ते सदा झुण्‍ड में रहते मिल बांट कर खाते हैं भरपूर ।।

बीच बीच में भौं भौं कूं कूं, उवाय उवाय भ्‍वयाय ।

जम कर सेवा पूंछ हिलाना, बिना बखत चिल्‍लाय ।।

पर अपनी अपनी किस्‍मत होती क्‍या करिये इसको ठीक ।

जैसी लीला रची विधि ब्रह्मा ने वही होवेगा याद रहे ये सीख ।।

याद ये रखना सीख, नहीं झुण्‍ड शेरों के होते ।

इक अकेला कूद जाये जब सब पानी भरते ।।

नहीं डिनर ना सोवा सावी ना सस्‍ती मस्‍ती करो इन कुत्‍तन के संग ।

शेर कहत बुरा न मानो होली है, आप पर अब आपका फेंक दिया है रंग ।।

 

शनिवार, फ़रवरी 27, 2010

समाधान ऑन लाईन कार्यक्रम अब 3 मार्च को

समाधान ऑन लाईन कार्यक्रम अब 3 मार्च को

भिण्ड 26 फरवरी 2010

       मंगलवार 2 मार्च को होने वाले मुख्यमंत्री समाधान ऑन लाईन कार्यक्रम में संशोधन हुआ है अब बुधवार 3 मार्च को शाम 4 बजे से समाधान ऑन लाईन कार्यक्रम होगा। प्रभारी अधिकारी जनसमस्या निवारण भिण्ड ने संबंधित सभी अधिकारियों को पालन प्रतिवेदन के साथ संधोधित तिथि को उपस्थित होने की अपील की है। जिला सूचना विज्ञान केन्द्र भिण्ड के सभाकक्ष में सभी अधिकारियों को अनिवार्यता उपस्थित रहना होगा।

 

जिला पंचायत भिण्ड का प्रथम सम्मिलन सम्पन्न, अध्यक्ष एवं सदस्यों ने उत्तर दायित्व निर्वाहन की शपथ ली

जिला पंचायत भिण्ड का प्रथम सम्मिलन सम्पन्न, अध्यक्ष एवं सदस्यों ने उत्तर दायित्व निर्वाहन की शपथ ली

सामाजिक न्याय की भावना से गरीबों का समग्र उत्थान करेगें

भिण्ड 26 फरवरी 2010

       जिला पंचायत भिण्ड का प्रथम सम्मिलन शुक्रवार को जिला पंचायत भिण्ड के प्रांगण में सम्पन्न हुआ। नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती मिथलेश सिंह कुशवाह, उपाध्यक्ष श्री सुन्दर उर्फ श्यामसुन्दर जाटव एवं निर्वाचित सदस्यों ने भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्वा और निष्ठा रखने तथा देश की संप्रभुता एवं अखण्डता को अक्षुण्णता बनाए रखने तथा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के नियमों में निहित उत्तर दायित्वों एवं कर्तव्यों को पूर्ण श्रद्वा सच्चाई एवं ईमानदारी से निर्वाहन करने की शपथ ली। इसी तरह पॉच वर्षीय कार्यकाल में पंचायत क्षेत्रान्तर्गत सामाजिक न्याय की भावना को सर्वोपरि रखते हुये गरीब एवं पिछडें वर्गो के समग्र उत्थान के लिए समर्पित रहने तथा जिले के सर्वागीण विकास के लिए संकल्पित होने की भी शपथ ली। इस मौके पर सांसद अशोक अर्गल, विधायक मेहगांव राकेश शुक्ला, डा गुलाब सिंह, भाजपा अध्यक्ष अवधेश सिंह, पूर्व विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह, मुन्नासिंह, श्रीराम जाटव, अपर कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी छोटे सिंह, जिले के भिण्ड अटेर,रौन,लहार,मेहगांव एवं गोहद के जनपद अध्यक्ष भी उपस्थित थे। नवनिर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों को जिला पंचायत सदस्य श्रीमती पूनम सिंह ने शपथ दिलाई। प्रथम सम्मिलन के अवसर पर सांसद अशोक अर्गल,भाजपा अध्यक्ष अवधेश सिंह, विधायक राकेश शुक्ला द्वारा उदगार व्यक्त किये गये।

