शनिवार, जुलाई 25, 2009

मुख्यमंत्री द्वारा कैंसर चिकित्सालय परिसर में साढ़े चार करोड़ की लागत का भवन लोकार्पित, मुख्यमंत्री ने रूद्राक्ष का पौधा रोपा

स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार हेतु सरकार कृतसंकल्पित - मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री द्वारा कैंसर चिकित्सालय परिसर में साढ़े चार करोड़ की लागत का भवन लोकार्पित, मुख्यमंत्री ने रूद्राक्ष का पौधा रोपा

 

ग्वालियर 25 जुलाई 09 । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान में साढ़े चार करोड़ रूपये की लागत से नवनिर्मित कालेज आफ लाइफ सांइसेज व पी.जी. कालेज आफ नर्सिंग के संयुक्त भवन का लोकर्पण किया । श्री चौहान ने ग्वालियर में कैंसर शोघ संस्थान की स्थापना के लिये श्री शीतला सहाय जी के प्रयासों की विशेष सराहना की तथा कहा कि राज्य शासन प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी और विस्तार के लिये कृत संकल्पित है । सरकार कैंसर शोध संस्थान के विकास में हर संभव मदद करेगी । लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता मुरैना के सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की तथा कार्यक्रम में प्रदेश के लोक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा तथा ऊर्जा मंत्री श्री अनूप मिश्रा, सांसद श्रीमती यशोधरा राजे, श्रीमती माया सिंह, श्री प्रभात झा, श्री अशोक अर्गल, महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर मंचासीन थे।

      मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिये राज्य सरकार सतत प्रत्यनशील है । समाज के कमजोर व्यक्ति को भी भरपूर स्वास्थ्य सुविधायें मिल सकें इसके लिये राज्य सरकार द्वारा दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना,जिला व रज्य बीमारी सहायता योजनाओं का संचालन किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को तुरंत सहायता मुहैया कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि को 2 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ रूपये किया गया है । उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी है, युवा चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करें इसके लिये शासन द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं । दुर्गम व पहुंच विहीन क्षेत्रों के लिये सर्वसुविधायुक्त चलित चिकित्सालय योजना भी प्रारंभ की गई है । गंभीर मरीजों को लाने ले जाने के लिये प्रमुख शहरों में सर्वसुविधायुक्त एक्बुलेंस योजना भी प्रारंभ की गई है। उन्होंने कहा यद्यपि सरकार अपने स्तर पर पूरी क्षमता से प्रयासरत है लेकिन जनसहयोग के बिना यह कार्य संभव नहीं है। इसके लिये समाज को भी आगे आना होगा।

      मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर में कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान की गतिविधियों के संबंध में चर्चा करते हुये कहा कि समाज में सभी लोग अपने लिये जीते हैं किन्तु श्री शीतला सहाय जैसे बिरले ही होते हैं जो दूसरों के लिये अपना सर्वस्व लगा देते हें । उन्होंने कहा कि श्री सहाय ने अपना सम्पूर्ण जीवन इस पुनीत कार्य में लगा दिया है। उन्होंने आगे कहा इस संस्थान के विकास और विस्तार हेतु राज्य शासन की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया तथा राजनीति और समाज सेवा में लगे लोगों से श्री सहाय से प्रेरणा लेने का भी आग्रह किया ।

      संस्थान के संस्थापक न्यासी एवं म.प्र. राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री शीतला सहाय ने ग्वालियर में कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान की स्थापना के संबंध में अपने खट्टे -मीठे अनुभवों को याद किया तथा जिन्होंने सहयोग दिया उनके प्रति मंच से आभार भी व्यक्त किया।

      संस्थान के संचालक डा. बी. आर श्रीवास्तव ने कैंसर संस्थान के 32 वर्ष की विकास यात्रा से सभी को अवगत कराया । उन्होंने बताया कि इस अवधि में एक लाख 75 हजार कैंसर के नवीन रोगियों तथा 17 लाख पुराने रोगियों का इलाज किया जा चुका है। संस्थान द्वारा नर्सिंग कालेज के साथ-साथ लाइफ सांइसेज व कैंसर पर रिसर्च वर्क भी कराया जा रहा है ।

