सोमवार, सितंबर 28, 2009

विजय पर्व विजयादशमी की शुभकामनायें

विजय पर्व विजयादशमी की शुभकामनायें

आप सभी पाठकों, मित्रों, शुभचिन्‍तकों को ग्‍वालियर टाइम्‍स परिवार की ओर से, व्‍यक्तिगत मेरी ओर से विजय पर्व विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनायें , आपको सर्वत्र सर्व प्रकार, सर्वविधि दसों दिशाओं में विजय प्राप्‍त हो, सुख एवं खुशहाली प्राप्‍त हो । समृद्धि सदैव आपके चरण चूमे , हमारा देश खुशहाल हो, मंहगाई घटे, सभी मुस्‍कराते रहें हमारा देश समृद्ध और सदैव विजयी रहे । पुन:श्‍च विजयादशमी की शुभ कामनायें नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द'' , प्रधान संपादक ग्‍वालियर टाइम्‍स समूह

 

रविवार, सितंबर 27, 2009

भिण्‍ड कलेक्‍टर के.सी. जैन एवं भिण्‍ड एस.पी. डॉ. प्रसाद का निलंबन समाप्त

भिण्‍ड कलेक्‍टर के.सी. जैन एवं भिण्‍ड एस.पी. डॉ. प्रसाद का निलंबन समाप्त

Bhopal:Saturday, September 26, 2009

राज्य शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री के.सी. जैन का निलंबन समाप्त कर उन्हें बहाल करते हुए मंत्रालय, भोपाल में उप सचिव के पद पर पदस्थ किया है। श्री जैन को विगत 13 सितंबर को शासन द्वारा निलंबित किया गया था।

इसी प्रकार भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय पदस्थ किया गया है। डॉ. प्रसाद को 13 सितबंर को निलंबित किया गया था।

 

 

शनिवार, सितंबर 26, 2009

सी.बी.आई. मुरैना आई, भ्रष्‍टाचार, गबन, रिश्‍वतखोरी के खिलाफ छेड़ी मैदानी जंग, चम्‍बल में हडकम्‍प, रातो रात पड़े छापे

सी.बी.आई. मुरैना आई, भ्रष्‍टाचार, गबन, रिश्‍वतखोरी के खिलाफ छेड़ी मैदानी जंग, चम्‍बल में हडकम्‍प, रातो रात पड़े छापे

नरेन्‍द्र सिंह तोमर '' आनन्‍द' एवं असलम खान

मुरैना 26 सितम्‍बर 09, सी.बी.आई की मध्‍यप्रदेश शाखा ने भ्रष्‍टाचार, गबन और रिश्‍वतखोरी जैसे मामलों में आम जनता से जागृत, सचेत होने और सीधे सी.बी.आई से इसकी शिकायतें करने हेतु मुरैना में 23 सितम्‍बर को जागरूकता तथा सम्‍पर्क शिविर का आयोजन यहॉं कलेक्‍ट्रेट परिसर के डी.आर.डी.ए. हॉल में किया ।

सी.बी.आई. की मध्‍यप्रदेश शाखा के एस.पी. श्री योगेन्‍द्र कोयल और उनकी टीम सहित मुरैना के सी.एस.पी. श्री कमल मौर्य, जिले के पत्रकारगण तथा कुछ शिकायतकर्ता मौके पर मौजूद थे । सी.बी.आई भोपाल के एस.पी. श्री योगेन्‍द्र कोयल पत्रकारों से रूबरू होकर सी.बी.आई के कामकाज और कार्यप्रणाली पर विस्‍तृत प्रकाश डालते हुये पत्रकारों के सवालों के उत्‍तर भी देते रहे साथ ही मौके पर ही शिकायत कर्ताओं के आवेदन भी ग्रहण करते रहे ।

सी.बी.आई के मुरैना आने की खबर अंत तक गोपनीय रहने से यद्यपि अधिक शिकायत कर्ता वहॉं नहीं पहुँच सके लेकिन फिर भी दो शिकायत कर्ताओं ने अपने शिकायती आवेदन श्री कोयल को दिये ।

23 सितम्‍बर को ही भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष एवं मुरैना सांसद नरेन्‍द्र सिंह तोमर के अनेक व्‍यस्‍तता भरे कार्यक्रमों के कारण जहॉं प्रशासन और महत्‍वपूर्ण पुलिस अधिकारी इस खास मौके से वंचित रहे वहीं इतने महत्‍वपूर्ण शिविर को अंतिम समय तक गोपनीय रखे जाने से आम नागरिकों को भी इसकी भनक नहीं लग सकी ।

श्री कोयल ने सी.बी.आई द्वारा भ्रष्‍टाचार, गबन, और रिश्‍वतखोरी जैसे मामलों में पत्रकारों से चर्चा करते हुये उन्‍हें बताया कि आम जनता यानि कोई भी आम नागरिक सीधे सी.बी.आई को शिकायत कर सकता है तथा उन्‍होनें अपने फोन व मोबाइल नंबर एवं ई मेल पते भी पत्रकारों को उपलब्‍ध कराये एवं जनता के लिये इन्‍हें प्रकाशित कर सार्वजनिक करने का आह्वान भी किया । श्री कोयल ने बताया कि ये नंबर 24 घण्‍टे चालू रहते हैं और किसी भी समय उनसे कोई भी सम्‍पर्क कर सकता है ।

सी.बी.आई की कार्यप्रणाली और भ्रष्‍टाचार विरोधी मुहिम

श्री योगेन्‍द्र कोयल ने भारत सरकार और सी.बी.आई. द्वारा छेड़े गये भ्रष्‍टाचार, रिश्‍वतखोरी और गबन जैसे मामलों के खिलाफ मैदानी अभियान की भूमिका व कार्यप्रणाली पर विस्‍तृत प्रकाश डालते हुये बताया कि केन्‍द्र सरकार के किसी भी कार्यालय, केन्‍द्र सरकार के किसी लोक उपक्रम, कार्पोरेट सेक्टर, लोक उद्यम, केन्‍द्र सरकार के किसी भी विभाग, बीमा, बैंक, डाकघर , रेल्‍वे, आयकर, क्रेडिटकार्ड, केन्‍द्र सरकार की योजनाओं, भारत सरकार द्वारा सीधे अनुदानित स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं के मामलों में भ्रष्‍टाचार , गबन, एवं रिश्‍वतखोरी के मामले सीधे ही सी.बी.आई स्‍वयं हैण्‍डल करती है और त्‍वरित एवं तत्‍पर सीधी कार्यवाही करती है ।

