गुरुवार, जुलाई 16, 2009

सामुदायिक पुलिसिंग और पुलिस के व्यवहार परिवर्तन से सुलझेगी चम्बल की डकैत समस्या - पुलिस महानिरीक्षक झा

सामुदायिक पुलिसिंग और पुलिस के व्यवहार परिवर्तन से सुलझेगी चम्बल की डकैत समस्या - पुलिस महानिरीक्षक झा

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

·                     पुलिस को आचरण व व्यवहार के साथ कार्यशैली भी बदलना होगी

 

हमें खेद है मुरैना में भारी बिजली कटौती के कारण इस समाचार के प्रकाशन में विलम्ब हुआ

 

मुरैना 15/16 जुलाई 09, चम्बल पुलिस महानिरीक्षक श्री एस.के. झा ने आज पुलिस कण्ट्रोल रूम पर पत्रकारों से चर्चा करते हुये चम्बल की आपराधिक छवि और डकैत समस्या के स्थायी निदान के सम्बन्ध में खुल कर डिबेट की ! मौके पर जिले के सभी पत्रकारगण , मुरैना पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह, भिण्ड पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, मुरैना सी.एस.पी. श्री अमृत मीणा, सिटी कोतवाली टी.आई. री प्रवीण अष्ठाना एवं अनेक एस.आई. व एस. आई. सहित आरक्षक गण उपस्थित थे !

चम्बल आई.जी. श्री संजय कुमार झा ने मुरैना पुलिस अधीक्षक री संतोष सिंह ओर उनकी टीम की भारी प्रशंसा की और कार्यप्रणाली पर सरहाना व्यक्त करते हुये बेहतर परिणाम निरन्तर देते रहने की अपेक्षा की ! श्री संतोष सिंह को ऊर्जावान एवं सकारात्मक पुलिस अधिकारी बताते हुये चम्बल के अपराधों पर स्थायी एवं लम्बी नासूर बन चुकी डकैत समस्या पर कुद ऐसी कार्यप्रणाली अपनाने पर जोर दिया कि जिससे चम्बल के माथे से यह बदनुमा दाग हट सके तथा विकास, व उन्नति के नये आयाम यहाँ विकसित हो सकें !

श्री झा ने पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुय बताया कि मैं म.प्र. के तकरीबन सभी जिलों में किसी न किसी रूप में पदस्थ रहा हूँ और पुलिस विभाग में यह कहावत है कि जब तक आप चम्बल में काम कर नहीं आते तब तक आपकी पुलिस की असल नौकरी पूर्ण नहीं होती, वहाँ जो काम करके पुलिस अफसर आता है वही कामयाब पुलिस अफसर माना जाता है ! मेरी तमन्ना थी कि मुझे चम्बल में एक बार काम करने का मौका मिले जो कि मेरी इस पदस्थापना के साथ पूर्ण हो गयी है ओर मैं यहाँ बेहतर काम करने के लिये आया हूँ मेरी इच्छा है कि अपनी पूरी क्षमता के साथ यहाँ की जनता की नजरों में एक सच्चे पुलिस अधिकारी की तरह सेवा करके जाऊॅं ! पत्रकारों ने श्री झा को इस पर शुभकामनायें दीं और उनकी सदभावनाओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया !

श्री झा ने पुलिस को समाज से निरन्तर जुड़े रहने तथा आम आदमी की पुलिस के रूप में काम करने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि जब तक पुलिस आफिसर और आम आदमी में दूरी कायम रहेगी तब तक सच्चे अर्थों में पुलिसिंग कामयाब नहीं हो सकती, पुलिस कर्मियों का व्यवहार व आचरण बेहद संयत व शालीन रहना चाहिये, थाना पर पहुँचने वाले हर पीड़ित फरियादी को सहानुभूति एवं सहायता कर्मी के रूप में सुना जाना चाहिये और तदनुसार फरियादी की असल समस्या को जानने का पूर्ण मनोयोग से यत्न करना चाहिये, फरियादी भले ही अपनी बात कह या समझा न पा रहा हो , पुलिस अधिकारी को उसे व उसकी संवेदना एवं वेदना को यथोत्तम शब्दीय जामा पहनाना चाहिये और तुरन्त उसकी शिकायत विधिक रूप से दर्ज कर कार्यवाही की ओर अग्रसर होना चाहिये, जहाँ उसे जितनी फौरी राहत की जरूरत है उसे अविलंब प्रदान की जानी चाहिये, पुलिस कर्मियों को अपने अंतस में यह बिठाना ही होगा कि वे देश और समाज के सच्चे सेवक एवं हितैषी व मित्र हैं, अपराधी उनका विकट निशाना है और अपराधीयों के प्रति कठोर व्यवहार व आचरण अपनाने से ही पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास व निष्ठा कायम रहेगी ! यदि विपरीत व्यवहार किया जाता है तो भले और पीड़ित लोग थाना जाना बन्द कर देंगें तथा पुलिस की साख इससे गिरेगी तथा समाज के शान्ति प्रिय निरपराध लोगों में भय का संचार होगा और अपराधीयों का मनोबल बढ़ेगा ! श्री झा ने पुलिस कर्मियों से अपेक्षा की न केवल व्यवहार में परिवर्तन करें अपितु आचरण में भी परिवर्तन करें ! और जनता एवं समाज के दोस्त बनें तथा आपराधियों के दुश्मन !

