रविवार, मई 20, 2012

अजय सिंह की जन चेतना यात्रा से म.प्र. की राजनीति में भूचाल , चड्डी छाप मीडिया दलाली का नमक अदा करने उतरा - मुरैना डायरी - नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनंद’’

अजय सिंह की जन चेतना यात्रा से म.प्र. की राजनीति में भूचाल , चड्डी छाप मीडिया दलाली का नमक अदा करने उतरा 
मुरैना डायरी
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद''
 
होने लगे चुनावी गणित सेट
म.प्र. में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के चुनावी गणित सेट होना शुरू हो गये हैं , यह तय है कि अबकी बार म.प्र. विधानसभा चुनावों में और लोकसभा चुनावों में म.प्र. के राजनैतिक भूगोल और गणित काफी बदले हुये होंगें तथा तमाम मामलों में म.प्र. विधानसभा और लोकसभा का परिदृश्य म.प्र. में बदलेगा, भाजपा ने जहॉं गॉंवों ग्रामीण जनता को फोकस कर अलख जगाना शुरू कर दी है तो कांग्रेस अपने नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में विधानसभा वार चुनावी अलख जगाने का काम शुरू कर चुकी है ।
कांग्रेस और भाजपा के चुनावी अभियान हालांकि शुरू हो चुके हैं लेकिन इन दो राजनीतिक दलों के अलावा किसी अन्य राजनीतिक दल का चुनावी अभियान अभी शुरू नहीं हुआ है ।
एक ओर दोनों दलों के राजनीतिक अभियान शुरू हो चुके हैं वहीं दूसरी ओर चुनावों में संभावित प्रत्याशियों ने टिकिट के लिये अपनी सेंटिंग लगानी शुरू कर दी है ।
भाजपा खेमे से मिल रही खबरों के अनुसार करीब 15 फीसदी वर्तमान विधायकों के टिकिट उनकी परफारमेन्स के आधार पर बदले जायेंगें , करीब 30 फीसदी नये चेहरे मैदान में लाये जायेंगें । भाजपा की और कांग्रेस की टिकिटों की सबसे अधिक मारामारी ग्वालियर चम्बल एवं मालवा क्षेत्र में प्रमुखत: है ।
कांग्रेस खेमे से मिल रही खबरों के अनुसार करीब 25 – 30 फीसदी कांग्रेस प्रत्याशी ऐसे चयन किये जा चुके हैं जिनकी प्रथम दृष्टया प्रथम प्रयास में ही जीत की संभावना है । ग्वालियर चम्बल मालवा में कांग्रेस टिकिटों के अधिक दावेदार होते हुये भी करीब आधी सीटों पर प्रत्याशी तय किये जा चुके हैं और कांग्रेस अपनी मनस्थिति में उन्हें ही चुनावों में अपना प्रत्याशी रखने का मन अंकित कर चुकी है । सुनने में आया है कि कांग्रेस पिछले चुनावों में हार चुके प्रत्‍याशियों को इस बार टिकिट नहीं देगी और उन प्रत्याशियों को जिन आला नेताओं की सिफारिश पर टिकिट दिया गया था उन आला नेताओं को भी इस बार टिकिट वितरण में परे रख कर नजरअंदाज स्थिति में दर किनार किया जायेगा । कांग्रेस के 30 से 40 फीसदी टिकिट नये नेताओं को दिये जायेंगें ।  
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही म.प्र. विधानसभा चुनावों के साथ ही आगामी लोकसभा चुनावों के मद्दे नजर भी अपनी अपनी तैयारियॉं कर रहीं हैं ।
कांटेदार होंगें अबकी बार लोकसभा चुनाव
ग्वालियर में कांग्रेस गुना के बजाय ग्वालियर से ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतार लोकसभा लड़वा सकती है वहीं गुना सीट पर दिग्विजय सिंह को लोकसभा चुनाव लड़वा सकती है , इसी प्रकार भिण्ड में पुराना प्रत्याशी रिपीट किया जा सकता है और मुरेना में नरेन्द्र सिंह तोमर का मुकाबला नरेन्द्र सिंह तोमर से करवा सकती है । हालांकि नरेन्‍द्र सिंह तोमर अभी कांग्रेस में शामिल नहीं हुये हैं लेकिन बहुत जल्द वे कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं ऐसी खबर है ।
नरेन्द्र सिंह तोमर कांग्रेस के टिकिट पर दिमनी विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं और लोकसभा चुनाव लड़ने के बजाय दिमनी विधानसभा में कांग्रेस के लिये सीट जीतना चाहते हैं , उनका कहना है कि दिमनी विधानसभा सीट लंबे समय से भाजपा के पास है, हमारे ही वोटों से भाजपा यह सीट जीतती रही है और अब यह सीट कांग्रेस को मिलनी चाहिये इसके लिये वे खुद ही मैदान में उतरना चाहते हैं
      