      कार्यक्रम के प्रारंभ में वंदेमातरम् के गायन के बाद अतिथियों द्वारा व मां सरस्वती की प्रतिमा तथा स्व. राजीव सहाय के चित्र पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम के अंत में डा. नीरज शर्मा ने आभार प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री ने रूद्राक्ष का पौधा रोपा

       मुख्यमंत्री ने कैंसर चिकित्सालय परिसर में नवनिर्मित कालेज आफ लाइफ सांइसेज व पी.जी. कालेज आफ नर्सिंग के संयुक्त भवन के सामने रूद्राक्ष का पौधा भी रोपा। इस अवसर पर सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, लोक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा तथा ऊर्जा मंत्री श्री अनूप मिश्रा, सांसद श्रीमती यशोधरा राजे, राज्य सभा सांसद श्रीमती माया सिंह व श्री प्रभात झा, सांसद श्री अशोक अर्गल व महौपार श्री विवेक नारायण शेजवलकर सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

क्रमांक/204/09

 

मुख्यमंत्री की अगवानी

ग्वालियर 25 जुलाई 09 । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज राजकीय विमान से प्रात: 10.25 बजे विजयाराजे सिंधिया विमान तल पर पधारे ।

      विमानतल पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ऊर्जा मंत्री श्री अनूप मिश्रा , गृह, परिवहन व जेल राज्य मंत्रीश्री नारायण सिंह कुशवाह, राज्य सभा सांसद श्री प्रभात झा, महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने मुख्यमंत्री की अगवानी की ।

      इस अवसर पर साडा अध्यक्ष श्री जयसिंह कुशवाह , खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री कोकसिंह नरवरिया, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री कौशल शर्मा, भाजपा अध्यक्ष श्री अभय चौधरी, श्री महेन्द्र सिंह यादव, श्री राज चङ्ढा, सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। वरिष्ठ अधिकारियों में संभागायुक्त डा. कोमल सिंह, पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर रेंज श्री अरविंद कुमार, पुलिस महानिरीक्षक चंबल रेंज श्री संजीव झा, पुलिस उपमहानिरीक्षक ग्वालियर श्री एस एम अफजल, पुलिस उपमहानिरीक्षक चंबल श्री आर बी शर्मा, कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक ए सांई मनोहर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। 

 

श्रमिक पुत्रियों की विवाह सहायता के लिए आठवीं कक्षा उत्तीर्ण बाध्यता समाप्त

श्रमिक पुत्रियों की विवाह सहायता के लिए आठवीं कक्षा उत्तीर्ण बाध्यता समाप्त

अब दो नहीं तीन पुत्रियों को मिलेगा योजना का लाभ, मेधावी छात्र पुरस्कार योजना का नाम बदला, श्रमिकों को प्रशिक्षित कर रोजगार दिलाया जाएगा

 

Bhopal:Friday, July 24, 2009

मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल द्वारा श्रमिकों की पुत्रियों की विवाह सहायता योजना के लिए निर्धारित मापदण्डों में संशोधन किया गया है। वर्तमान में इस योजना का लाभ केवल उन्हीं श्रमिक पुत्रियों की मिलता है जो आठवीं कक्षार् उत्तीण कर चुकी हैं। इसके तहत संस्थानों में कार्यरत अकुशल, अर्ध्दकुशल अथवा कुशल श्रमिकों की 18 वर्ष से अधिक आयु की बेटियों के विवाह के लिए पांच हजार रूपये की सहायता दी जाती है। इसके साथ ही अब इस योजना का लाभ दो की जगह तीन पुत्रियों तक मिल सकेगा। उपरोक्त निर्णय आज यहाँ अध्यक्ष, मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल श्री मांगीलाल पोरवाल की अध्यक्षता में आयोजित मण्डल की 52वीं बैठक में लिया गया। अध्यक्ष, म.प्र. भवन एवं सन्निनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, श्री सुरेश शर्मा, पूर्व मंत्री श्रीमती अलका जैन, पद्मश्री श्री बनवारी लाल चौकसे, प्रमुख सचिव श्रम, श्री के.पी.सिंह सहित मण्डल के सदस्यों ने बैठक में भाग लिया।