श्री झा ने बताया कि अब वे थाना स्तर पर भी थाना में पदस्थ पुलिस कर्मियों के साथ मीटिंग्स करेंगें और बारीकी से उनकी समस्याओं, कठिनाईयों तथा चम्बल के अपराधों के मूल की खोज करेंगे तथा प्रयास करेंगें कि मामले की तह तक जायेंगें और जानेंगें कि आखिर क्या वजह है कि चम्बल में बदला, रंजिश , बागी और डकैत आज करीब सौ साल से बनते चले आ रहे हैं और यह समस्या समाप्त क्यों नहीं हो रही !

 

प्रसंगवश- मुख्य न्यायाधिपति पटनायक ने कहा क्यों लेते हैं लोग चम्बल में बदला

हम यहाँ प्रसंग वश उल्लेख करना चाहेंगें कि पिछले कुछ साल पहले म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री अनंग कुमार पटनायक मुरैना आये तो न्यायालय में आयोजित कार्यक्रम में श्री पटनायक ने सवाल किया था कि ''अगर सब ठीक चल रहा है, पुलिस अपना काम ठीक से कर रही है, प्रशासन अपना काम ठीक से कर रहा है, न्यायालय अपना काम ठीक से कर रहा है तो फिर क्यों लेते हैं लोग चम्बल में बदला, क्यों होते हैं फिर यहाँ बागी या डकैत पैदा, आखिर यह रिवेन्ज थ्योरी यहाँ क्यों है ! कहीं न कहीं हम चूक रहे हैं, हमारा तंत्र कहीं न कहीं गड़बड़ है , हमारे काम में कहीं खोट है हमें आत्मावलोकन कर अपनी खामीयां दूर करना होंगीं ! तभी लोग कानून हाथ में लेना बन्द कर देंगें , हम कानून हाथ में होकर उसका सही इस्तेमाल नहीं करते तो लोगों को सही वक्त पर मदद नहीं करते तो लोग कानून हाथ में लेते हैं, उन्हें जब किसी स्तर पर कानूनी मदद या न्याय नहीं मिलता तो खुद न्याय के लिये कानून हाथ में लेते हैं ! ''

 

श्री झा ने बताया कि यह हैरत की बात है कि चम्बल में 60 हजार से अधिक शस्त्र लायसेन्स हैं, और लगभग 4700 से अधिक अपराधी फरार चल रहे हैं यह आश्चर्यजनक संख्यायें हैं !

पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि थानों में पुलिस मामला दर्ज नहीं करती, इस सम्बन्ध में आप क्या कार्यवाही करेंगें ! श्री झा ने कहा कि मैं पहले ही कह चुका हूँ कि हर फरियादी को सहानुभूति पूर्वक सुना जाना चाहिये और जहाँ अपराध बनता है वहाँ अपराध अवश्य कायम किया जाना चाहिये !