अजय सिंह की जन चेतना यात्रा और चड्डी छाप दलाल मीडिया में बौखलाहट फैली
अजय सिंह की जन चेतना यात्रा से म.प्र. की राजनीति में भूचाल आ गया है, बुरी तरह हड़बड़ाई भाजपा और आर.एस.एस. ने अपनी चालें अपने तरीके से वलनी शुरू कर दीं हैं , पिछले लंबे अरसे से सरकार और प्रशासन एवं नेताओं की दलाली , चमचागिरी और मक्खनमारी में लगे चड्डी छाप पत्रकारों और मीडिया वालों ने अजय सिंह की जन चेतना यात्रा को लेकर भ्रम फैलाना शुरू कर दिये हैं , चड्डीछाप दलाल व चमचों ने पहले तो कांग्रेस में गुट एवं गुटीय ताकतों का कांग्रेस में वजूद होने का प्रोपेगंडा फैलाया और म.प्र. में कांग्रेस के बजाय अलानी कांग्रेस और फलानी कांग्रेस का माया जाल बिछाना शुरू कर दिया , आर.एस.एस. और भाजपा प्रायोजित खबरें छाप कर और चला कर म.प्र. में कांग्रेस के गुटीय अस्तित्व उछालना शुरू किया और कहा कि अजय सिंह की जन चेतना यात्रा में अलां गुट का फलां गुट का नेता नहीं पहुँचा , अमुक सुपर शक्ति इस यात्रा में नामौजूद रही, ये नहीं पहुँचा वो नहीं पहुँचा ।
सवाल पत्रकारिता पर खड़े हो गये तमाम, वह यह कि जब कांग्रेस के किसी नेता ने जन चेतना यात्रा में किसी गुट की यात्रा होना नहीं स्वीकारा और न गुरेज जताया तो मीडिया या पत्रकार यह सवाल कैसे उठा सकते हैं , दिल्ली में जब सोनिया गांधी ने साफ व स्पष्ट पहले ही कह दिया कि कांग्रेस में गुटबाजी कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी और सख्ती से हर किस्म की गुटबाजी से निबटा जायेगा तो प्रश्न यह है कि म.प्र. कांग्रेस में कांग्रेस द्वारा निकाली गयी जनचेतना यात्रा में गुटबाजी का बोध कराने वाले समाचार किसने प्रकाशित कराये , क्या मीडिया ने खुद ही छापे या प्रसारित किये या फिर कांग्रेस के उन तथाकथित स्वयंभू क्षत्रपों ने बिलबिला कर यह खबरें पैसा बांट कर प्रायोजित कर छपवाईं जो अभी भी कांग्रेस को कांग्रेस नहीं अपने बाप की जागीर या अपने बाप का बयनामा मानते हैं और समझते हैं , कांग्रेस पर अपनी सील ठुकी चाहते हैं कि ''.... '' कांग्रेस ..... फलानी ढिकानी कांग्रेस ....    दीवार पर इबारत साफ लिख दी है सोनिया गांधी ने ... लेकिन अब भी अगर किसी कांग्रेसी को समझ न आये तो यह उसका दुर्भाग्य है ... या फिर यह खबरें भाजपा और आर.एस.एस. ने प्रायोजित कर छपवाईं और प्रसारित करायीं .।  
अजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की ग्वालियर चम्‍बल यात्रा जून में
अजय सिंह के नेतृत्व में जन चेतना की यात्रा जून माह में ग्वालियर चम्बल क्षेत्र में आयेगी , इस यात्रा को लेकर कांग्रेस पहले से ही काफी सतर्क एवं सावधान है , ग्वालियर चम्बल क्षेत्र के राजपूत बाहुल्य क्षेत्रों में अजय सिंह ने अपने पिता स्वर्गीय अर्जुन सिंह के दिग्गज गढ़ चम्बल में अपने संपर्क सूत्रों को यात्रा की इत्तला दे दी है , वहीं इसी यात्रा के दरम्यान चम्बल अंचल के कई दिग्गज कांग्रेस में शामिल होंगें, कई बने बनाये गढ़ टूटेंगें और कई नये किले बनेंगें , ग्वालियर चम्बल क्षेत्र में यह यात्रा आने पर यह संदेश भी कांग्रेस जनता को साफ साफ देगी कि कांग्रेस में कोई भी गुट अब नहीं है , और प्रदेश में एकमात्र भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही है , क्षेत्रीय नेताओं के नाम पर चलने वाली हर कांग्रेस अब खत्म होकर मूल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही बस केवल शेष है ।   
मुरैना में प्रकाशित हो रही है एडवोकेट डायरेक्ट्री
मुरैना जिला अभिभाषक संघ के जिला अध्यक्ष एडवोकेट हरी सिंह सिकरवार ने बताया है कि मुरैना जिला के समस्त एडवोकेटस की टेलीफोन डायरेक्ट्री जिला अभिभाषक संघ मुरैना द्वारा प्रकाशित की जा रही है , इस संबंध में सभी अभिभाषकगण से अपने ताजा दो फोटो जिला अभिभाषक संघ मुरैना की लायब्रेरी में महेन्द्र के पास जमा कराने व एक फार्म भर कर 18 मई तक जमा कराने का सभी एडवोकेटस से अनुरोध किया गया है