 

 

 

मुख्य निर्णय

·                     श्रमिक पुत्रियों की विवाह सहायता योजना में संशोधन

·                     पुत्री की आठवीं कक्षा उत्तीर्ण बाध्यता समाप्त

·                     तीन पुत्रियों तक मिलेगा योजना का लाभ

·                     श्रमिको को प्रशिक्षण दिलाकर प्रमाण पत्र दिलाए जाएंगे

·                     सर्टिफाईड श्रमिकों को मिलेंगे बेहतर रोजगार अवसर

·                     मंडल की मेधावी छात्रवृत्ति योजना का नाम बदला

·                     अब यह 'शिक्षा प्रोत्साहन योजना' के नाम से जानी जाएगी

·                     इससे श्रमिक बच्चों के छात्रवृत्ति के लाभ में बाधा नहीं पड़ेगी

·                     उत्कृष्ट नियोजकों को दिए जाएगे 10 राज्य स्तरीय पुरस्कार

·                     उत्तम श्रमिक पुरस्कार संख्या भी 10 से बढ़ कर 15 हुई

·                     बैठक में नियाजकों, श्रमिकों के प्रतिनिधियों श्रम विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया

मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल की इस बैठक में प्रदेश के मजदूरों के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में मंडल द्वारा श्रमिकों के अध्ययनरत बच्चों के लिए संचालित मेधावी छात्रवृत्ति योजना का नाम बदलकर 'शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार योजना' करने का निर्णय लिया गया। इससे इन बच्चों को शासन और संस्थानों द्वारा देय छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलने में दिक्कत नहीं आयेगी।

बैठक में श्रमिकों को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण दिलाकर, उन्हें रोजगार दिलाने का निर्णय भी लिया गया। प्रशिक्षण के उपरान्त प्रमाण-पत्र मिलने से इन कुशल, अर्ध्दकुशल मजदूरों को संस्थानों में काम मिलना आसान हो जाएगा। बैठक में बताया गया कि इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में माली, कुक जैसे 128 व्यवसायों में प्रशिक्षण दिया जाता है। श्रम विभाग इन ट्रेडों में श्रमिकों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार दिलाने पर विचार कर रहा है।

बैठक में उत्कृष्ट नियोजकों को राज्य स्तर पर सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया। प्रदेश के ऐसे संस्थान और स्थापनाएं जो नियमित रूप से नियमानुसार अभिदाय एवं असंदत्त राशि दे रहे हैं और मंडल द्वारा संचालित विभिन्न श्रमिक कल्याणकारी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रति वर्ष ऐसे दस पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। इसी के साथ ही उत्तम श्रमिक पुरस्कार संख्या भी 10 से बढ़ाकर 15 करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में मंडल द्वारा प्रतिवर्ष दस पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।

बैठक में सदस्यों के रूप में सचिव कल्याण आयुक्त श्री एस.एस. दीक्षित, उप श्रमायुक्त श्री आर.जी.पाण्डेय, सचिव फेडरेशन ऑफ एम.पी चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इन्डस्ट्रीज, अध्यक्ष कवेलू उद्योग संघ श्री जितेन्द्र टाक, उद्योगपति श्री उल्लास वैद्य, प्रतिनिधि ओरियन्ट पेपर मिल्स अमलाई, श्रमिक प्रतिनिधि श्री सुल्तानसिंह शेखावत नागदा, महामंत्री भारतीय मजदूर संघ श्री भगवानदास गोंडाने, अध्यक्ष, म.प्र.इंटक श्री आर.डी त्रिपाठी, श्रीमती अनुसुइया मिश्रा, कामरेड वृषभान (एटक) अध्यक्ष, सीटू श्री राम बिलास गोस्वामी, महामंत्री म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ श्री हेमन्त तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार श्री रामभुवन सिंह कुशवाह ने सदस्य के रूप में भाग लिया।