ग्वालियर टाइम्स द्वारा यह पूछे जाने पर कि चम्बल में झूठे मामले दर्ज कराने का भी एक खासा प्रचलन है और ताकतवर लोग पुलिस का बेजा इस्तेमाल कर निर्बल व गरीबों के खिलाफ मामले दर्ज करा कर उन्हें प्रताड़ित करते हैं तथा दबा कर रखते हैं या शोषण करते हैं या अपना दबदबा बनाये रखते हैं जिससे आक्रोश पैदा होता है बाद में अधिकांश ऐसे प्रकरणों में मुल्जिम बरी हो जाते हैं जबकि आई.पी.सी. में धारा 182, 211, 193, 195 मौजूद हैं लेकिन पुलिस कभी भी इनका इस्तेमाल क्यों नहीं करती, जिससे झूठे मामले दर्ज होना बन्द हो सकें और पुलिस का दुरूपयोग बन्द हो सके ! इस पर श्री झा एवं मुरैना पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह एवं भिण्ड पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने एक साथ सहमति जताते हुये समवेत स्वर में कहा कि हाँ यह एकदम सही है ओर बहुत महत्वपूर्ण बात है, हम इसे एक सुझाव के रूप में नोट करेंगे और इस पर अवश्य अमल करेंगे यह होना चाहिये और बेहद जरूरी है !

ग्वालियर टाइम्स द्वारा अगला प्रश्न पूछे जाने पर कि अजाजजा अधिनियम के तहत 80 से 85 प्रतिशत प्रकरणों में भी ऐसा ही होता है तथा केवल प्रकरण दर्ज कराने पर मिलने वाले पैसे के लिये ऐसे सैकड़ों मामले फर्जी दर्ज कराये जाते हैं तथा सरकार से और मुल्जिम से मिलने वाले पैसे के बाद 90 से 85 प्रतिशत मामलों में मुल्जिम बरी हो जाते हैं लेकिन लुट पिट चुके अन्य जाति के मुल्जिमों और अजाजजा के लाों के बीच जातीय व सामाजिक विद्वेष फैलता है ऐसे मामलों में भी पलट केस क्यों नहीं चलाये जाते जिससे झूठे मामले दर्ज कराने वाले हतोत्साहित हों !

इस पर भी दोनों जिलों के पुलिस अधीक्षकगण सहित आई.जी. श्री झा ने सहमति व्यक्त करते हुये अपनी कार्यवाहीयों में इस पर खास कार्यवाही अमल करने की जरूरत बताई !

श्री झा ने सामुदायिक पुलिसिंग का महत्व प्रतिपादित करते हुये कहा कि हाल ही में म.प्र. के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर हाल ही में प्रारंभ की गयी जन सुनवाई के काफी सुखद परिणाम सामने आये हैं और पुलिस समाज के काफी नजदीक पहुँच रही है , लोगों में पुलिस के प्रति मित्रतापूर्ण व सहृदयता पूर्ण भावना जागृत हुयी है ! यह सामुदायिक पुलिसिंग का ही एक भाग है !

बेहतर सामुदायिक पुलिसिंग के लिये ग्राम व नगर रक्षा समितियों को सशक्त, समर्थ सक्षम बनाया जायेगा और समाज एवं कानून के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर उपयोग किया जायेगा ! नागरिकों की सुरक्षा अमनो चैन कायम रहे इसके लिये हर संभव जतन किये जायेंगें, मुरैना पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह स्वयं पेट्रोलिंग करते हैं और खुद न सो कर लोगों की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेवारी निर्वाह करते हैं यह एक बेहतर पुलिसिंग है !

सामुदायिक पुलिसिंग में मीडिया की विशेष भूमिका

श्री झा ने कहा कि सामुदायिक पुलिसिंग हो या अपराध निवारण हो या डकैत समस्या का निदान हो हर जगह मीडिया की खास भूमिका व जवाबदेही है, मीडिया सबसे बड़ा व अचूक प्रहरी है जो कि बेहतर सामाजिक व्यवस्था कायम करने में एक सशक्त भममिका निर्वाह करता है , श्री झा ने मीडिया से अपेक्षा की कि मीडिया बेहतर पुलिस व्यवस्था, अमनो चैन कायमी और अपराध तथा डकैत समस्या निवारण में अपनी महती व सकारात्मक भूमिका अदा करे !

श्री झा ने यह भी कहा कि दो प्रकार के अपराधी होते हैं , एक तो वे जो कि आइडेण्टीफाइड हैं और जिन्हें हम जानते हैं कि वे किसी अपराध में संलग्न रहे हैं और कानून के शिकंजे से बाहर या फरार हैं, दूसरे वे जो कि संभावित अपराधी हैं या अपराध कर सकते हैं या कहीं किसी अपराध की संभावना है ! हमें फरार अपराधियों को कानून तक लाना होगा और संभावित अपराधियों या अपराध को घटित होने से पहले रोकना होगा तभी समाज का सच्चे अर्थों में हित हो सकेगा !