बुधवार, मई 16, 2012

हो जाइये सावधान शनि फिर बदल रहे हैं राशि, अगस्त से है शनि की अतिचारी चाल, लायेंगें भूचाल - नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनंद’’

हो जाइये सावधान शनि फिर बदल रहे हैं राशि, अगस्त से है शनि की अतिचारी चाल, लायेंगें भूचाल
-    नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद''
 
शनि ने इस साल तमाम हेर फेर और उथल पुथल साल के प्रारंभ में ही कर डालीं हैं , शनि पिछले साल 15 नवंबर से राशि बदल कर तुला राशि में प्रविष्ट हुये और दिसंबर जनवरी के महीने में अपनी हरकतें या प्रभाव की झलकियॉं दिखा कर 7 फरवरी को वक्री हो गये और वापस अपने पीछे की ओर चलने लगे । हालांकि 15 नवंबर से 7 फरवरी तक शनिदेव केवल 5 अंश 28 कला यानि 5 डिग्री 28 मिनिट ही चले , लेकिन इस दरम्यान उन्होंनें आगे जिसके साथ जो करना है उसका ट्रेलर यानि हल्की सी झलक दिखा दी ।
शनि का प्रभाव आगे के वक्त में कैसा रहेगा यह जानना बेहद आसान है , यदि गुजरे दिसंबर जनवरी के महीने 7 फरवरी तक आपके जैसे गुजरें हों वैसा आपका वक्त अब प्रचंड रूप से इसी साल के 04 अगस्त के बाद के समय में रहेगा, और गये साल 15 नवंबर से पहले जैसा आपका वक्त गुजरा है वैसा वक्त अभी आपका 16 मई से 25 जून और उसके बाद 04 अगस्त तक रहेगा ।
अब शुरू होंगी शनि की ऑंख मिचौली वाली गहरी चालें
शनिदेव इसी साल 16 मई को पुन: वापस उच्च के तुला राशि छोड़कर कन्या राशि में प्रवेश करेंगें और इस समय शून्य अंश पर 16 मई को होंगें , इसके बाद कन्या राशि में वक्री गति से चलते हुये 25 जून को कन्या राशि में ही मार्गी हो जायेंगें । इस दरम्यान शनिदेव केवल 28 अंश 44 कला यानि 28 डिग्री 44 मिनिट तक ही घटेंगें उसके बाद मार्गी होते ही शनिदेव के राशि अंश बढ़ने लगेंगें ।
गौरतलब है कि हालांकि शनिदेव 25 जून के बाद ही अतिचारी गति प्रारंभ कर देंगें और तेज गति से आगे बढ़ने लगेंगें । इस दरम्यान 16 मई से वृश्चिक राशि पर विगत वर्ष 15 नवंबर से आई शनि की साढ़े साती 04 अगस्त तक के लिये समाप्त हो जायेगी और सिंह राशि पर समाप्त हुयी साढ़ेसाती 04 अगस्त तक के लिये पुन: शुरू हो जायेगी जो कि विगत वर्ष 15 नवंबर को सिंह राशि पर से समाप्त हो गयी थी ।
इस सारी उथलपुथल में जो एक और भेद छिपा है वह यह है कि 16 मई से शनि के राशि बदलने और 25 जून से चाल पलटने के बावजूद लगभग बेअसर से रहेंगें और लोगों को शनिदेव का प्रभाव विगत वर्ष 20 अक्टूबर से 15 नवंबर तक जेसा उनका वक्त गुजरा होगा वैसा ही महसूस होगा , मतलब यह कि 16 मई से 04 अगस्त तक शनिदेव की बदली हुयी चालों का कोई खास असर लोगों को महसूस नहीं होगा , न उनको जिनका यह वक्त अच्छा गुजरेगा और न उनको जिनका यह वक्त ख्‍राब गुजरेगा , लगभग बेअसर सा वक्त गुजरेगा ।
शनि देव का खास खेल या बहुत गहरी व असल चाल शुरू होगी 04 अगस्त से, अपनी उच्च की तुला राशि में 04 अगस्त से 8 अक्टूबर तक शनि देव 6 डिग्री 14 मिनिट तक राशि पार कर चुके होंगें , और 08 अक्टूबर को शनिदेव अस्त हो जायेंगें , 11 नवंबर को शनि उदय होंगें और धुआंधार अपनी अतिचारी चाल से चलते हुये 11 नवंबर से तमाम भूचाल ला देंगें , तमाम लोगों को बुरी तरह उठा पटक कर पटकेंगें तो कईयों को भिखारी से राजा बना देंगें और कई राजाओं को भिखारी बना देंगें , शनिदेव इसी चाल से अपना खेल खेलते रचते 18 फरवरी 2013 को वापस तुला राशि में ही वक्री हो जायेंगें । 04 अगस्त से पुन: सिंह राशि पर शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो जायेगी और वृश्चिक राशि पर पुन: शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हो जायेगी ।     

मंगलवार, मई 08, 2012

ग्वालियर चम्‍बल में चुनावी करवट की दस्तक, रामदेव के साथ शिवराज की चुनावी हुंकार - नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनंद’’