       प्रथम सम्मिलन में सदस्य उम्मेद सिंह यादव,दातार सिंह गुर्जर, श्रीमती पुष्पा कुशवाह, ओमप्रकाश पुरोहित, श्रीमती सुनीता देवी, प्रथवीराज दउआ, जनवेद सिंह, श्रीमती विद्या भदौरिया, श्रीमती सरोज, श्रीमती नीलम, केशव सिंह जादौन,श्रीमती प्रेमावाई, श्री अम्रतलाल माहौर और श्रीमती कुसमादेवी, श्रीमती जयकांती नरवरिया ,श्रीमती लोगश्री और श्रीमती पूनम सिंह, द्वारा शपथ ली।

 

शुक्रवार, फ़रवरी 26, 2010

मंदी व मंहगाई की मार झेलती जनता हो रही है ठगी का भी शिकार- निर्मल रानी

मंदी व मंहगाई की मार झेलती जनता हो रही है ठगी का भी शिकार

निर्मल रानी     

फोन-0171- 253562}  163011, महावीर नगर,

अम्बाला शहर,हरियाणा।

email:

nirmalrani@gmail.com

 

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर छाई मंदी जहां बड़े -बडे  उद्योगों तथा कारपोरेट जगत से जुडे लोगों को आर्थिक संकट से ठीक तरह से उबरने नहीं दे रही है वहीं बेतहाशा बढ़ती महंगाई ने भी आम लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। हालांकि सरकार द्वारा मंदी व महंगाई को लेकर तरह तरह के तर्क  पेश किए जा रहे हैं परंतु हकींकत तो यही है कि अब आम जनता पर इन आर्थिक हालात का प्रभाव पड़ता सांफ दिखाई दे रहा है। आम लोगों के खाने की थाली में या तो दाल व सबियों की कटोरी की संख्या में कमी आते देखी जा रही है या फिर इनकी मात्रा घटती जा रही है। कोई नाश्ता करना बंद कर मंहगाई से जूझने के तरीके अपना रहा है तो कोई भोजन की मात्रा में ही कमी करने को ही मजबूर है। परंतु इन्हीं हालात के बीच देश में एक  वर्ग ऐसा भी सक्रिय है जिसपर मंदी या मंहगाई का कोई असर नहीं देखा जा रहा है। और यह वर्ग जनता में लालच पैदा कर तथा उन्हें तरह तरह के विज्ञापनों के माध्यम से अपनी ओर आकर्षित कर उनकी जेब पर डाका डालने का क ाम कर स्वयं ख़ूब धन कमा रहा है। इनके द्वारा मंहगाई व मंदी की परवाह किए बिना जनता से मोटे नोट वसूले जा रहे हैं।

                              ठग सम्राट नटवर लाल के एक कथन का यहां उल्लेख करना उचित होगा। कांफी पहले नटवर लाल ने पूरे आत्मविश्वास के साथ यह कथन प्रस्तुत किया था कि जब तक  संसार में लालच ंजिंदा है तब तक ठग कभी भूखा नहीं मर सकता। निश्चित रूप से आज चाराें ओर उसी कथन की पुष्टि होती दिखाई दे रही है। रोंजमर्रा के प्रयोग में आने वाली अधिकांश दैनिक उपयोगी वस्तुओं की बिक्री हेतु जो ऑंफर दिए जाते हैं उनमें फ्री शब्द का उल्लेख बड़े मोटे अक्षरों में किया जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि आप एक टूथ पेस्ट ंखरीदते हैं तो उसके साथ टूथब्रश फ्र ी होने का लालच कंपनी द्वारा दिया जाता है। इस प्रकार के अनेकों उत्पाद ऐसे हैें जो दो के साथ एक फ्री या चार के साथ एक फ्री आदि अलग-अलग शर्तों व नियमों के हिसाब से बेचे जा रहे हैं। यहां तक कि अब तो ग्राहक स्वयं ऐसी फ्री योजनाओं वाली वस्तुओं की मांग करने लगा है। लगता है भारतीय बांजार की इस नब्ंज की न के वल बड़े व मध्यम वर्गीय उद्योगों द्वारा पहचान कर ली गई है बल्कि छोटे स्तर पर भी उपभोक्ताओं की इसी कमंजोरी का ंफायदा उठाया जाने लगा है।