तीव्र न्यायालयीन कार्यवाही की आवश्यकता

श्री झा ने यह भी कहा कि पुलिस और वकीलों सभी को यह प्रयास करना चाहिये कि प्रत्येक आपराधिक मामले में त्वरित एवं तीव्र न्यायायिक कार्यवाही हो और फेसलों में विलम्ब न हो, फैसलों में विलम्ब से भी आक्रोश व्याप्त होकर आम आदमी के सब्र का बांध टूट कर न्याय व कानून के प्रति आस्था कम होती है अत: यथा संभव स्पीडी ट्रायल होना चाहिये ! और केस में लेतलाली से बचना चाहिये !

बढ़ाया जायेगा अंतर्राज्यीय पुलिस सहयोग

श्री झा ने कहा कि हम अंतर्राज्यीय पुलिस सहयोग बढ़ाने के हामी हैं, राजस्थान, उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश की सीमा पर चॅबल संभाग की स्थिति होने से यहाँ इसकी बेहद जरूरत है जिससे अपराधी एक राज्य में अपराध करके दूसरे राज्य में न छिप सकें ! हमें अभी तक राजस्थान और उत्तरप्रदेश पुलिस का काफी अच्छा सहयोग मिलता रहा है और कई मामलों में वहाँ की पुलिस ने हमारी त्वरित सहायता की है हम आगे भी इस पारस्परिक सहयोग को बनाये रखेंगे तभी अपराध नियंत्रण की दिशा में ठोस कार्यवाही संभव होगी !

श्री झा ने प्रत्येक पुलिस अधिकारी से क्षेत्र का भौगोलिक, सामाजिक व सांस्कृतिक परिवेश अच्छी तरह जानने समझने की आवश्यकता पर बल दिया !

श्री झा की पत्रकार वार्ता से एक बात तो लगभग साफ हो गयी कि पुलिसिंग झा के लिये एक पावन मिशन है ओर वे दिल से चम्बल की कई महती समस्याओं को सुलझाने के मूड में हैं ! 

मुरैना में शातिर चोरों और लुटेरो के कई गिरोह पुलिस ने दबोचे

मुरैना में शातिर चोरों और लुटेरो के कई गिरोह पुलिस ने दबोचे

 

हमें खेद है मुरैना में भारी बिजली कटौती के कारण इस समाचार के प्रकाशन में विलम्ब हुआ

·                     माल मशरूका बरामद, कबूली वारदातें, खुलेंगें और कई मामले

·                     प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स, भारत जनरल स्टोर्स, जिला न्यायालय के न्यायाधीश की चोरीयों का खुलासा

·                     चेन स्नेचिंग के मामले भी खुले, माल बरामद

·                     पुरूस्कृत किये जायेंगें पुलिस कर्मी व अधिकारी

·                     सेट टॉप बाक्स, कैमरे, क्म्प्यूटर एल.सी.डी.मानीटर, भारी संख्या में बहुमूल्य कैमरों सहित भारी आभूषण और माल मशरूका पकड़ा

 

मुरैना 15/16 जुलाई 09, शहर में पिछले कुछ महीनों से सीरियल शैली में हो रही चोरी की वारदातों का खुलासा करते, मय बरामद माल मशरूका सिटी कोतवाली पुलिस और नगर पुलिस अधीक्षक की टीम ने आज दो बड़े चोर लुटेरों के गिरोह के सदस्यों को दबोच लिया !