ग्वालियर चम्‍बल में चुनावी करवट की दस्तक, रामदेव के साथ शिवराज की चुनावी हुंकार
मुरैना डायरी
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद''
औने पौने अद्धे पौये पूरे और सवाये नेता और पत्रकार  
चम्‍बल में नेताओं की ओर पत्रकारों की कमी नहीं है तमाम अद्धे पौये औने पौने पूरे सवाये नेता और पत्रकार चम्बल में भरे पड़े हैं , जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे नेताओं की वर्दियां कलफ खाने और रंग में आने लगी हैं तो पत्रकारों के गुणा भाग भी  लगने लगे हैं कि किस पार्टी या प्रत्याशी की डेस्क कौन संभालेगा किससे कितना लेना वसूलना है वगैरह वगैरह ।
म.प्र. के पिछले विधानसभा चुनावों में जमकर कमा चुके कई अखबारों के पत्रकार अंचल के संभावित पार्टी प्रत्याशियों पर नजरे गड़ाये बैठे हैं और जिस साइज का जो पत्रकार है वह उसी साइज के नेता से अपनी सेटिंग अभी से बिठालने में लगा है
चम्बल के 70 फीसदी पत्रकार जो नेताओं, प्रशासन और सरकार की दलाली में लंबे समय से मशगूल हैं अब आहिस्ते आहिस्ते अन्य पार्टियों के नेताओं को भी भाई साहब कह कर पुकारने लगे हैं और उनकी चमचागिरी में लंबलेट होने लगे हैं
चम्बल के नेता पूरी पार्टी को अपने आकाओं नेताओं को और उनके नाम बेचकर खाने में जहॉं सिद्धहस्त रहे हैं तो पत्रकार भी कम नहीं पड़ते वे अपने अखबार या मीडिया चैनल और मालिक या मैनेजिंग टीम के टारगेट के नाम पर अपनी इज्जत आबरू नाम प्रतिष्ठा सब बेचते आये हैं
ग्वालियर चम्बल में भाजपा का सफाया होने की नौबत
भिण्ड मुरेना श्योपुर दतिया क्षेत्र में भाजपा के सितारे डगमगाते हुये कशमकश में हैं और जमीनी तौर पर जहॉं भाजपा का सूपड़ा साफ होने की नौबत आन पहुँची है वहीं कांग्रेस भी इन्हीं क्षेत्रों में कमजोर और खस्ताहाल है
रोचक बात यह है कि ग्वालियर चम्बल क्षेत्र में कांग्रेस को सिंधिया महल में गिरवी रखा हुआ केवल जनता ही नहीं बल्कि खुद कांग्रेसी भी मानते हैं और इसी ऊहापोह में कांग्रेस के एकक्षत्र गढ़ ग्वालियर चम्बल में कांग्रेस का पराभव होकर यही क्षेत्र भाजपा का गढ़ बन गया
भाजपा से जनता बुरी तरह खफा है , सन 2008 के विधानसभा चुनावों के वक्त भी जनता भाजपा से खफा थी और पूरी तरह से म.