रविवार, जुलाई 26, 2009

योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वालों को चेतावनी

योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वालों को चेतावनी

भिण्ड 25 जुलाई 2009

       कलेक्टर श्री के.सी. जैन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आंगनबाडी व सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन प्रभावी ढंग से किया जावे। इन सेवाओं के संचालन में किसी भी प्रकार की गडबडी होने पर स्थानीय जनप्रतिनिधि या ग्रामीण जन पोस्टकार्ड भेजकर कलेक्टर कों वास्तविकता से अवगत करा सकते है। उन्होंने यह बात आज मेहगांव व गोहद विकास खण्ड में योजनाओं की समीक्षा बैठक में कही। बैठक में आंगनबाडी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव व नोडल अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने आंगनबाडी केन्द्रों का पर्यवेक्षण कार्य प्रभावी ढंग से न करने पर सभी 14 पर्यवेक्षकों तथा सी.डी.पी.ओं, टीकाकरण न करने वाले ए.एन.एम व एम.पी.डब्ल्यू को चेतावनी जारी करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। श्री जैन ने शासकीय भवन निर्माण कार्य की राशि आहरित करने के बाद निर्माण कार्य न करने वाले ग्राम पंचायत कनाथर, गढपारा, डिडोना व अमायन के सरपंच व सचिव के खिलाफ धारा 40 के तहत कार्यवाही कर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने तथा सचिव के वित्तीय अधिकार समाप्त करने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को दिये। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री छोटे सिंह, एसडीएम मेहगांव श्री जेपी सैयाम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा एन सी गुप्ता कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री डीके सिद्वार्थ उपस्थित थे।

       कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षैत्रों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का दायित्व राज्य सरकार का है। राज्य सरकार द्वारा अपने मैदानी अमले के माध्यम से योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाती है। इन कर्तव्यों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की लेतलाली बरदास्त नही की जावेगी । श्री जैन ने कहा कि योजनाओं की पर्यवेक्षण का कार्य ईमानदारी से किया जावे। उन्होंने मेहगांव विकास खण्ड के 21 ग्रामों में टीकाकरण कार्य न होने तथा 8 ग्रामों के आंगनबाडी केन्द्र बंद पाये जाने की शिकायत पर सम्बन्धित कर्मचारियों को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कुपोषित बच्चों की संख्या वृद्वि पर नाराजगी व्यक्त की तथा पोषण पुनर्वास केन्द्र का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

       उन्होंने कहा कि योजनाएं लक्ष्यों को प्राप्त कर पा रही है या नही इसकी गहन समीक्षा जिले से लेकर राज्य स्तर तक की जाती है। उन्होंने कहा कि परख    कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव द्वारा भी योजनाओं की समीक्षा प्रत्येक माह के दूसरे गुरूवार को की जाती है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न विभागों के मैदानी अधिकारी प्रत्येक माह की 21 22 तारीख को ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते है तथा योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी जिला प्रशासन को प्रस्तुत करते है। जिसके आधार पर योजनाओं की कमियों को चिन्हित किया जाता है। उन्होंने कहा कि भिण्ड जिले में टीकाकरण कार्य, आंगनबाडी की सेवाएं, निर्माण कार्यो की स्थिति संतोषजनक नही है।

       कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि कोई भी जनप्रतिनिधि या ग्रामीणजन पोस्ट कार्ड के माध्यम से अपने क्षेत्र की समस्याओं से कलेक्टर को अवगत करा सकते है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास की सामूहिक जिम्मेदारी सभी वर्गो की है। सब लोग मिलकर योजनाओं का क्रियान्वयन सफलता के साथ करें उन्होंने रोजगार गारंटी योजना के कामों में  रूचि  लेने  की अपेक्षा सरपंचों से की तथा कहा कि इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में अधोसरंचना को मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत किचिन सेट व अतिरिक्त कक्ष निर्माण में रूचि न लेने वाले सरपंच व सचिवों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिये। ग्राम पंचायत अमायन, गढपारा, डिडोना, कनाथर के सरपंचों द्वारा राशि आहरित कर कार्य न कराये जाने पर उनके खिलाफ गबन का मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए तथा कचनाव कला के ए.एन.एम ग्राम अकलोनी के एम.पी.डब्ल्यू की एक-एक वेतन वृद्वि भी रोकने के निर्देश भी दिए।

 

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