 

 

राष्‍ट्रपति से अब करिये सीधी शिकायत, राष्ट्रपति भवन का हेल्पलाइन पोर्टल शुरू

राष्‍ट्रपति से अब करिये सीधी शिकायत, राष्ट्रपति भवन का हेल्पलाइन पोर्टल शुरू

याहू हिन्‍दी से साभार

Jul 24, 07:37 pm

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गांव, शहर, जिला, राज्य और केंद्र सरकार से मायूस होकर राष्ट्रपति के दर पर फरियाद लेकर पहुंचने वाले अपनी शिकायतों पर कार्रवाई कुछ जल्दी होने की उम्मीद कर सकते हैं। राष्ट्रपति भवन इन शिकायतों को आनलाइन प्रणाली के तहत तत्काल संबंधित राज्य व मंत्रालय को भेजेगा और इन पर हुई कार्रवाई की स्थिति पर लगातार नजर रखेगा। शिकायतकर्ता को भी उसकी शिकायत पर हो रही कार्रवाई की जानकारी आनलाइन मिल जाएगी।

यह सब हेल्पलाइन पोर्टल http://helpline.rb.nic.in के जरिये होगा। राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने इस पोर्टल को लांच कर दिया है। पोर्टल पाटिल के राष्ट्रपति के तौर पर दो साल पूरा करने से एक दिन पहले जारी किया गया है। इस पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति सीधे शिकायत दर्ज कर सकेगा। इसका फायदा यह होगा कि राज्य सरकारों या केंद्र की राष्ट्रपति भवन के प्रति जवाबदेही बढ़ेगी और शिकायतों पर टालमटोल करना उनके लिए मुश्किल होगा।

शिकायतकर्ता को संबंधित राज्य सरकार या केंद्र के संबंधित मंत्रालय या विभाग का ब्यौरा देकर शिकायत भेजनी होगी। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को एक विशिष्ट नंबर मिल जाएगा। शिकायतकर्ता पोर्टल पर लागइन कर इस नंबर के जरिये यह जान सकेगा कि उसकी शिकायत पर क्या और किस स्तर पर कार्रवाई हुई।

हर शिकायत को संबंधित राज्य सरकार या केंद्रीय मंत्रालय को भेजा जाएगा। उस पर कार्रवाई का ब्यौरा संबंधित सरकार या मंत्रालय देगा। राष्ट्रपति भवन का सचिवालय समय-समय पर कार्रवाई की स्थिति पूछेगा। यह पूरी प्रक्रिया आनलाइन होगी। इस प्रणाली से राष्ट्रपति को भी उन शिकायतों का जवाब देने में सहूलियत रहेगी, जिन पर कार्रवाई की जानकारी मांगी जाती है।

राष्ट्रपति भवन को रोज करीब 750 शिकायतें मिलती हैं। इनमें 400 डाक, 300 ई-मेल और 50 फैक्स के जरिए पहुंचती हैं।

 

धान की मेडागास्कर विधि से बदली तकदीर

धान की मेडागास्कर विधि से बदली तकदीर

-------------------------

शहडोल 24 जुलाई 2009. अनुसूचित जनजाति वर्ग में अत्यन्त पिछड़े बैगा जनजाति समुदाय के निर्धन और एक मामूली- से किसान धनीराम ने जब 2008 में शहडोल जिले के बुढ़ार जनपद के बिरूहली गांव में अपने परिवार की चार एकड़ जमीन पर मेडागास्कर विधि से धान की खेती करने का फैसला किया, तो उन्हें जरा भी एहसास नहीं था कि वे न केवल स्वयं  के लिए इस विधि से कई गुना अधिक उत्पादन लेने के रास्ते पर चल रहे हैं, बल्कि अन्य गांवों के तमाम किसानों के लिए भी ऐसी विधि की राह खोल रहे हैं और उनके लिए अधिक आमदनी की व्यवस्था कर रहे हैं ।