प्र. की सत्ता बदलने के मूड में थी मगर ऐन चुनाव के वक्त करिश्मा ये हुआ कि ग्वालियर चम्बल अंचल ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने टिकिट गलत बांट दिये और भाजपा ने टिकिट सही बांट दिये परिणाम बदल गये और कांग्रेस की जगह भाजपा सत्ता में वापस जा बैठी , कांग्रेसी नेता जहॉं अपने अपने वजूद और मुख्यमंत्री बनने के लिये एक दूसरे को या संभावित मुख्यमंत्रियों को ही नुकसान पहुँचाने में लगे रहे वहीं खुद के प्रत्याशी को छोड़ दूसरे नेता के प्रत्याशी को हरवाने में लगे रहे वहीं भाजपा इन दोषो से मुक्त रह कर सत्ता में वापस जा बैठी और जनता की सत्ता परिवर्तन की इस तेज अभिलाषा पर दोनो ही दलों ने भाजपा और कांग्रेस ने ही पानी फेर दिया
अब फिर से सन 2013 के विधानसभा चुनावों में जनता की भी नजर विधानसभा चुनावों में होने वाले पार्टी प्रत्याशियों पर जा टिकी है और सारी शतरंज की बाजी अब केवल प्रत्याशियों पर ही टिक कर रह गई है
कांग्रेस में प्रदेशव्यापी परिवर्तन और चुनाव प्रत्याशियों के चयन की कवायद
सुनने में आ रहा है कि म.प्र. कांग्रेस में बहुत जल्द प्रदेश व्यापी परिवर्तन होने जा रहा है , म.प्र. के प्रभारी वी.के. हरिप्रसद को भी हटा कर नया प्रभारी किसी चौधरी को लया जा रहा है , कांग्रेस में गुटबंदी पर लगाम कसने के लिहाज से और भी तमाम जिलाध्यक्षों व जिला कार्यकारणीयों में बदलाव सहित प्रदेश कमेटी तक में बदलाव किये जाने की मंसूबे कांग्रेस बना चुकी है
इसके अतिरिक्त अंदर ही अंदर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशीयों विशेषकर प्रबल जीत की संभावना वाले प्रत्याशियों का चयन शुरू कर दिया है , जैसी कि खबर है करीब 25 या 30 प्रतिशत कांग्रेस प्रत्याशियों का पहली नजर में फौरी प्रभावी दमदार व जीत के प्रबल आसार वाले प्रत्याशी कांग्रेस चयन कर चुकी है , मुरैना जिला में करीब तीन प्रत्याशी कांग्रेस चयन कर चुकी है जो कि कुल 6 विधानसभा सीटों में से आधे हैं
भिण्ड जिला में भी कांग्रेस तीन प्रत्याशी लगभग तय कर चुकी है , यही हाल अन्‍य जिलों में कांग्रेस के प्रत्याशी चयन का है
अबकी बार कांग्रेस विधानसभा चुनावों में कोई कोर कसर रखने के मूड में नजर नहीं आ रही , कांग्रेस की तैयारियों से लग रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची इसी साल सितंबर से नवम्बर के बीच आ जायेगी ।
भाजपा के लिये भिण्ड मुरैना और ग्वालियर संसदीय सीटों पर खतरा
लगभग पूरी तरह खलनायक बन चुके भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान लोकसभा सांसदों भिण्ड से अशोक अर्गल ओर मुरैना से नरेन्द्र सिंह तोमर तथा ग्वालियर से यशोधरा राजे सिंधिया के खिलाफ जमीनी तौर पर जनाक्रोशा, विद्रोह और बगावत के सुर फूटने लगे हैं , कोई शक नहीं कि कांग्रेस ने अगर इनकी टक्कर में अपने सही प्रत्याशी उतार दिये तो कंग्रेस की फतह इन तीनों पर बेहद आसन होगी