राज्‍य सरकार के ऐसे सभी विभाग या कार्यालय जो कहीं से पार्शियली या अंशत: या सारत: केन्‍द्र सरकार से निधि संबद्ध या धन प्राप्‍त होकर संचालित, मानिटर्ड या प्रशासित है उनसे संबंधित मामले भी सी.बी.आई राज्‍य सरकार से सहबद्ध होकर हैण्‍छल करती है इनके भी भ्रष्‍टाचार, गबन और रिश्‍वत से जुड़ मामले सी.बी.आई को भेजे जा सकते हैं ।

राज्‍य सरकार के पिभागों, कार्यालयों, लोक उपक्रमों, लोक उद्यमों एवं लोक सेवाओं, अधिकारीयों कर्मचारीयों से जुड़े भ्रष्‍टाचार, गबन और रिश्‍वत के मामले भी सी.बी.आई. को भेजे जा सकते हैं, ऐसे मामलों में सी.बी.आई. अपने कव्‍हर नोट के साथ राज्‍य सरकार की संबंधित जॉच या अपराध जॉच एजेन्‍सी की ओर प्रकरण अग्रेषित कर राज्‍य सरकार की सम्‍बन्धित अपराध शाखा या जॉच एजेन्‍सी मसलन आर्थिक अपराध अन्‍वेषण ब्‍यूरो, लोक आयुक्‍त, या सतर्कता विभाग को त्‍वरित व तत्‍पर कार्यवाही करने के लिये आग्रह करती है तथा मामले के अंत तक उस पर नजर रखती है ।

श्री कोयल ने किसान क्रेडिट कार्ड , किसान ऋण योजनाओं, स्‍वरोजगार योजनाओं, बेरोजगारों के शोषण आदि से जुड़े मामले भी सी.बी.आई. को दिये जाने का आग्रह किया ।

मौके पर हुयी दो शिकायतें

सम्‍पर्क शिविर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान ही दो आवेदक श्री कोयल से मिले और अपनी शिकायतें उन्‍हें सौंपी । एक आवेदक पहले से ही अपनी शिकायत लिखित तौर पर तैयार कर के लाया था (संभवत: उसे पहले से ही सी.बी.आई के आने की जानकारी थी, वह पूरी तैयारी से आया था) दूसरा आवेदक एक महिला थी जिसे शायद अचानक जानकारी मिली थी और बिना तैयारी के आयी थी जिस पर श्री कोयल ने उसे अपनी शिकायत लिखित रूप से विवरण रूप में बताने का निर्देश दिया और उसने अपनी शिकायत वहीं जल्‍दी जल्‍दी लिखी और श्री कोयल को सौंपी ।

लालौर मुरैना के सत्‍यनारायण शर्मा ने अपनी शिकायत सौंपते हुये बताया कि उनके नाम पर उनकी जमीन को मार्टगेज कर किसी ने यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया से 2 जाख रूपये का ऋण ले लिया है और उन्‍होंने खुद कभी बैंक से कोई ऋण नहीं लिया और अब उनसे जबरदस्‍ती बैंक द्वारा 1 लाख 65 हजार रूपये की पैनल्‍टी सहित ऋण वसूली की जा रही है, उनके द्वारा पुलिस में एफ.आई.आर. भी दर्ज करायी गयी किन्‍तु आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुयी, पत्रकारों ने बताया कि मुरैना की बैंकों में यह आमतौर पर वर्षों से चल रहा है और ऐसे सैकड़ों मामले हैं जिनमें किसी के भी नाम पर किसी अन्‍य ने फर्जी ऋण निकाल लिये हैं जिसमें अंचल में अनेक दलाल सक्रिय है तथा बैंक प्रबंधन इसमें अपने दलालों के माध्‍यम से कूटरचना व जालसाजी करके किसी के भी नाम पर कोई भी ऋण निकाल लेता है । सी.बी.आई ने सारी टिप्‍स एवं पाइण्‍टस नोट कर लिये तथा सत्‍यनारायण शर्मा नामक किसान का मामला अपने संज्ञान में लेकर कार्यवाही के लिये ग्रहण कर लिया ।

कल्‍पना मुदगल नामक युवती ने अपनी शिकायत करते हुये बताया कि वह एक एन.जी.ओ. चलाती है (कल्‍पना मुदगल के एन.जी.ओं. के खिलाफ मुरैना के तत्‍काली कलेक्‍टर राधेश्‍याम जुलानिया ने फर्जी कार्यवाही कर अनुदान हड़पने और जालसाजी का मामला पुलिस में पंजीबद्ध कराया था यह मामला लंबित है) कल्‍पना मुदगल की शिकायत थी कि उसके एन.जी.ओं के बैंक खाते से उसी के एन.जी.ओं. के अन्‍य पदाधिकारीयों ने उसके फर्जी हस्‍ताक्षर बना कर पूरा बैंक खाता साफ कर दिया है, उसने मामले की पुलिस एफ.आई.आर. भी दर्ज करायी लेकिन अभी तक उसे न्‍याय नहीं मिला है ।