       इसके पहले जब सत्ताइस वर्षीय धनीराम अपने परिवार के साथ परम्परागत तरीके से छिटुआ विधि से धान, अरहर और उड़द की फसल लेते थे, तो उन्होंने इसी विधि से कृषि जगत में अपना भविष्य बनाने की कल्पना की थी । उनके परिवार के पास नौ एकड़ चौवीस डिसमिल जमीन थी । परम्परागत तरीके से बोवाई करने से वे कम मात्रा में ही धान ले पाते थे, जो ले देकर किसी तरह उनके परिवार के सालभर के खाने के उपयोग मे आ पाता था । लेकिन एक कृषि अधिकारी के कम बीज, कम पानी और कम समय में अधिक उत्पादन देने वाली मेडागास्कर यानि श्री विधि के प्रति जगाए अनुराग ने उनकी कैरियर संबंधी योजना को पलट दिया । कम उत्पादन देने वाली कृषि की परम्परागत विधि अपनाए रखने की जिन्दगी से उकताकर धनीराम ने 2008 में परम्परागत तरीका छोड़ दिया और उन्नत तकनीक की मेडागास्कर विधि से धान उत्पादन में कूद पड़े ।

उन्नत तकनीक से भरपूर उत्पादन और अधिक आमदनी के आकर्षण ने चार एकड़ के अपने पारिवारिक खेत में मेडागास्कर विधि से धान लगाने का उनका इरादा पुख्ता ही किया । कृषि विभाग ने उनके खेत के एक भूखण्ड पर इस विधि का प्रादर्शन डलवाया तथा अन्नपूर्णा योजना के तहत धान की हाई ब्रीड का डी.आर.एच.-775 नामक 12 किलोग्राम बीज उपलब्ध कराया । विभाग ने उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन, कीटनाशक और खाद भी उपलब्ध कराया । मेडागास्कर तकनीक का इस्तेमाल करने से पहली बार में ही धनीराम ने 105 क्विंटल धान का उत्पादन लिया और उन्होंने एक लाख रूपये कमाए ।

इससे पहले उनका परिवार सालभर में घर में खाने लायक अन्न ही उगा पाता था । धनीराम को इस विधि में प्रबल संभावनाएं दिखीं । इस विध ने उनकी तकदीर बदल दी । उन्होंने उक्त राशि से खेत को ठीक कराया और खेत में ही एक मकान बना लिया । उन्होंने मोटर साइकिल खरीदने के लिए इसी राशि से धन मिलाया । आज गांव में उनका तेजी से फैलता मेडागास्कर का आधार उन्हें आशावादी बनाता है ।

उन्नत तकनीक से अचानक कई गुना अधिक उत्पादन लेने की खबर धीरे-धीरे बढ़ी और आसपास के कई गांवों में इस विधि के अपनाने से धान जगत में उफान आने के बाद धनीराम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा । सरकार ने इस विधि को और बढ़ावा दिया । उत्पादन को बढ़ाने के लिए धनीराम ने इस साल आठ एकड़ में मेडागास्कर विधि से धान की रोपाई की है ।

अपनी इस उपलब्धि पर धनीराम उत्साह से भरे हुए हैं । धनीराम कहते हैं, '' य हमरे खातिर बहुत बड़ी  खुशी  केर बात आइ जउने क हम बताय नहीं सकी , एक वहउ दिन रहा, जब हम छिटुआ धान बोबत रहेन जउने मा सालभर के खातिर खाइ का अन्न पैदा नहीं कई पावत रहेन  '' । कृषि विभाग ने मेडागास्कर विधि को धनीराम के साथ-साथ कई अन्य किसानों के खेतों में भी आजमाया और वे सफलता की राह पर चल पड़े । वे इससे बेहतर किसी और तकनीक के बारे में नहीं सोच सकते । दिनोंदिन लोकप्रियता के शिखर को छू रही मेडागास्कर विधि के बारे में उप संचालक कृषि श्री के. एस. टेकाम कहते हैं, '' पारंपरिक धान की अपेक्षा मेडागास्कर पध्दति से धान की उपज में पचास से तीन सौ प्रतिशत तक अधिक उत्पादन लिया जा सकता है । ''