सोमवार, अप्रैल 19, 2010

तीन आदतन अपराधियों को बंदी पर ईनाम घोषित बंदी बनवाने वाले होगें पुरूस्कृत

तीन आदतन अपराधियों को बंदी पर  ईनाम घोषित बंदी बनवाने वाले होगें पुरूस्कृत

भिण्ड 18 अप्रैल 2010

       पुलिस अधीक्षक भिण्ड चंचल शेखर द्वारा जिले के तीन आदतन अपराधियों को बंदी बनवाने के लिए ईनाम घोषित किया गया है। जो व्यक्ति अपराधियों को बंदी बनवायेंगे उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। जानकारी अनुसार चरना उर्फ चरणसिंह पुत्र रामेश्वर जाटव उम्र 33 वर्ष निवासी बिलाव थाना ऊमरी पर 2 हजार, पप्पू उर्फ महेश पुत्र प्रेमसिंह तोमर निवासी छीमका थाना गोहद चौराहा पर 3 हजार तथा गंभीर सिह उर्फ गम्बरे पुत्र मोहन सिंह भदौरिया निवासी कचोंगरा हाल पुरानी बस्ती भिण्ड पर 3 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया है।

 

निरामया चिकित्सक, फार्मासिस्ट एवं फैथालॉजी देगें गुणवत्ता युक्त सेवाए

निरामया चिकित्सक, फार्मासिस्ट एवं फैथालॉजी देगें गुणवत्ता युक्त सेवाए

रोगियों के उपचार में कलेक्टर भिण्ड की अभिनव पहल

भिण्ड 18 अप्रैल 2010

       कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने जिला रोगियों को बैहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के साथ साथ कम खर्च में गुणवत्ता युक्त औषधियॉ उपलब्ध कराने की अभिनव पहल शुरू की है। इस पहल को निरामया नाम दिया गया है। जिसके तहत उपचार करने वाले चिकित्सक निरामया चिकित्सक कहलाएगें और दबा विक्रेता निरामया फार्मासिस्ट और विभिन्न रोगों की जांच करने वाले पैथॉलोजी निरामया पैथालॉजिस्ट केन्द्र  के नाम से जाने जाएगें।

       कलेक्टर की पहल पर भिण्ड शहर के निजी चिकित्सक इस बात के लिए सहमत हुये कि वे उपचार के लिए आने वाले गरीब रोगियों को सस्ती और प्रमाणिक औषधियॉ लेने की परामर्श देगें। रोगियों को सस्ती और प्रमाणिक दबा देने के लिए दबा विक्रेता (केमिस्ट) तैयार हुए है। जो चिकित्सक रोगियों को सस्ती ,एवं प्रमाणित दबा लेने की सलाह देगें तथा जो केमिस्ट सस्ती और प्रमाणिक दबा विक्रय करेगें तथा दो पैथोलॉजी केन्द्र परीक्षण करेगें उनके नाम सार्वजनिक हित में प्रदर्शित किये जाएगें। विभिन्न रोगों के परीक्षण के लिए विभिन्न पैथोलॉजिस्ट द्वारा कम दरों पर परीक्षण करने की सहमति दी गई है। 

       कलेक्टर ने बताया कि औषधि विक्रेताओं से अपेक्षा की गई है कि जिस सस्ती एवं प्रमाणित दबा से रोगी लाभ पाते है उनका दस्तावेजी करण का कार्य प्राथमिकता से करें। इसीतरह रोगी एवं उनके परिजन किस कम्पनी की दबा से स्वस्थ हो सकेगें का निर्णय चिकित्सकों की एक समिति की अनुशंसा पर होगी जिसका सार्वजनिक प्रदर्शन कराया जाएगा।  जो चिकित्सक रोगियों का उपचार करेगें उनके पास निरामया लेटरपेड होगा।

 

जिला अस्पताल में सिंगल विंडो सिस्टम होगा ट्रामा यूनिट में पदस्थ चिकित्सकों का अलग संवर्ग होगा

जिला अस्पताल में सिंगल विंडो सिस्टम होगा ट्रामा यूनिट में पदस्थ चिकित्सकों का अलग संवर्ग होगा

भिण्ड : 18 अप्रैल, 2010 

       जिला अस्पताल में सिंगल विंडो सिस्टम होगा ताकि मरीज को इलाज के लिए भटकना न पड़े।  जिला अस्पताल को छोटे-छोटे एवं आपातकालीन कार्यों के लिए पच्चीस हजार रूपये तक स्वीकृत करने का अधिकार होगा। यह निर्देश लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री श्री अनूप मिश्रा की अध्यक्षता में भोपाल में स्वास्थ्य सेवाओं को  गुणवत्तापूर्ण बनाये जाने के लिए सम्पन्न बैठक में लिये गये।

       सभी जिला अस्पतालों में अब मरीज को एक खिड़की पर पर्ची बनाने, एक्सरे, सोनोग्रॉफी एवं अन्य जांच के लिए पैसे जमा करने की व्यवस्था होगी। मरीज या उसके परिजन अस्पताल में भटकें नहीं यह सुनिश्चित करने की जवाबदारी सिविल सर्जन की होगी। अब हर जिला अस्पताल में स्थापित होने वाली ट्रामा यूनिट में कार्यरत चिकित्सकों का अलग संवर्ग होगा। इनकी नियुक्ति, स्थापना, ट्रांसफर सिर्फ ट्रामा यूनिट में ही होगी अन्यत्र इन्हें पदस्थ नहीं किया जाएगा।

       आपातकालीन परिस्थितियों में 25 हजार रूपये तक का व्यय करने का अधिकार जिला अस्पताल को होगा ताकि अस्पताल की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सकें।