पत्रकारों ने की व्हिसिल ब्‍लोइंग

पत्रकारों ने श्री कोयल के साथ चर्चा में भाग लेते हुये कई मामलों की व्हिसिल ब्‍लोइंग की पत्रकारों ने श्री कोयल कों किसानों के सहकारी समितियों द्वारा वर्षों से फर्जी बीमों और क्‍लेम मांगने पर क्‍लेम न मिलने तथा बीमा कम्‍पनीयों द्वारा यह कहे जाने पर कि सम्‍बन्धित सहकारी समिति ने उनके यहॉं कोई पैसा नही जमा कराया के लम्‍बे चौड़ फर्जीवाड़े, स्‍कूल शिक्षा विभाग में छात्रों के फर्जी बीमा किये जाने और सरकारी स्‍कूलों के छात्रों को आज तक कभी कोई क्‍लेम न मिलने, जिला शिक्षा विभाग द्वारा बीमा कम्‍पनीयों से सांठगॉंठ कर लाखों करोड़ो छात्र बीमा के फर्जीवाड़े, एन.जी.ओ. मूवमेण्‍ट के नाम पर जिले की फर्जी स्‍वयंसेवी संस्‍थाओ द्वारा करोड़ों रू. फर्जीवाड़ा कर हड़पने उनके साथ भारत सरकार के और मध्‍यप्रदेश सरकार के अधिकारीयों से सीधे सांठगांठ कर करोड़ों रू. का प्रतिवर्ष फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट की ओर भी ध्‍यान आकर्षित कराया । इस सम्‍बन्‍ध में कुछ पत्रकारों ने सी.बी.आई. को साक्ष्‍य सबूत देने और भारत सरकार द्वारा फर्जी व फरार घोषित संस्‍थाओं को मुरैना में प्रशासन व राज्‍य सरकार के साथ कई कार्यक्रमों में कार्य करने की जानकारी भी उपलब्‍ध कराई तथा भारत सरकार एवं राज्‍य सरकार से अनुदानित स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 4 के तहत कार्यवाही न करने, अपनी सूचनायें व जानकारीयॉं सार्वजनिक न करने, इण्‍टरनेट पर प्रकाशित न करने फण्‍ड, पदाधिकारी, व हितग्राहीयों की सूची सार्वजनिक न किये जाने पर भी सी.बी.आई. को व्हिसिल ब्‍लोइंग की । इसके अलावा करीब दो दर्जन और भ्रष्‍टाचार, गबन तथा रिश्‍वत से जुड़े अपराधों की व्हिसिल ब्‍लोइंग की गयी ।

सायबर क्राइम पर मौन रहा

हालांकि सायबर क्राइम से जुड़े अपराध सी.बी.आई के हिट लिस्‍ट में हैं लेकिन मुरैना में सायबर क्राइम पर मौन छाया रहा और न पत्रकारों ने न सी.बी.आई ने इस विषय को चर्चा में लिया ।

पब्लिक नेटवर्क बनाने की मुहिम

सी.बी.आई. ने खास वजह बताते हुये कहा कि जिन जिलों में सी.बी.आई. का पर्याप्‍त नेटवर्क नहीं हैं वहॉं सी.बी.आई. अपना पब्लिक नेटवर्क तैयार कर रही है एक सक्रिय, सक्षम व सशक्‍त पब्लिक नेटवर्क तैयार करना जो कि सी.बी.आई. का सहयोगी नेटवर्क हो सी.बी.आई का प्रमुख उद्देश्‍य है तथा मुरैना जिला  ऐसे ही एक जिला है जहॉं हमें अपना नेटवर्क खड़ा करना है और हमने आज इसकी इस सम्‍पर्क शिविर के साथ शुरूआत की है । हम जिला स्‍तरीय कार्यक्रम चला रहे हैं और आगे सभी जिलों में ऐसे कार्यक्रम चलाये जायेंगें, हम चाहते हैं कि भ्रष्‍टाचार, गबन और रिश्‍वतखोरी के खिलाफ लोग खुलकर मुखर होकर सामने आयें, सी.बी.आई. से जुड़ें ।

सी.बी.आई को करें शिकायत तभी मिटेगा भ्रष्‍टाचार

श्री कोयल ने कहा कि हर जगह भ्रष्‍टाचार है, गबन और रिश्‍वतखोरी है लेकिन जब त‍क आप हमें शिकायत नहीं करेंगे, सुराग या साक्ष्‍य नहीं देंगे तब तक हम कार्यवाही कर पाने में असमर्थ रहते हैं हमें आप खबर दीजिये या सुराग दीजिये हम कार्यवाही करेंगें । श्री कोयल ने यहॉं तक कहा कि आप तो बस हमें सुरागी संकेत दे दीजिये बकाया काम हम कर लेंगे ।

चड्डी गीली हो जाती है सी.बी.आई के नाम से

एक पत्रकार द्वारा बार बार कई बार यह पूछे जाने और दोहराये जाने पर कि साहब पुलिस के नाम से तो लोगों को पसीने आते हैं लेकिन आपके नाम से तो आदमी की सीधी चड्डी गीली हो जाती है अगर कोई किसी की झूठी खबर आपको दे दे तो कोई तो मुफत में ही मारा जायेगा और उसकी चड्डी गीली हो जायेगी । इस पर श्री कोयल ने पहले तो कोई जवाब देना उचित नहीं समझा लेकिन बार बार पूछे जाने पर उन्‍होंने बताया कि हम हर खबर का हर सूचना का गोपनीय तरीके से पहले सत्‍यापन कराते हैं और सत्‍यता की सुगंध पाने के बाद ही कार्यवाही करते हैं और फिर कार्यवाही में देर नहीं लगाते । सबूत बटोरना हमारा काम है हमारे शिकायत कर्ता का नहीं और यदि इसके बाद भी अगर सूचना गलत पायी गयी तो हम अपनी कमजोरी इसे मानते हैं अपने सूचनाकर्ता या शिकायतकर्ता की नहीं और हम अपने खबर देने वाले को सुरक्षा व संरक्षण देते हैं पुलिस की तरह उसे उल्‍टा नहीं पुलिस केस में फंसा देते । उल्‍लेखनीय है कि सम्‍बन्धित पत्रकार प्रसिद्ध वकील भी था और अनेक भ्रष्‍टों का संरक्षक एवं शासकीय कम्‍पनीयों तथा सी.बीआई के निशाने पर कम्‍पनीयों, विभागों व अधिकारीयों का अभिभाषक है । पत्रकार की चिन्‍ता ताड़ते हुये ग्‍वालियर टाइम्‍स से सी.बी.आई. के एक अधिकारी ने अलग से गोपनीय चर्चा में अंतत: पूछ ही लिया कि यह श्रीमान कहीं किसी निशाने से तो नहीं जुड़े है इनकी चड्डी गीली क्‍यों हो रही है ।