पुलिस कण्ट्रोल रूम पर आयोजित पत्रकार वार्ता में चम्बल पुलिस महा निरीक्षक श्री एस.के. झा ने मुरैना पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह, भिण्ड पुलिस अधीक्षक डॉ.राजेन्द्र प्रसाद, मुरैना सी.एस.पी. श्री अमृत मीणा, मुरैना सिटी कोतवाली टी.आई. श्री प्रवीण अष्ठाना और उनकी पुलिस टीम की उपस्थिति में विगत कुछ समय से शहर में लगातार हो रही दोहरी तिहरी चोरीयों और चेन स्नेचिंग की वारदातों का पर्दाफाश करते हुये बरामद किये गये माल मशरूका समेत पकड़े गये गिरोह के सदस्यों को पत्रकारों से रूबरू कराते हुये बताया कि शहर मुरैना में पिछले कुछ दिनों से लगातार सीरियल चोरीयाँ हो रहीं थीं जिसमें कई चोरीयॉ ंतो दोहरी तिहरी थीं और चोर बार बार उसी जगह को पखवाड़े भर के भीतर टारगेट कर रहे थे जहाँ पहले चोरी हो जाती थी ! तथा अधिकांश ऐसी घटनायें नगर के हृदय स्थल सदर बाजार में व्यापारीयों के प्रतिष्ठानों में घटित हो रहीं थीं जिस पर व्यापारीयों में भी आक्रोश व्याप्त हो गया था ! पुलिस ने इन वारदातों को चुनौती के रूप में ग्रहण किया और गिरोह को मय माल मशरूका गिरफ्तार करने का निश्चय किया, जिस पर पुलिस के अथक परिश्रम और सूझ बूझ से सीरियल वारदाती चोर न केवल पुलिस के हाथ लग गये बल्कि काफी माल भी बरामद हो गया उम्मीद है कि इनसे और भी कई वारदातों पर से पर्दा हटेगा !

मुरैना पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह ने सारे मामले पर प्रकाश डालते हुये विस्तृत ब्यौरा पत्रकारों को देते हुये बताया कि विगत दिनांक 1 जून 2006 को रात्रि में अज्ञात बदमाशों ने शहर के हनुमान चौराहे पर स्थित प्रकाश स्टूडियो से पीछे की दीवाल में नकब लगाकर 24 कैमरे चोरी कर लिये थे जिस पर फरियादी प्रमोद कुमार की रिपोर्ट पर थाना सिटी कोतवाली मुरैना में अपराध क्रमांक 576/06 धारा 457, 380 आई.पी.सी. कायम कर विवेचना में लिया गया किन्तु माल मुलजिम पता नहीं लगने से दिसम्बर 2006 में प्रकरण में खात्मा कता किया गया ! इसके बाद विगत माह दिनांक 25 जून 2009 को रात्रि में अज्ञात बदमाशों ने प्रकाश इलेैक्ट्रॉनिक्स से ही दूकान के पीछे गंदी गली के सहारे पीछे से छत पर चढ़ कर दरवाजा तोड़ कर डी.वी.डी. प्लेयर्स, हाथघड़ी, सिम, रिचार्ज व्हाउचर्स, नकदी आदि सामान चोरी कर लिया था, इस मामले को फरियादी रामप्रकाश माहेश्वरी की रिपोर्ट से अपराध संख्या 482/09 धारा 457, 380 आई.पी.सी. कायम कर विवेचना में लिया गया, लेकिन दिनांक 10 जुलाई 09 को पुन: प्रकाश स्टूडियो एवं प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स में की दुकान में छत के सहारे घुस कर पिछला दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश कर कम्प्यूटर, कैमरा एवं नकदी चोरी कर ली थी जिस पर फरियादी मोहित माहेश्वरी की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली में अपराध संख्या 537/09 धारा 457, 380 आई.पी.सी. कायम कर विवेचना में लिया गया !

एक ही दूकान में लगातार दोहरी तिहरी चोरी होने से शहर के व्यापारीयों में आक्रोश फैल गया था और पुलिस अधीक्षक मुरैना संतोष सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन दिया एवं 14 जुलाई को मुरैना का बाजार बन्द करवाने की चेतावनी दी गयी ! जिस पर पुलिस ने तीन दिन का समय व्यापारीयों से चोरीयाँ ट्रेस करने हेतु मांगा !

पुलिस ने मामले की चुनौती स्वीकारते हुये नगर पुलिस अधीक्षक श्री अमृत मीणा के नेतृत्व में एक त्वरित कार्यवाही टीम गठित की गयी जिसमें थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक श्री प्रवीण अष्ठाना, उप निरीक्षक श्री प्रवीण चौहान, प्रधान आरक्षकगण श्री रामसेवक, श्री इन्द्रदेव पाण्डे, लोकेन्द्र, सर्वेश, एवं विश्वनाथ को शामिल किया गया !

पुलिस के अथक परिश्रम व दिन रात की दौड़धूप एवं सूझ बूझ सक्रिय व सतर्क मुखबिर तंत्र के सहारे न केवल हालिया वारदातों को ट्रेस कर लिया बल्कि 3 साल पहले हुयी अनसुलझीं वारदातों का भी पर्दाफाश कर दिया !

वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश राणाप्रताप पुत्र गंभीरा बाल्मीक, सोनू उर्फ मिटटू पुत्र वीरेन्द्र बाल्मीक, सुभाष पुत्र सरमन धोबी, मनोज जैन पुत्र भगवानदास सभी निवासी मुरैना को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी किया गया सम्पूर्ण माल बरामद कर लिया गया है इस मामले में अन्य आरोपी रामअवतार पुत्र सरमन धोबी अभी फरार है जिसकी गिरफ्तार के प्रयास जारी हैं !

इन बदमाशों द्वारा तीन साल पहले जो कैमरे चोरी किये गये थे उन्हें रामेश्वर राठौर निवासी इस्लामपुरा को बेच दिये थे पुलिस ने चोरी का मशरूका क्रय करने के मामले में रामेश्वर राठौर को भी गिरफ्तार कर लिया है ! पुलिस अभी अन्य मामलों में भी बदमाशों से पूछताछ कर रही है !

मई जून माह में ही भारत जनरल स्टोर्स से लगातार दो बार चोरी की घटनायें होने पर जिसमें 25 हजार रू. का कास्मेटिक सामान चोरी किया गया था पुलिस ने पहले ही प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स की चोरी में पकड़े गये मुख्य आरोपी राणाप्रताप मेहतर का भाई डिस्को पुत्र गंभीरा मेहतर, चचेरा भाई दिनेश पुत्र अल्ली मेहतर एवं गब्बर पुत्र बाबू मेहतर शामिल थे को पकड़ लिया था जो कि इस वक्त जेल में हैं ! पुलिस द्वारा उनके कब्जे से चोरी का माल पहले ही बरामद कर लिया था !

पुलिस अधीक्षक मुरैना ने हनुमान चौराहा परिसर में हुयी उपरोक्त वारदातों को सफलता पूर्वक दस्तयाब करने वाली टीम में शामिल सभी लोगों को पुरूस्कृत करने की घोषणा की है !

प्रकाश इलेक्ट्रानिक्स व स्टूडियो के मालिकों ने संतोष और खुशी जताई, माल मशरूका की पुष्टि

पत्रकारों के समक्ष तिहरी चोरी की वारदात झेलने वाले प्रकाश स्टूडियो और प्रकाश इलेक्ट्रानिक्स के मालिकों ने पुलिस द्वारा बरामद किये गये अपना माल पहचानते हुये पुष्टि की कि हाँ यह बरामद माल मशरूका एकदम सही है और हमारा ही है, उनका कहना था कि हमें संदेह था कि कहीं पुलिस ने अपनी ओर से माल रख कर नकली बरामदगी तो नहीं दिखा दी, लेकिन साा बरामद माल चेक करने के उपरान्त उन्होंने कहा कि माल सही है और उनका ही है, पुलिस ने वाकई करिश्मा कर दिखाया है , वे हतप्रभ थे कि क्या वाकई वास्तविक चोर पुलिस ने पकड़ लिये हैं , उन्होंने पत्रकारों के समक्ष ही बदमाशों के सरगना राणाप्रताप मेहतर से कुछ बारीक पूछताछ की और गोपनीय जानकारीयां अपनी दूकान के बारे में पूछीं जिसके उत्तर बदमाश सरगना राणा प्रताप ने पत्रकारों के सामने ही धड़ाधड़ सत्यनारायण की कथा की तरह सुना डाले जिसे सुनकर दूकानों के मालिक भौंचक्क रह गये और बोले चोर भी सही पकड़े गये हैं इसने जो भी बताया वही सच है ओर यह हैरत अंगेज है कि दूकान की कुछ बारीक कमजोरीयां जो सिर्फ हमें ज्ञात थीं वह सब इसे बहुत अच्छी तरह मालुम थीं और दूकान के हर गोपनीय राज को यह जानता था व पूरे प्रतिष्ठान के नक्शे से भली भांति परिचित था !