            इसी प्रकार  ंफर्जी व ठगी से परिपूर्ण कारोबार में लालच में फसाने की शुरुआत टोल फ्री टेलींफोन नंबर का आकर्षण दिखाकर शुरु होती है। आम जनता टोल फ्री नंबर के झांसे में आकर सम्बध्द कंपनी से बात तो कर लेती है परंतु इसके  पीछे के इस रहस्य को वह अनदेखा कर देती है कि कंपनी अपने ऑंफिस या उद्योग का पूरा पता प्रकाशित या प्रसारित करने के बजाए केवल टोल फ्री नंबर से ही आख़िर क्यों अपना काम चलाना चाह रही है। और यही टोल फ्री नंबर किसी भी ग्राहक को अपनी ओर आकर्षित करने में वही भूमिका अदा करता है जोकि मछली फंसाने हेतु कांटे में लगाए गए चारे की होती है। आईए अपनी बात की शुरुआत प्रसिद्ध स्काईशॉप द्वारा विभिन्न टी वी चैनल्स पर प्रसारित होने वाले विभिन्न सांजो-सामानों के  विज्ञापनों में से एक की करते हैं। पाठकों को यह जानकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि मैं स्वयं ऐसी एक घटना की भुक्तभोगी हूं। स्काईशॉप द्वारा किसी चैनल पर बार-बार एक विद्युत संबंधी सामग्री के दिए जाने वाले विज्ञापन ने मुझे आकर्षित किया। बहुत अच्छे व तर्कपूर्ण तरीक़ ों से विज्ञापन द्वारा यह समझाया जा रहा था कि अमुक यंत्र ंखरीदने से तथा उसे अपनी विद्युत लाईन में लगाने से आपके घर की बिजली की खपत में 30 से लेकर 40 प्रतिशत तक की कमी आ जाएगी। टोल फ्री नंबर पर मैंने बात की। दूसरी ओर से भी मुझे पूरी तरह से यह समझा दिया गया कि यह दुनिया का सबसे अधिक बिकने वाला प्रॉडक्ट है तथा इसकी पूरी गारंटी भी है। कोई एडवांस भी नहीं है। मैंने उस व्यक्ति को अपना नाम व पता सब कुछ बता दिया। मात्र एक सप्ताह के भीतर हमारा पोस्टमैन एक गत्ते के डिब्बे में वी पी पी डाक लेकर हांजिर हो गया। डिब्बा देखने में तो अवश्य कुछ    आकार घेरने वाला अर्थात् लगभग पंखे के पुराने टाईप के रेगयूलेटर जैसे साईंज का था। परंतु हाथ में लेने पर उसका वंजन 50 ग्राम भी प्रतीत नहीं हो रहा था। बहरहाल चूंकि हमारा नियमित रूप से आने वाला पोस्टमैन  हमारे ही दिये हुए आर्डर की वी पी पी लाया था अत: उसे छुड़ाना लांजमी था। लगभग 2500 रुपये अर्थात् निर्धारित ंकीमत देकर मैंने वह वी पी पी छुड़ा ली। डिब्बा खोला तो उसमें प्लास्टिक के डिब्बे का एक सील बंद बाक्स नंजर आया। उसमें दो इंडिकेटर लगे थे। उसे लगाने हेतु निर्देश पत्र भी साथ था। बहरहाल मैंने मिस्त्री बुलाया,उसे उक्त यंत्र दिखाया तथा उसने कुछ सामान मंगाकर उक्त यंत्र लगा दिया।