रातोंरात मचा हड़कम्‍प और धड़ाधड़ हुयी छापेमारी

सी.बी.आई की शहर और अंचल में हरकत की खबर से मुरैना के कई सरकारी विभागों और कार्यालयों में हड़कम्‍प मच गया । और मुरैना सांसद नरेन्‍द्र सिंह तोमर के शाम तक चले कार्यक्रमों से फारिग होने के बाद कई विभागों ने फटाफट अपने रिकार्ड खंगालने और फूंकने तथा ओ.के करना शुरू कर दिये । रात 9 बजे से रात 1 बजे तक कई स्‍वयंसेवी अनुदानित संस्‍थाओं के कार्यालयों, छात्रावासों और संस्‍थाओं पर प्रशासन छापेमारी करता रहा । पिछले तीन दिन से चल रहा छापा मारी एपीसोड और एन.जी.ओं. की खाना तलाशी अभी तक जारी है । सूत्र बताते हैं कि दो चार एन.जी.ओं. लपेट में आभी गये हैं । एन.जी.ओ; की खाना तलाशी के लिये विशेष तौर पर पेजीयक फर्म्‍स एवं संस्‍थायें म.प्र ग्‍वालियर भी टीम के साथ घूम रहे है , उधर खबर है कि सी.बी.आई गोपनीय तौर पर अभी चम्‍बल में ही डेरा डाले हुये है और ग्‍वालियर चम्‍बल में कई मामलों के सुराग टटोल रही है ।

सी.बी.आई के सम्‍पर्क्‍ पते कैसे करें शिकायत

समाचार काफी विस्‍तृत हो जाने के कारण हम सी.बी.आई के सम्‍पर्क पते व सम्‍पर्क एवं शिकायत के तरीके पृथक से देंगें तथा वेबसाइट पर सी.बी.आई से सम्‍पर्क लिंक और जानकारी भी उपलब्‍ध करायेंगे साथ ही मातृ संस्‍था प्रसिद्ध स्‍वयंसेवी संस्‍था नेशनल नोबल यूथ अकादमी एवं ग्‍वालियर टाइम्‍स संयुक्‍त रूप से चम्‍बल में सी.बी.आई. को भ्रष्‍टाचार गबन और रिश्‍वत से जुड़ी शिकायतों को पहुँचाने के निये पर्चा पेम्‍पलेट छपवा कर बंटवाने ग्रामीण शिविर आदि लगा कर भी जागस्‍कता व प्रचार प्रसार करेंगें जिसमें सी.बी.आई को शिकायत करने तथा संपर्क तरीके आदि प्रमुख रूप से प्रचारित किये जायेंगे । अधिक जानकारी के लिये लॉगइन करें www.gwaliortimes.com     Or On Direct C.B.I. Website  www.cbi.gov.in    

 

शुक्रवार, सितंबर 25, 2009

जनसम्पर्क कर्मचारियों ने श्री वशिष्ठ को भावभीनी विदाई दी

जनसम्पर्क कर्मचारियों ने श्री वशिष्ठ को भावभीनी विदाई दी

भिण्ड 23 सितम्बर 2009

भिण्ड/ जिला जनसम्पर्क कार्यालय भिण्ड के कर्मचारियों द्वारा जिला जनसम्पर्क अधिकारी श्री अनिल कुमार वशिष्ठ को भावभीनी विदाई कार्यालय परिसर में दी गई। इस मौके पर एनआईसी प्रमुख श्री अजय त्रिपाठी, एसडीएम लहार श्री एसके दुबे, जिला कोषालय अधिकारी श्री योगेन्द्र सिंह भदौरिया व कार्यालय के समस्त कर्मचारीगण उपस्थित थे।

      इस मौके पर जनसम्पर्क अधिकारी श्री अनिल कुमार वशिष्ठ का स्थानांतरण भिण्ड कार्यालय से संभागीय कार्यालय ग्वालियर हो जाने पर कार्यालय के कर्मचारियों ने माल्यार्पण कर भावभीनी विदाई दी। विदाई देने वालों में कार्यालय के बडे बाबू श्री रघुवीर सिंह, श्री अंगद सिंह पाल, श्री सुदामा प्रसाद, श्री विनोद यादव, श्री रमेश सिंह भदौरिया, श्री रामदीन जाटव, श्री बडेलाल ओझा आदि शामिल थे।

 

जनसम्पर्क अधिकारी श्री अनिल कुमार वशिष्ठ का विदाई समारोह सम्पन्न

जनसम्पर्क अधिकारी श्री अनिल कुमार वशिष्ठ का विदाई समारोह सम्पन्न

भिण्ड 23 सितम्बर 2009

      जिला जनसम्पर्क अधिकारी श्री अनिल कुमार वशिष्ठ को पत्रकार समूह द्वारा सर्किट हाउस में भावभीनी विदाई देने का कार्यक्रम रखा गया कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार सांसद प्रतिनिधि श्री अजय शर्मा द्वारा किया एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रधान संपादक संजय की आंख ने की। इस मौके पर संचालन कार्य को गति देते हुये श्री शर्मा द्वारा सभी समाचार पत्रों के पत्रकारों द्वारा विदाई सम्बन्धित उद्गार प्रस्तुत किए गये। विशेष रूप से चौथी दुनिया के ब्यूरों प्रमुख श्री मुकेश मिश्रा द्वारा इस कार्यक्रम में अहम भूमिका अदा की गई।