शिवराज ने रामदेव के साथ सन 2013 का चुनावी बिगुल फूंका
मुरैना में रामदेव की यात्रा के दौरान शिवराज ने वहॉं पहुँच कर न केवल रामदेव की तारीफ में तमाम कशीदे बांच दिये बल्कि सन 2013 में होने वाले म.प्र. विधानसभा चुनावों के लिये चुनावी बिगुल भी फूंक दिया
बाबा रामदेव मुरैना में उस समय हास्यास्पद स्थित में आ गये जब उन्होंने कहा कि डाकू अब चम्बल के जंगलों से निकल कर संसद में जा बैठे हैं
उल्लेखनीय है कि पिछले 25 – 30 बरस से भिण्ड और मुरैना में भाजपा के ही सांसद हैं और वर्तमान में भी दोनों ही सांसद भाजपा के ही हैं
भिण्ड से भाजपा सांसद मभिण्ड से पहले मुरैना रिजर्व सीट पर 20 – 25 साल सांसद रह चुके हैं और भिण्ड में अशोक अर्गल से पहले भिण्ड जनरल सीट पर भाजपा के ही रामलखन सिंह कुशवाह पंद्रह बीस साल सांसद रहे , परिसीमन के बाद भिण्ड सीट अनुसूचित जाति जनजाति के लिये आरक्षित हो गयी और मुरैना में आरक्षण समाप्त होकर मुरैना सीट सामान्य हो गयी , अशोक अर्गल भिण्ड रिजर्व सीट पर चले गये और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर पहले राज्यसभा सदस्य के रूप में सांसद रहे और मुरैना जनरल सीट पर पहले ही चुनाव में लोकसभा सदस्य के रूप में संसद पहुँचे ।
बाबा रामदेव के बयान के मुताबिक भाजपा के भिण्ड मुरैना के सभी भाजपा सांसद चम्‍बल के जंगल छोड़ कर संसद में जा बैठे हैं
निसंदेह रामदेव का दांव मुरैना में रामदेव के इस बयान के बाद एकदम उल्टा पड़ गया है, वैसे भी राजपूत बाहुल्य चंबल क्षेत्र में रामदेव से राजपूत पहले से ही ख्‍फा थे और रामदेव की चंबल के राजपूताने में जमकर खिल्ली उड़ाई जा रही थी  
चम्बल में बिजली कटौती का सिरदर्द बढ़ा
शिवराज सरकार जब से आई है हांलांकि बिजली सप्लाइ के मामले में तब से शुरू से ही फेल चल रही है , लेकिन भीषण गर्मी के इन दिनों में चम्बल में बिजली कटौती बढ़ा कर अब संभागीय मुख्यालयों पर करीब 16 – 17 घंटे की बिजली कटौती चालू कर दी गयी है जिसमें रात्रिकालीन 4 घंटे की बिजली कटौती भी शामिल है  तमाशा यह है कि आधे शहर में यह बिजली कटोती 16 – 17 धंटे तक की है तो बकाया आधे शहर में केवल यह 10 घंटे की है , जहॉं नई हाईटेंशन लाइनें बिछा कर बिजली मीटर चालू कर दिये गये हैं वहॉं अधिक बिजली कटौती है और जहॉं पुराने सीधे कंटिया डालकर बिजली चोरी करने वाले ओपन तार है वहॉं बिजली कटौती कम है