            विज्ञापन में प्रदर्शित यंत्र के अनुसार उसमें लाल बत्ती जलनी चाहिए थी। जोकि नहीं जली। जब मैंने इस बात का ंजिक्र पुन: टोल फ्री नंबर पर किया तब उसने पहले तो मुझसे ही कई प्रश् ऐसे कर डाले जिससे लगा कि मैंने ही यह यंत्र ख़रीदकर ंगलती की है। बाद में उक्त व्यक्ति ने ंफोन पर मुंबई का  एक पता बताते हुए कहा कि इस पते पर वह यंत्र तथा उसके साथ भेजी गई मूल रसीद आदि सब कुछ पार्सल द्वारा भेज दें। यहां मुझे यह सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा कि पैसे ख़र्च करने के बाद जब नया यंत्र काम नहीं कर रहा है फिर आख़िर इस यंत्र व उसकी रसीद  मुंबई वापस भेजने के बाद हमें क्या राहत मिल सकेगी। मुझे तब यह यंकीन हो गया कि मेरे साथ ठगी हो चुकी है और मैं आज भी बिजली बचाने की लालच में 2500 रुपये ख़र्च कर वह इलेक्ट्रिक सेवर जैसा बोझ लेकर घर में बैठी हूं। अंफसोस तो इस बात का है कि इलेक्ट्रिक सेवर को लेकर मेरे ंजेहन में यह बात बाद में आई कि यदि कोई ऐसा यंत्र सरकार तथा वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित किया गया होता तो ऐसी चींज बांजार में बिजली के सामान संबंधी दुकानों पर उपलब्ध होती तथा मंहगी बिजली के इस दौर में घर-घर में लगी दिखाई दे रही होती।

            इसी प्रकार के टोल फ्री नंबर देकर आज कल सेक्स संबंधी दवाएं बेचने का दावा किया जा रहा है। कोई गंजों के सिरों पर बाल उगा रहा है तो कोई मर्दाना तांकत बढ़ाने की दवाई बेच रहा है। कोई दवाईयों से मोटापा कम कर रहा है तो कोई शरीर की लंबाई बढ़ाने की लालच दे रहा है। कोई बालों का झड़ना रोक रहा है तो कोई काली चमड़ी को गोरी करने के उपाय बता रहा है। जादू टोना, ज्योतिष,बेऔलाद को औलाद, पत्थरी का शर्तिया इलाज जैसे तमाम फ़ंर्जी विज्ञापनों की तो मानों होड़ लगी हुई है। ज्योतिषियों तथा नग-पत्थर आदि के विक्रे ताओं के नेटवर्क ने तो हद ही ख़त्म कर दी है। इनके विज्ञापन देखिए तो आपको लगेगा कि मात्र एक नग धारण करने से ही आपको आपकी मनचाही हर वह चींज मिल जाएगी जोकि आपको आपके अथक प्रयासों के बावजूद अब तक नहीं मिल सकी है। चाहे वह नौकरी हो या वर-वधू,स्वास्थ्य हो या अन्य किसी बड़ी समस्या से छुटकारा। यहां तक कि धन संपत्ति,रोंजगार और तो और प्रेम-प्रसंग में सफलता का झंडा गाड़ने का दावा भी ज्योतिषियों के यह विज्ञापन करते हैं।

            जनता के हित में यहां मैं एक रहस्योदघाट्न यह करना चाहती हूं कि टोल फ्री ंफोन नंबर अथवा किसी विज्ञापन के समर्थन में प्रकाशित होने वाले ग्राहकों के बयानों से आप पूर्णतया सचेत रहें। क्योंकि जिस ग्राहक की ंफोटो, किसी विशेष दवा अथवा अन्य प्रॉडक्ट के पक्ष में उसे प्रयोग में लाने का दावा करने वाला उसका वक्तव्य तथा उसका ंफोन नंबर आदि जो कुछ भी आप देख रहे हैं वह सब कुछ ंफंर्जी हो सकता है। काल सेंटर में काम करने वाले युवक युवतियों की तरह ही ठगी के धंधे में लगी कंपनियां ऐसे साधारण पढ़-लिखे बेराोगार युवकों की बांकायदा भर्ती करती हैं जो समाचार पत्र में किसी उत्पाद के समर्थन में प्रकाशित ंफोन नंबर व नाम की ंफोन काल लेते हैं। उन्हें इस बात की टे्रनिंग दी जाती है कि वे किस प्रकार ंफोन कर्ता को यह बताकर संतुष्ट करें कि अमुक दवाई या उत्पाद बिल्कुल सटीक,ंफायदेमंद तथा तुरंत परिणाम देने वाला है। और इसी झांसे में आकर कोई भी सीधा-सादा परेशान हाल ग्राहक मजबूरी में इनका शिकार हो जाता है और यदि मामला सेक्स अथवा गुप्त रोग संबंधी हो फिर तो वह ग्राहक शर्म के मारे किसी से कुछ बताने अथवा शिकायत करने योग्य भी नहीं रह जाता।