      श्री मिश्रा द्वारा जनसम्पर्क अधिकारी के कार्य व्यवहारिता, दक्षता एवं कर्त्वयता का सटीक उदाहरण प्रस्तुत कर श्री वशिष्ठ को नैतिक एवंर् कत्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में सराहा गया। विदाई समारोह में उपस्थित पत्रकारो द्वारा उत्कृष्ट कण्ठ से श्री वशिष्ठ के कार्य व्यवहार की प्रशंसा की। अध्यक्षता करते हुये श्री एसएस सिकरवार ने अपने उदबोधन में कहा कि श्री अनिल कुमार वशिष्ठ की कार्य शैली व्यक्तित्व एवं कृतित्व के दोनो ही धारा है। समाज एवं पत्रकार जगत के लिए निर्णित रही जो एक याददास्त रहेगी। प्रमुख रूप से उदबोधन में श्री मायाराम मिश्रा ने कहा कि श्री वशिष्ठ जी का स्थानांतरण भले ही हो गया हो लेकिन वो हमेशा पत्रकारों के दिलों में रहेगें। अन्य उदबोधन देने वालों में श्री गुणाकेश पाराशर, श्री किशोर शर्मा, श्री सुभाष त्रिपाठी, श्री मनोज कटारे, श्री अशोक सिंह भदौरिया एडवोकेट, श्री भारत सिंह रावत, श्री विकास जोशी, श्री गणेश भारद्वाज, श्री प्रवीण परिहार, श्री सोरभ शर्मा, श्री अजय शर्मा, श्री संतोष शर्मा, श्री अनिल भारद्वाज, श्री मनोज श्रीवास, श्री बबलू शर्मा, श्री रामेन्द्र सिंह चौहान, जनसम्पर्क विभाग के बडे बाबू श्री रघुवीर सिंह, श्री अंगद सिंह पाल, श्री सुदामा प्रसाद, श्री विनोद यादव, श्री रमेश सिंह भदौरिया, श्री रामदीन जाटव, श्री बडेलाल ओझा आदि शामिल थे।

 

गुरुवार, सितंबर 24, 2009

नकली घी, खोआ का उत्पादन व विक्रय धारा 144 के तहत प्रतिबंधित

नकली घी, खोआ का उत्पादन व विक्रय धारा 144 के तहत प्रतिबंधित

भिण्ड 23 सितम्बर 2009

      कलेक्टर श्री सुहेल अली द्वारा नकली घी, मिलावटी खोआ एवं मिठाईयाँ अन्य दुग्ध उत्पादन बनाने तथा विक्रय किया जाना दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है।

      श्री अली ने कहा कि वर्तमान में नवदुर्गा, दशहरा एवं दीपावली आदि बडे त्यौहारों का माह चल रहा है इस समय आम जनता के बीच खोवा, घी एवं अन्य दुग्ध पदार्थो से निर्मित मिठाईयों का उपयोग एवं खपत काफी मात्रा में बड़ जाती है इनका सेवन सभी आयु एवं वर्गो के लोग करते है। जिला दण्डाधिकारी भिण्ड में रूप में मेरे संज्ञान में आम/नागरिकों द्वारा सीधे, कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के माध्यम से तथा दूरभाष पर समय समय पर प्राप्त गुप्त सूचनाओं से यह बात आई है कि कतिपय मिलावट खोर, असामाजिक तत्वों द्वारा घी, खोवा एवं अन्य दुग्ध उत्पादों की ज्यादा खतप होने के कारण बडी मात्रा में मिलावटी एवं नकली उत्पाद अवैध रूप से बनाकर बाजार में खपाने का प्रयास किया जा रहा है। इन नकली/ मिलावटी उत्पादों से भिण्ड जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर आसन्न खतरा उत्पन्न हो गया है जिसका तत्काल निवारण किया जाना आवश्यक है। इस आसन्न खतरे से भिण्ड जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के लागू कर दी गई है। जिसके तहत भिण्ड जिले की सीमा के अन्दर किसी भी व्यक्ति द्वारा नकली व मिलावटी घी, खोवा एवं मिठाईयां अन्य दुग्ध, उत्पाद ना तो बनाये जाने और ना ही उनका विक्रय किया जाये।

जिला दण्डाधिकारी द्वारा तथा उनके द्वारा अधिकृत कार्यपालिक दण्डाधिकारी तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी भी स्थल पर नकली व मिलावटी घी, खोवा एवं अन्य दुग्ध उत्पाद बनने एवं विक्रय होने की सूचना पर उसका निरीक्षण किया जा सकता है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सक्षम प्राधिकारी द्वारा ऐसी सामग्री का सैप्पल लिया जा सकता तथा यदि निरीक्षण में प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि किसी प्रकार का नकली व मिलावटी, घी, खोवा एवं मिठाईयों अन्य दुग्ध उत्पाद बनाया जा रहा है अथवा विक्रय किया जा रहा है तो उसे तत्काल प्रभाव से जप्त किया जा सकेगा। यह आदेश जप्त सामग्री का निष्पादन खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सक्षम प्राधिकारी द्वारा लिये गये सैम्पल की प्रयोग शाला रिपोर्ट में सामग्री नकली एवं मिलावटी पाई जाती है तो ऐसी सामग्री का विनष्टीकरण कर अन्य वैधानिक प्रावधानों के अन्तर्गत दोषी व्यक्ति के विरूद्व कार्यवाही की जावेगी तथा इस आदेश के उल्लघंन स्वरूप पुलिस द्वारा भी नियमानुसार पृथक से कार्यवाही की जावेगी। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान यदि ऐसे कोई संस्थान जिसमें नकली व मिलावटी की सूचना प्राप्त हुई हो तो वह निरीक्षण के समय बंद पाया जाये और सत्यसमय स्थल पर मौजूद व्यक्तियों तथा पास पडोस के निवासियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर यदि इस बात की युक्तियुक्त संभावना प्रतीत हो कि उस स्थल पर नकली व मिलावटी घी, खोवा एवं अन्य दुग्ध उत्पाद का विक्रय चलता रहा है तो ऐसे स्थल को सील्ड किया जावेगा तथा संस्था के संचालक/ स्वामी के मिलने पर संस्थान को खुलवाकर उसका निरीक्षण कर कार्यवाही की जा सकेगी। उपरोक्तानुसार आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा तथा आदेश दिनांक से 23 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा।

 

सोमवार, सितंबर 21, 2009

हरित क्रांति की दिशा में पावर टिलर (मिनी ट्रेक्टर) का अभियान बना शहडोल के आदिवासी काश्तकारों के लिए वरदान

हरित क्रांति की दिशा में पावर टिलर (मिनी ट्रेक्टर) का अभियान बना शहडोल के आदिवासी काश्तकारों के लिए वरदान

 

जे.पी. धौलपुरिया, उपसंचालक, जनसम्‍पर्क कार्यालय, शहडोल म.प्र.