बदमाश सरगना ने उगला चोरी का किस्सा

बदमाश सरगना राणाप्रताप ने पत्रकारों व दूकानों के मालिक द्वारा दुबके व जिज्ञासायुक्त सवालों के जवाब में बताया कि प्रकाश इलेक्ट्रानिक्स एवं स्टूडियो में तीनों बार चोरी की वारदात उसी ने अपने साथियों के साथ की थी ! वारदात के बारे में जाकारी देते हुये उसने बताया कि पहले चोरी सफलता पूर्वक करने के बाद दूसरी चोरी भी उसने सफलतापूर्वक कर डाली और उसे कुछ खास प्रयास नहीं करना पड़े , लेकिन तीसरी बार की चोरी उसने बड़े इत्मीनान और बेधड़क होकर की, वह रात 12 बजे दूकान की छत पर चढ़ा जहाँ पहले से ही छत पर लोहे के एंगल व खण्डे पत्थर आदि पड़े हुये थे, उसने खण्डा पत्थर पटक कर छत की पटिया तोड़ी, फिर सीढियां तोड़कर आसानी से दूकान में दाखिल हो गया, नीचे पहुँच कर उसने केवल एक बटन दबाया और पूरे स्टूडियो की लाइट जल गयी, फिर मजे से स्टूडियो मे ंजम कर माल मशरूका बटोरी , दूकान मालिक द्वारा यह पूछे जाने पर कि दराजें कैसे उसने खोलीं, तो उसने बताया कि लोहे की एंगल्स और पत्तियों के सहारे उसने दराजें खोल कर नकदी बटोरी, उसके बाद स्टूडियो से वह इलेक्ट्रानिक्स के शॉप में प्रवेश कर गया तो दूकान मालिक ने पूछा कि कैसे इस प्रकार उसने दूसरी तरफ प्रवेश किया क्योंकि दूकान मालिक के अनुसार बीच में मजबूत दरवाजा था जो कि पुख्ता तौर पर दूसरी साइड से लॉक था , तब बदमाश सरगना ने बड़ी आसानी से कहा कि वह बहुत सरलता से बीच के दरवाजे के एक कोने को जो कि हल्का सा उखड़ा हुआ था खींच कर फाड़ कर पूरे दरवाजे को खींच दिया जिससे वह टेढ़ा होकर एक तरफ झुक गया और पूरा बेहतर रास्ता बन गया तथा इलेक्ट्रानिक्स के शो रूम कम शॉप में प्रवेश कर गया फिर वहाँ से उसने क्म्प्यूटर, एल.सी.डी. मानिटर सहित, कई बेशकीमती चीजें और नकदी उड़ाई ! दूकानदार द्वारा यह पूछे जाने पर कि इलेक्ट्रानिक्स शॉप की लाइट उसने कैसे जलाई बदमाश सरगना ने कहा कि नहीं वहाँ लाइट नहीं जलाई वहाँ तो उसने मोमबत्ती जला कर सारा काम तमाम किया, पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि कितनी देर तक तुम दूकान के भीतर रहे और यह सारा काण्ड करते रहे बदमाश सरगना ने बताया कि रात 12 बजे से करीब सुबह साढ़े तीन - पौने चार बजे तक वह दूकानों के भीतर रहकर अपने वारदाती कामों को निर्भीक व निश्चिंत होकर अंजाम देता रहा और बेखौफ होकर अपना काम करता रहा ! पत्रकारों ने जब पूछा कि इतना सामान कैसे वह लाद कर अपने साथ ले गया तो बदमाश सरगना ने बताया कि वह सारे सामान को उसी दूकान में पड़े बड़े कागज के कार्टून में बन्द कर आसानी से छत के सहारे ही उतार कर नीचे गन्दी गली में ले आया और उसे वहीं छोड़ दिया तथा बाहर आकर चालू बाजार और पुलिस की हरकत व निगहबानी भांपने यूं ही बाहर निकल कर सड़कों पर स्टेशन रोड से होते हुये सामान उठा कर ले जाने के लिये मौका तलाश करता रहा, लेकिन रास्ते में पुलिस से उसका सामना हो गया पुलिस वालों ने उससे पूछताछ भी की लेकिन उसके पास कोई सामान मशरूका न होने से पुलिस ने उसे तमाचे मार कर डॉट फटकार कर भगा दिया, और वह डर गया और स्टेशन होते हुये घर जाकर अपने गिरोह के साथियों से मिल कर माल का पता दिया, जिस पर उसके गिरोह के साथी खुला सबेरा होने से पहले ही कार्टून बन्द माल का डिब्बा उठा लाये ! बाद में पुलिस ने पतारसी के जरिये उसे पकड़ लिया ! उसने खुल कर पत्रकारों के सामने सारी सच्चाई एक कथा की मानिन्द धड़ाधड़ धाराप्रवाह सुना दी और चोरी ही नहीं बल्कि चोरीयां स्वीकार करीं ! अचानक और अजीबो गरीब प्रश्नों के उत्तर भी उसने बड़े आसानी से दे डाले जिससे सभी का समाधान हो गया कि यही वास्तविक चोर हैं ! संभावना जताई जा रही है कि इस गिरोह से और भी कई मामलों का खुलासा होगा !      

