बुधवार, जुलाई 14, 2010

अटेर में चम्बल टूरिज्म प्रमोशन की गतिविधियाँ शुरू , सहासिक इवेन्ट दल ने स्थलों का मुआयना किया शुरू

अटेर में चम्बल टूरिज्म प्रमोशन की गतिविधियाँ शुरू , सहासिक इवेन्ट दल ने स्थलों का मुआयना किया शुरू

अटेर महोत्सव में 11 से 17 अक्टूबर तक होगें चम्बल चैलेन्ज गतिविधियॉ

 शहीद सैनिकों एवं पुलिस कर्मियों की आर्ट गेलरी से सजेगा अटेर किला

भिण्ड 12 जुलाई 2010

       चम्बल की धरा को पर्यटन के मानचित्र पर लाने जिला प्रशासन भिण्ड के प्रयास शुरू हो चुके है। कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन की पहल पर रविवार 11 जुलाई को हरियाणा के करनाल जिले का तीन सदस्यीय  सहासी दल के सदस्य संचालक यादवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में अटेर आए। दल के सदस्यों ने यादवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में अटेर किले सात मंजिल (मीनार) से रस्सी के सहारे नीचे उतरने की साहसिक रेपलिंग गतिविधि मीडिया प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत की। संचालक यादवेन्द्र सिंह एवं उनके दल द्वारा अटेर में विभिन्न स्थलों का मुआयना शुरू किया गया है। अटेर महोत्सव उत्सव के दौरान 11 से 17 अक्टूबर के दौरान आयोजित चम्बल चैलेंज में विभिन्न प्रदर्शन प्रदक्त होगें। । यादवेन्द्र सिंह साहसिक एवं रोमांचित गतिविधियों की प्रस्तुति में भारत सरकार के खेल युवक मंत्रालय से संम्बर्द्व है। यादवेन्द्र सिंह भिण्ड जिले के साहसी लडकों का चयन विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से करेगें। चयनित लडके गाइड के रूप में पर्यटकों की मदद करेगें।

       चम्बल के बीहड में स्थित अटेर किले को राष्ट्रीय संरक्षित इमारत घोषित किया गया है। यह किला भदावर संस्कृति का धोतक है। प्रदेश ही नही देश में भिण्ड जिला पौरूष बल और मस्तिष्क के रूप में विख्यात जिले के लोग भारतीय सैना में अपनी वीरता के लिए जाने जाते है। देश की रक्षा में शहीद हुये सैनिकों तथा डकैतो को पकडने और उनका सफाया करने में शहीद हुये पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छायाचित्रों की प्रस्तुति अटेर किले में फोटो आर्ट गेलरी रूप में की जाएगी है। भारत में आने वाले विदेशी सैलानियों को भिण्ड जिले के चम्बल स्थित प्राकृतिक बेहड को निकट से देखने और समझने के लिए जिला प्रशासन भिण्ड द्वारा आगामी अक्टूबर माह में चम्बल चैलेज महोत्सव की साप्ताहिक रंगारंग सांस्कृतिक एवं साहसिक गतिविधियों का आयोजन शुरू कराया जाएगा।

प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन एवं खेल एवं युवक कल्याण विभाग के तत्वाधान में आयोजित महोत्सव की आरंभिक तैयारियाँ शुरू हो चुकी है। जिला प्रशासन द्वारा पर्यटक को आकर्षित करने के लिए तीन रियायती पैकेज शुरू किये जा रहे है। इस पैकेज के तहत 6 दिन और 5 रात्रि विश्राम का पैकेज केवल 6 हजार 999 तीन दिन और दो रात्रि विश्राम का पैकेज 3333 तथा दो दिन और एक रात्रि विश्राम का पैकेज के लिए 2222 रूपये मूल्य निर्धारित किया गया है। यह पैकेज पहले आओं पहले पाओं के आधार पर उपलब्ध है।

चम्बल चैलेंज महोत्सव के दौरान सैलानियों एवं पर्यटकों के विश्राम के लिए 400 हट्स बनाए जाएगें। सात दिवसीय आयोजन में साहसिक गतिविधियों के अलावा चम्बल क्षेत्र में विद्यमान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनूठी प्रस्तुति प्रस्तुत की जाएगी इस हेतु लाईट एण्ड साउण्ड शो मुख्य आकर्षण होगा। भिण्ड जिले के पर्यटन मानचित्र पर आने से स्वरोजगार मूलक गतिविधियाँ बढेगी। चम्बल टूरिज्म प्रमोशन समिति का गठन कराया जा चुका है। समिति के संरक्षक प्रदेश के मुख्यमंत्री होगें। अटेर के बीहड में साहसिक गतिविधियों में एडवेन्चर स्पोट्स वाटर राफ्टिंग बनाना रेफ्लिंग, प्रदर्शन की गतिविधियाँ की जा रही है। उल्लेखनीय है कि भिण्ड जिले की सीमा से लगे आगरा से लेकर दतिया, ओरछा, ग्वालियर, आगरा, मथुरा मे पर्यटक आते रहते है। उन पर्यटकों को जिले में लाने के लिए पर्यटन क्षेत्र से जुडी सुविधाओं को .प्र. टूरिज्म पर्यटन विकास निगम के सहयोग से विकसित कराया जायेगा। भिण्ड जिले से ग्वालियर एयरपोट की दूरी 80 किलो मीटर और आगरा एयरपोट की दूरी मात्र 120 किलो मीटर है। जिले में सडक मार्ग से आवागमन के लिए सुविधा उपलब्ध है। भिण्ड जिले से नजदीक ग्वालियर आगरा, दतिया, ओरछा पर्यटन एवं धार्मिक एतिहासिक स्थलों पर आने वाले पर्यटकों को साहसिक गतिविधियों ग्रामीण एवं इको पर्यटन हेतु आकासित किया जाएगा। पर्यटन से संबंधित आमोद प्रमोद की विभिन्न गतिविधियों, घडियाल दर्शन तथा भिण्ड जिले के बीहड क्षेत्र में की जा सकने वाली गतिविधियों को शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं तथा जनभागीदारी सहयोग से बढावा दिया जायेगा।

जिले में पर्यटन विकास के लिए तथा पर्यटन से अजीविका के साधन सृजित करने हेतु स्थानीयजनों प्रदेश एवं केन्द्र शासन के सहयोग से विभिन्न गतिविधियों से सहयोग लिया जायेगा। अटेर क्षेत्र में फैले हुये बीहड तथा चम्बल नदी के भराव वाले क्षेत्र में डाल्फिग, घडियाल वल्ड वाचिंग की संभावनाएं वाले क्षेत्रों की तलाश कर पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जायेगा। अटेर किले के आसपास पर्यटकों के विश्राम के लिए रिसोट तथा आसपास के ग्रामों में हेरिटेज एवं ग्रामीण टूरिज्म को विकसित किया जायेगा।

 

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