 

 शहडोल 20 सितम्बर 2009/ताबड़तोड़ पावरटिलर (मिनी टे्रक्टर) वितरण करने के कृषि विभाग के कदम से शहडोल के गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले आदिवासियों की काश्तकारी में चमक लौट आई है और उनके लिए यह वरदान साबित हुए हैं। उनकी आर्थिक एवं सामाजिक हैसियत में सुधार आया है। इस बदलाव की मिसाल बने हैं शहडोल जिले के दूरवर्ती और पिछड़े गांवों के 60 स्व-सहायता समूहों के 639 गरीब आदिवासी काश्तकार, जिनने पावर टिलर की मदद से तथा अपनी मेहनत और लगन से अपनी फसल का उत्पादन दो गुना कर लिया है।

 

       राज्य सरकार ने तकनीकी दक्षता वाले पावर टिलर देकर हताश गरीब आदिवासी काश्तकारों को नई रोशनी दी है। इसे अपने खेतों में चलाकर आदिवासी काश्तकार बिना किसी लागत के अपने खेतों की जुताई और फसलों की मचाई कर सकते हैं। पावर टिलर का खेतों में प्रचलन बढ़ने से निश्चित रूप से आदिवासी काश्तकार समूहों का कारोबार बढ़ा है। इन काश्तकारों के समूहों में जैसिंहनगर के खुशरबा के एक ज्वालामुखी स्व-सहायता समूह के आठ काश्तकार सदस्यों के 30 एकड खेतों में जुताई होती है । समूह के अध्यक्ष श्री मानसिंह बताते हैं कि पहले बैलों से चार एकड़ में जुताई करने पर पन्द्रह-बीस दिन का समय लग जाता था । पर अब पावर टिलर से एक ही दिन में जुताई हो जाती है। साथ ही दूसराें के खेतों में जुताई करने और खाद, मिट्टी, ईटों की ढुलाई करने से अतिरिक्त आमदनी भी हो जाती है।

 

       खेतों में जुताई और मचाई करने तथा काश्तकारों की बेहतरी के लिए कृषि लागत व समय बचाने के साथ पावर टिलर अन्य तरीकों से कमाई का उपयुक्त माध्यम भी बन रहे हैं। इससे इन काश्तकारों के खेतों की माटी गुलजार हो गई है। आमतौर पर साधनाें के अभाव में गरीब काश्तकार बैलों से ही खेतों में जुताई करते थे। असिंचित क्षेत्र में सिर्फ एक ही फसल ले पाते थे। इस एक फसल में भी उत्पादन कम होने से जो मिला उसी से काम चलाना पड़ता था। गुजरबसर के लिए उन्हें दूसरों के यहां दिहाड़ी मजदूरी करनी पड़ती थी । जिले के छत्तीसगढ़ की सीमा पर बसे गांव बरगवां के पन्द्रह सदस्यीय सिंह वाहिनी स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष  बिहारी पाव बताते है कि पहले बैलों से खेतों में जुताई करने से उतना उत्पादन नहीं हो पाता था । लिहाजा दूसराें के यहां मजदूरी करके आजीविका चलानी पड़ती थी । अब पावर टिलर से खेतों में उत्पादन दो गुना हो जाने से आय बढ़ गई है। पावर टिलर का अन्य कार्यो में भी उपयोग होने से आमदनी बढ़ गई है। उन्हें अब दूसरों के यहां मजदूरी करने नहीं जाना पड़ता।

 

       गरीब आदिवासी काश्तकारों की बेहतरी के लिए जिले में 60 स्व-सहायता समूहों के 639 काश्तकारों को 95.28 लाख रूपये के अनुदान पर 60 नग पावरटिलर अब तक दिए जा चुके हैं। इनके साथ ट्राली, कैजव्हील, सीडड्रिल आदि भी दिए गए हैं। इससे इनने स्वयं की 1752 एकड़ भूमि पर जुताई कर आमदनी बढ़ाई है। ये अन्य काश्तकारो की करीब 1800 एकड़ भूमि पर भी जुताई कर कमाई कर रहे हैं। जब ये बैलों से जुताई करते थे तो खाद, बीज आदि की समय पर व्यवस्था नहीं कर पाते थे । साथ ही खेतों की जुताई, मताई (मचाई) कार्य समय पर तथा अच्छे तरीके से नहीं कर पाने के कारण बोआई व रोपाई कार्य में भी प्राय: देरी हो जाया करती थी, जिससे गरीब आदिवासी काश्तकार अधिकतम मात्र तीन-चार क्विं0 प्रति एकड़ धान का औसत उत्पादन ही ले पाते थे । पर अब यही उत्पादन बढ़कर छ:-सात क्विं0 प्रति एकड़ हो गया है। धान की उपज भी बढ़कर दो गुनी हो गई ह,ै जिससे उन्हें चार-पांच हजार रूपये प्रति एकड़ अतिरिक्त आय अर्जित हो रही है। जिनके यहां सिंचाई के साधन है, वे अब दो फसलें ले रहे हैं। ये 60 स्व-सहायता समूहों के 639 काश्तकारों द्वारा 1752 एकड़ जमीन पर धान की खेती करके उन्हें 25 से 30 लाख रूपये की अतिरिक्त आय होने से उनके जीवन में खुशहाली आ गई है । हरित क्रांति के संवाहक बने हुए पावरटिलर की उपयोगिता के बार में शहडोल के उपसंचालक कृषि श्री के.एम. टेकाम कहते हैं कि पावरटिलर के इस्तेमाल से गरीब आदिवासी काश्तकारों की माली हालत में सुधार हो रहा है। वे अब अच्छी खेती कर रहे हैं और दूसरों के यहां किराए पर पावर टिलर देकर भी आमदनी कर रहे हैं। और भी जरूरतमंद गरीब आदिवासी काश्तकारों को अनुदान पर पावरटिलर मुहैया कराए जाएगें ।

 

शुक्रवार, सितंबर 18, 2009

दुर्घटना में मृत मजदूर के परिजनों को मिलेगा एक लाख रूपये का मुआवजा

दुर्घटना में मृत मजदूर के परिजनों को मिलेगा एक लाख रूपये का मुआवजा (विश्वकर्मा जयन्ती – 17 सितम्बर)