 

चैन लुटेरे और जिला अपर जज के यहाँ चोरी करने वाले पुलिस ने दबोचे

चैन लुटेरे और जिला अपर जज के यहाँ चोरी करने वाले पुलिस ने दबोचे

 

हमें खेद है मुरैना में भारी बिजली कटौती के कारण इस समाचार के प्रकाशन में विलम्ब हुआ

 

मुरैना 15/16 जुलाई 09, विगत 26 मई को रात्रि में चम्बल कालोनी स्थित पंचम अपर सत्र न्यायाधीश श्री शशिभूषण पाठक के घर से अज्ञात बदमाशों ने सोने चाँदी के आभूषण तथा अन्य घरेलू सामान सहित करीब 1 लाख रू. का माल चोरी कर लिया था जिसकी रिपोर्ट जज के स्टेनो अशोक कुमार गुप्ता द्वारा थाने पर की गयी जिस पर अपराध क्रमांक 409/09 धारा 457, 380 आई.पी.सी. कायम कर विवेचना में लिया गया !

नगर पुलिस अधीक्षक श्री अमृत मीणा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी श्री प्रवीण अष्ठाना की टीम ने सफलता पूर्वक वारदात दस्तयाब करते हुये राजू उर्फ रामप्रसाद रावत निवासी ग्राम थरा थाना जौरा, को गिरफ्तार किया है, पुलिस ने राजू रावत के कब्जे से करीब 75 हजार रू. का माल बरामद कर लिया है ! बदमाश राजू रावत का साथी सिकन्दर पुत्र शिवचरन रावत निवासी शिवपुरी इस वक्त ग्वालियर जिले के एक अन्य मामले में जेल में बन्द है जिसे प्रॉडक्शन वारण्ट पर मुरैना लाया जायेगा !

पकड़े गये चैन स्नैचर्स

दिनांक 4 जून 09 को न्यू कोर्ट के पास आम रोड पर अज्ञात बदमाशों ने मोटर साइकिल से भागते हुये श्रीमती गायत्री पत्नी श्री गोविन्द उपाध्याय निवासी देवरी के गले से सोने की चैन छीन ली थी, रिपोर्ट पर थाना कोतवाली में अपराध संख्या 428 / 09 धारा 392 भा00वि0 11, 13 एम.पी.डी.के. एक्ट के तहत कायम कर विवेचना में लिया गया इसी प्रकार दिनांक 10 जुलाई 09 को हाउसिंग बोर्ड कालोनी में श्रीमती रिमी पत्नी आशीष मित्तल, निवासी श्रीराम कालोनी के गले से सोने की जंजीर छीन ली थी, जिसकी रिपोर्ट थाना कोतवाली में अपराध संख्या 538/ 09 धारा 392 भा00वि0 11, 13 एम.पी.डी.के. एक्ट के तहत कायम कर विवेचना में लिया गया ! नगर पुलिस अधीक्षक श्री अमृत मीण्ाा के मार्गदर्शन में अपने सक्रिय व सतर्क मुखबिर तंत्र का इस्तेमाल करते हुये नगर निरीक्षक श्री प्रवीण अष्ठाना ने अपनी पुलिस टीम के साथ घटना में शामिल बदमाश भोला पुत्र रघुवंश सिकरवार निवासी खिरका हाल जौरी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से घटना में लूटी सोने की चैन बरामद कर ली है, भोला के अनुसार घटना में उसके साथी टिंकू परिहार निवासी न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी मुरैना, मनोज जाटव निवासी बरेथा, टिंकू जाटव निवासी सुभाष नगर , सोनू अग्रवाल निवासी सब्जी मण्डी मुरैना एवं भरत तोमर निवासी नंद का पुरा शामिल हैं जो कि अभी तक फरार हैं जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारीं हैं ! चैन स्नेचर शातिर बदमाश भोला सिकरवार को पकड़ने में थाना सिविल लाइन्स पर तैनात आरक्षकगण सुनील यादव, सुदेश कुमार, एवं द्वितीय बटालियन विशेष सशस्त्र बल ग्वालियर के प्रधान आरक्षक भूषण सिंह का अहम योगदान रहा !