            लिहांजा जनता को चाहिए कि वह ऐसे ंफंर्जी विज्ञापनों के झांसे में हरगिंज न आएं। आज ऐसे धंधों को संचालित करने वाले लोग सैकड़ों करोड़ की संपत्ति के मालिक बन बैठे हैं जबकि देश का आम आदमी मंहगाई के बोझ तले निरंतर दबता जा रहा है। और दुर्भागयवश यही आम आदमी ठगी का नेटवर्क चलाने वाले सरगनाओं के निशाने पर भी है।

                                                                                                निर्मल रानी                                                                 

 

 

पुलिस एवं राजस्व अधिकारी नकल पर शिकंजा कसने पैनी निगाह रखे -कलेक्टर

पुलिस एवं राजस्व अधिकारी नकल पर शिकंजा कसने पैनी निगाह रखे -कलेक्टर

संयुक्त बैठक में कलेक्टर ने दिये निर्देश

भिण्ड 25 फरवरी 2010

       कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने म.प्र. बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली कक्षा 10 एवं 12 वीं की परीक्षाओं को व्यवस्थित रूप से सम्पन्न कराने के लिए भिण्ड जिले के मैदानी स्तरीय पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों की संयुक्त बैठक में नकलची छात्र सहित नकल माफियाओं पर कडा शिकंजा कसने के लिए पैनी निगाह रखने के निर्देश दिए। गुरूवार को पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों की संयुक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक चंचल शेखर अनुविभागीय राजस्व पुलिस  अधिकारी, तहसीलदार तथा पुलिस महकमे के मैदानी अधिकारी मौजूद थे।

       कलेक्टर ने जिले में माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा आयोजित परीक्षाओं को नकल रहित कराने नकलची छात्रों सहित नकल कराने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ प्राथमिकता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा के प्रत्येक केन्दो पर सतत वीडियों ग्राफी कराई जाकर छात्रों पर निगाह रखी जाए। नकल रोकने के लिए गठित मोबाईल दल के पास अलग से वीडियों ग्राफर रखे जाए जिसका आंकलन संबंधित क्षेत्र के एसडीएम करें। नकल रोकने के लिए तैनात होने वाले दस्ते के वाहनों में सायरन लगाए। परीक्षा केन्द्र के 500 मीटर की परिधि में केवल परीक्षा देने वाले छात्र छात्राओं के अलावा किसी अन्य व्यक्तियों को प्रवेश नही होने दे।

नकल करते पाए जाने प संस्था की मान्यता समाप्त

       कलेक्टर ने राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऐसी निजी संस्थाएं जहां नकल करते नकलची छात्र छात्राएं पकडे जाते है उन सभी संस्थाओं की मान्यता समाप्त कराने के लिए पुख्ता प्रकरण तैयार करें। ऐसे संदग्धि व्यक्ति जिनके खिलाफ पूर्व के वर्षो में नकल कराने के प्रकरण दर्ज किये गये है। उन पर तत्काल प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाए। परीक्षा केन्द्रों के निकट ऐसे आवासी परिसर जहां से नकल कराने में सहयोग किया जाता है उन व्यक्तियों पर भी कार्यवाही की जाए। क्षेत्रीय राजस्व एवं पुलिस अधिकारी संयुक्त रूप से भ्रमण करते हुये ऐसे स्थानों की सूची तैयार करें और आवासीय मालिक सहित आवास में रहने वाले व्यक्तियों की पहचान भी करें।

नाकेबंदी कर वाहनों की जांच करें

       पुलिस अधीक्षक चंचल शेखर ने बोर्ड परीक्षाओं को नकल रहित एव निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न करान के लिए राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की  निर्देश दिए कि परीक्षा केन्द्रों के 500 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार के वाहनों का प्रवेश नही होने दे और न ही आम लोगों को एकत्रित होने दे। वाहनों की जांच के लिए नाकेबंदी की जाकर वाहनों के पेपर की जांच की जाए और असंदिग्ध व्यक्तियों से कडी पूछताछ भी करें।

छात्रावास में अनाधिकृत व्यक्ति नही रूके

       बोर्ड की वार्षिक परीक्षा के मद्देनजर कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन और पुलिस अधीक्षक चंचल शेखर ने राजस्व एंव पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि छात्रावासों में छात्रों के अलावा अन्य किसी व्यक्तियों को नही रूकने दिया जाए। छात्रावास की आकस्मिक जांच करें और असंग्दि  व्यक्तियों की धरपकड करे। कलेक्टर ने कहा कि परीक्षा की गोपनीयता बनाई रखी जाए। परीक्षा केन्द्रों पर नकलची छात्रों की किसी भी गलती को अनदेखा नही किया जाए और नकल पाई जाने पर तत्काल प्रकरण कायम किया जाए। परीक्षा केन्द्रों में चाक एवं डस्टर ले जाने पर प्रतिबंध रखे। कक्ष में पानी पिलाने वाले जाने वाले भृत्यों पर भी निगाह रखी जाए।

प्रश्न पत्र पर रोल नम्बर लिखाकर हस्ताक्षर कराए

       कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने बोर्ड परीक्षा को निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराने के लिए निर्देश दिए कि परीक्षा कक्ष में प्रश्न पत्र बांटने के साथ ही परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र पर रोल नम्बर लिखने और हस्ताक्षर करने के निर्देश दिए जाए। इस संबंध में केन्द्राध्यक्ष एवं सहायक केन्द्राध्यक्षों को उक्त कार्यवाही कराने के लिए दिए गये निर्देश पर अमल कराए।

 

लघु सिचाई के लिए नलकूप खनन योजना का लाभ ले

लघु सिचाई के लिए नलकूप खनन योजना का लाभ ले

भिण्ड 25 फरवरी 2010

       अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कृषिकों के लिए लघु सिंचाई के लिए नलकूप खनन योजना लागू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत उक्त वर्गो के कृषकों को सफल एवं असफल नलकूप खनन पर खनन लागत का 75 प्रतिशत अधिकतम 15 हजार रूपये जो कम होगा का अनुदान मिलेगा। इसी तरह सफल नलकूप पर पम्प स्थापित करने के लिए कृषकों को लागत का अधिकतम 75 प्रतिशत या 9 हजार रूपये जो भी कम होगा का अनुदान प्राप्त होगा। योजना का लाभ देने के लिए उक्त वर्गो के कृषक विकास खण्ड में संचालित वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी तथा जिला कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है।

 

जैविक कृषि से समुचित खाद्यान्न का उपात्दन संभव कृषकों से लाभ लेने की अपील

जैविक कृषि से समुचित खाद्यान्न का उपात्दन संभव कृषकों से लाभ लेने की अपील

नाडेप बनाने 50 प्रतिशत अनुदान का लाभ

भिण्ड 25 फरवरी 2010

       जैविक खेती से खाद्यान्न का समुचित उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित नही होता। इस पदति से खेती होने पर मिट्टी एवं पानी तथा हवा की गुणवत्ता खराब नही होती तथा दीर्घकालीन स्थिर उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिलती है। भिण्ड जिले में जारी वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 100 नाडेप तथा 500 वर्मीफिट्स, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 48 नाडेप और 188 वर्मीफिट्स तथा आईएनएम योजना में 182 वर्मी फिट्स निर्माण का लक्ष्य है। नाडेप बनाने वाले प्रत्येक हितग्राही को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 200 हजार रूपये का अनुदान दिया जाता है। वर्मी फिट्स बनाने वाले हितग्राहियों को अधिकतम 500 रूपये मिलता है। इच्छुक कृषक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय सहित जिला कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है।

       नाडेप टांके के निर्माण के लिए 10 फिट लम्बा 6 फिट चौडा और 3 फीट ऊंचा या 12 फीट लम्बा 5 फीट चौडा और 3 फीट की ऊचाई होना जरूरी है। नाडेप टांके के निर्माण के लिए ईटो को जोडकर टांका बनाया जाता है। ईटो को जोडते समय तीसरे,छटवें और नवे रद्दे में मधुमखी के क्षत्ते के समान 6 से 7 इंच के ब्लॉक के छेद छोड दिये जाते है।

       वर्मी कम्पोस्ट से भूमि में पाए जाने वाले नत्रजन्य स्फुर पुटास, कैल्शियम एवं सूक्षम तत्वों की उपलब्धता बढती है। सामान्यता 10 फीट लम्बा 5 फीट चौडा और डेढ फीट आकार का वर्मी कम्पोस्ट तैयार होता है।