श्रम राज्य मंत्री श्री करण सिंह वर्मा की घोषणा

 

Bhopal:Thursday, September 17, 2009

 

मध्यप्रदेश में अब दुर्घटना के कारण मरने वाले किसी भी क्षेत्र के मजदूर के परिजनों को एक लाख रूपये का मुआवजा दिया जाएगा। अभी तक केवल निर्माण श्रमिकों के परिजनों को ही दुर्घटना में मृत्यु होने पर एक लाख रूपये की सहायता राशि दी जाती है।

·                     दुर्घटना में मृत श्रमिकों के परिजनों को मिलेगा 1 लाख रूपये का मुआवजा

·                     अभी तक केवल निर्माण श्रमिकों के परिजनों को मिलती थी यह राशि

·                     श्रम मंत्री की श्रमिकों से अधिकाधिक पंजीयन की अपील

·                     पंजीयन से मिलता है कल्याणकारी योजनाओं का लाभ

·                     श्रम मंत्री द्वारा कार्यक्रम में सहायता राशि के चेक वितरित

·                     सहायता प्रसूति, विवाह, मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत दी गई

श्रम एवं राजस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री करण सिंह वर्मा ने उक्त घोषणा आज यहां विश्वकर्मा जयंती पर श्रमिकों के लिए आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में दी। श्रम राज्य मंत्री ने इस अवसर पर श्रमिकों को प्रसूति सहायता योजना, विवाह सहायता योजना और मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत सहायता राशि के चेक भी वितरित किए। कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त रूप से म.प्र. श्रम कल्याण मण्डल और मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा किया गया।

श्रम राज्य मंत्री श्री वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिस तरह भगवान ब्रह्मा के पुत्र विश्वकर्मा ने सृष्टि, लंका नगरी, द्वारिका नगरी आदि की रचना की वैसे ही श्रमिक देश और प्रदेश के निर्माण का आधार हैं। श्री वर्मा ने श्रमिकों से अपील की कि वे हर हाल में अपना पंजीयन सुनिश्चित करायें ताकि उन्हें शासन द्वारा मजदूरों के लिए विवाह, शिक्षा, दुर्घटना, प्रसूति, उपचार आदि के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। श्री वर्मा ने मजदूरों से छोटा परिवार रखने की भी गुजारिश की ताकि वे अपने बच्चों की बेहरत परवरिश कर उन्हें खुशहाल नागरिक बना सकें। श्री वर्मा ने श्रम विभाग के अधिकारियों को गांव-गांव में शिविर लगाकर अधिक से अधिक श्रमिकों का पंजीयन करने के निर्देश दिए।

 

गुरुवार, सितंबर 17, 2009

स्कूलों में पितृ मोक्ष अमावस्या के अलावा दशहरा-दीपावली पर ग्यारह दिन अवकाश रहेगा, साल भर केअवकाश घोषित

स्कूलों में पितृ मोक्ष अमावस्या के अलावा दशहरा-दीपावली पर ग्यारह दिन अवकाश रहेगा

Bhopal:Wednesday, September 16, 2009

मध्यप्रदेश में राज्य सरकार की पहल पर इस साल सर्वपितृमोक्ष अमावस्या, दशहरा और दीपावली के अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के अधीनस्थ संस्थाओं में बारह दिन का अवकाश रहेगा। राज्य सरकार ने यह निर्णय चालू शिक्षा सत्र के अप्रैल माह से शुरू होने के एवज में किया है। इस वर्ष अप्रैल माह में सभी स्कूल प्रारंभ हो गये थे। ग्रीष्मावकाश के बाद पुन: एक जुलाई से स्कूल प्रारंभ हुए, तब से स्कूलों में नियमित रूप से पढ़ाई जारी है। स्कूलों में अवकाश की घोषणा पूर्व में स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस भी कर चुकी है। शासन द्वारा इस संबंध में गत माह आदेश भी जारी किये जा चुके हैं।

शासन के आदेश के मुताबिक सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर 18 सितम्बर को स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। साथ ही 26 सितम्बर से 30 सितम्बर तक पांच दिन का दशहरा अवकाश तथा 14 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक 6 दिन का दीपावली अवकाश भी घोषित किया गया है। सभी शासकीय स्कूलों में 25 दिसम्बर से 27 दिसम्बर तक तीन दिन का शीतकालीन अवकाश रहेगा।

इस प्रकार शिक्षकों के लिए एक मई 2010 से 23 जून 2010 तक 54 दिवसों का ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा। वहीं एक मई 2010 से 30 जून 2010 तक का 61 दिवसों का ग्रीष्मकालीन अवकाश विद्यार्थियों के लिए रहेगा। पचमढ़ी में शिक्षकों का 48 दिवसीय ग्रीष्मकालीन अवकाश 9 जुलाई से 25 अगस्त तक रहेगा। विद्यार्थियों के लिए यह अवकाश एक जुलाई से 30 अगस्त तक का रहेगा, जिसकी अवधि 61 दिन की होगी।

उल्लेखनीय है कि चालू शिक्षा सत्र में इस साल अप्रेल से स्कूल प्रारंभ हो गये थे। बाद में ग्रीष्मावकाश के बाद जुलाई में पुन: स्कूल प्रारंभ हुए, जहां पहले दिन से ही पढ़ाई की विधिवत शुरूआत हो गई थी।

 

 

कब रहेगा अवकाश

 सर्वपितृमोक्ष अमावस्या

 18 सितम्बर 2009

 दशहरा अवकाश

 26 सितम्बर से 30 सितम्बर

 दीपावली अवकाश

 14 अक्टूबर से 19 अक्टूबर

 शीतकालीन अवकाश

 25 दिसम्बर से 27 दिसम्बर

 ग्रीष्मकालीन अवकाश

 1 मई 2010 से 23 जून 2010 (54 दिवस) शिक्षकों के लिए 1 मई से 30 जून तक (61 दिवस) विद्यार्थियों के लिए

 ग्रीष्मकालीन अवकाश(पमचढ़ी हेतु)

 9 जुलाई से 25 अगस्त (48 दिवस) शिक्षकों के लिए 1 जुलाई से 30 अगस्त (61 दिवस) विद्यार्थियों के लिए

 

बुधवार, सितंबर 16, 2009

ग्रामीण पेयजल आपूर्ति - सफलताएं और पहल

ग्रामीण पेयजल आपूर्ति - सफलताएं और पहल

भारत सरकार केन्द्र द्वारा प्रायोजित त्वरित ग्रामीण जल आपूर्ति कार्यक्रम के अंतर्गत सभी राज्यों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है, 01.04.2009 से इस कार्यक्रम का नाम अब राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम रखा गया है । इस कार्यक्रम में कई घटक हैं, जिनपर पहली अप्रैल 2009 से अमल शुरू किया जाएगा ।

भौतिक प्रगति

       भारत-निर्माण अवधि के दौरान जिन 55,067 बस्तियों को यह सुविधा मुहैया नहीं कराई जा सकी थीं और जो लगभग 3.31 लाख बस्तियां इससे से वंचित रह गयी थीं, उन्हें पेय जल सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी और 2.17 लाख बस्तियों की जल गुणवत्ता समस्या को दूर किया जाना है । 55,067 बस्तियों में से 54,430 बस्तियों में समस्या हल की जा सकी है । जहां पेय जल के टिकाऊ स्रोतों का अभाव है, वहां 2011 तक पेय जल सुविधा मुहैया कराने का प्रस्ताव है ।

वित्तीय प्रगति

       ग्रामीण जल आपूर्ति के लिए भारत निर्माण के अंतर्गत अनुमान लगाया गया है कि 4 वर्षों के दौरान 25,300 करोड़ रुपये केन्द्रीय सहायता की जरूरत पड़ेगी । वर्ष 2005-06 में 4098 करोड़ रुपये, 2006-07 में 4560 करोड़ रुपये और 2007-08 में 6441.69 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया । वर्ष 2008-09 मे ग्रामीण पेयजल के लिए 7300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया । इसमें से 7276.29 करोड़ रुपये (99.68 प्रतिशत) का 31 मार्च, 2009 तक उपयोग कर लिया गया है । वर्ष 2009-10 के दौरान 2377.07 करोड़ रुपये की रकम जारी की गई थी, जबकि अप्रैल 2009 के दौरान बजट में 8000 करोड़ रुपये का आबंटन निर्धारित किया गया था ।

 

दक्षिण-पश्चिम मानसून की धीमी प्रगति के कारण पेयजल की आकस्मिक योजनाएं

योजना

       मानसून  में देरी को देखते हुए जून में ही राज्यों से कह दिया गया कि वे अपने-अपने राज्यों में पेयजल की स्थिति की समीक्षा कर लें । योजना में अल्पकालिक और दीर्घकालिक- दोनों ही प्रकार के उपायों को शामिल किया जाए । पानी की कमी वाले राज्यों का विवरण तथा पानी के लाने-लेजाने के ब्यौरे भी दिए जाएं जैसे यदि सड़क या रेलगाड़ी का इस्तेमाल किया जाता हो तो उसका भी ब्यौरा दें । विभाग ने राज्यों के ग्रामीण जल आपूर्ति के प्रभारी सचिवों की 1 जुलाई, 2009 को बैठक भी बुलाई, जिसमें स्थिति से निबटने के बारे में उनकी तैयारियों के संबंध मे विचार-विमर्श किया गया । क्षेत्रीय अधिकारियों को मनोनीत किया गया जो विशेष समस्याओं पर गौर करें । वे केन्द्रीय टीम के भाग के रूप मे राज्यों का दौरा भी कर रहे हैं । राज्यों से कहा गया है कि वे चलाई जा रही योजनाओं को जल्दी पूरा करने के बारे में आवश्यक कदम उठायें । जिसके परिणामस्वरूप लोगों को तत्काल राहत मिले । पीने के पानी, टैंकों और जलाशयों में इकट्ठा करके रखा जाए । नरेगा की पानी की अन्य योजनाओं में उपयोग किया जाए ।

       विभाग को स्थिति पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए । भारत सरकार के स्तर पर ग्रामीण जल आपूर्ति के लिए 5 प्रतिशत वार्षिक आबंटन किया जाना चाहिए । इस धनराशि से ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति प्रणाली की मरम्मत और रख-रखाव तथा अन्य आवश्यक कार्यों को पूरा किया जाना चाहिए । पेयजल कार्यक्रम के अमल के लिए नई नीति पर अमल किया जाना चाहिए । राष्ट्रीय ग्रामीण पेय जल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) का लक्ष्य है ग्रामीण क्षेत्र के हर व्यक्ति को पीने, खाना बनाने और अन्य घरेलू उपयोगों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराना । 1972 से चलाये जा रहे त्वरित ग्रामीण जल आपूर्ति कार्यक्रम पर अमल के साथ-साथ उनके लिए जल आपूर्ति प्रणाली की सक्षम व्यवस्था तैयार की जानी चाहिए ।

 

ग्रामीण जल आपूर्ति कार्यक्रम की निगरानी

       ग्रामीण जल आपूर्ति कार्यक्रम के संबंध मे सभी तरह की जानकारी ऑन लाइन उपलब्ध है । इसके लिए इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम पर सार्वजनिक उपयोग की हर संभव सहायता उपलब्ध है ।

 

पेयजल कार्यक्रम को पंचायतों को सौंपने के मामले में प्रोत्साहन

       एनआरडीडब्ल्यूपी कार्यक्रम के तहत कोष आबंटन के लिए संशोधित तरीका लागू किया गया है और ग्रामीण जनसंख्या प्रबंधन तथा ग्रामीण पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम जैसी स्कीमों के तहत जल आपूर्ति कार्यक्रमों को लागू रखने पर जोर दिया जाता है ।

 

       पानी की गुणवत्ता जांच के लिए तहसील (सब डिवीजन) स्तर पर सहयोग की व्यवस्था की जा रही है जहां भूमिगत जल की रासायिनक जांच कराई जाती है । जिन इलाकों मे पानी में शंखिया और पऊलोराइड आदि मिले रहते हैं, वहां के पानी की जांच करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है ताकि लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके ।