शनिवार, जुलाई 11, 2009
किस्सा ए मुरैना: पत्रकार बनना है तो लाओ दो हजार, सरकार उवाच ......
किस्सा ए मुरैना: पत्रकार बनना है तो लाओ दो हजार, सरकार उवाच ......
मुरैना डायरी (वर्ष 1999 से प्रकाशित)
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
(लेखक अनेक पुरूस्कारों व सम्मानों से सम्मानित प्रख्यात समाजसेवी, साहित्यकार, पत्रकार एवं क्रिमिनल लॉयर व इन्वेस्टीगेटर है )
आज फिर एक बार मुरैना डायरी का अंक आपके सामने है, एक लम्बा अर्सा हुआ यह स्तम्भ प्रकाशित नहीं हो पा रहा था । पर थोड़ी रूकावट के बाद सही फिर आपके सामने आया ।
मोगाम्बो खुश हुआ
हमारे मुरैना में एक मोगाम्बो हैं, काफी फेमस हैं और एक अर्सा पहले अखबारों की हाकरी किया करते थे आजकल बड़े साहब के मुँह लगे है, मुँह क्या लगे हैं यूं कहिये कि छाती पान लगा है । अब लोग उन्हें साहब का दलाल कहते हैं तो भई ये तो गलत बात है , सरासर गलत । अकेले बेचारे मोगाम्बो को ही काहे बदनाम करते फिरते हो , साहब के छाती पान तो शहर में, जिले में गली गली में आवारा कुत्तों के मानिन्द ब्याये पड़े हैं ।
मोगाम्बो जो भी हो बड़ा दयालु है, काम करवा ही देता है , पक्के में करवा देता है अब थोड़ा बहुत तो हर जगह ही खर्च होता है, कुछ साहब पर कुछ साहब के बीवी बच्चों पर , कुछ खुद पर कुछ खुद के बीवी बच्चों पर अब सब एडजस्ट तो करना ही पड़ेगा न । मोगाम्बो चाहे जिसे पत्रकार बना देता है चाहे जिसे पत्रकार से बेलदार बना देता है । एक किस्सा गौर फरमाईये ।
एक बेलदार एक मकान पर बेलदारी कर रहा था, मोगाम्बो भाई वहॉं घूमते घामते पहुँच गये, मोगाम्बो भाई ने पहली नजर में ही भॉंप लिया कि शिकार मुकम्मल और वजनदार है । मोगाम्बो भाई बेलदार से बोले काहे कित्ता कमा लेते हो रोजाना, बेलदार बोला कि साब हमारी रेट सबको मालुम है लेकिन काम मिलता रहे इसकी कोई गारण्टी नहीं, जब काम नहीं मिलता तब दिक्कत हो जाती है ।
मोगाम्बो भाई बोले कि चल बीड़ी पिला , बेलदार ने बीड़ी सुलगाई कश के साथ बाते आगे बढ़ाते मोगाम्बो बोला कि बोल कुछ इन्तजाम करवाऊं क्या, बेलदार ने गदगद स्वर में कहा कि का साब का करवाओगे ।
मोगाम्बो भाई बोला कि ऐसा कर कब तक ये मजदूरी फजदूरी करता फिरेगा, नरेगा की रोजगार गारण्टी में फंस गया तो निबट जायेगा, कम रेट और कमीशन कटा के मजदूरी के नाम पर ढेढ़स पावेगा, और मजदूरी नहीं करेगा तो गरीबी रेखा से भी नाम कटा बैठेगा, तू ऐसा कर कि पत्रकार बन जा ।
मोगाम्बो की बात सुन कर बेलदार चौंका और बोला कि साहब जे का होता है । मोगाम्बो ने उसे ईगर फुल देखा तो बोला कि अबे तेरे को नहीं पता कि जे का होता है, साला पत्रकार तो बहुत बड़ी तोप होता है , हरेक में डण्डा डाल देता है ।
बेलदार उत्सुक होता हुआ बोला कि बनवाय देओ साब, कैसें बनेंगे, का तरीका है ।
मोगाम्बो बोला कि अरे कुछ नहीं दो हजार जमा कर सो लोकल नीला पर्चा, हरा पर्चा , हवाबाण टाइम्स किसी से भी लिखवा लेंगें कि तू उनका पत्रकार है , फिर दो हजार और लगेंगे सो अधिमान्यता के कागज बनवा दूंगा, तीन हजार उसके बाद दे दीओ तो अधिमान्यता दिलवा दूंगा बस फिर तो तेरे जलवे ही जलवे हैं ।
बेलदार जो अब तक टांग पसार कर जमीन पर बैठा था , फुर्ती से उकड़ू होता हुआ बोला पत्रकार बन के अधिमान्यता मिले पर का फायदा होगा ।
मोगाम्बो ने जलती आग में थोड़ा घी और उड़ेला बोला कि बेटा साल में 20 हजार तो आर्थिक सहायता, बस और रेल का कंसेशन पास, घर वालों की दवा दारू और इलाज सब मुफ्त, इसके संग हर वी.आई.पी. के कार्यक्रम में अगाड़ी वाली कुर्सी पक्की, नहीं तो वैसे साला भीड़ में धक्के खाता फिरेगा और मंत्री, नेता, अफसर के दरसन भी नहीं पावेगा । पुलिस भी सैल्यूट मारे तो बात करना ।
बेलदार की ऑखें चौड़ी हो गयीं और हैरत से बोला ऐं इत्ते फायदा बाप रे बाप मैं अभी तक कहॉं गढ्ढे में पड़ा पशुयुग में जी रहा था , प्रभु प्रभु कहॉं थे आप अभी तक , धन्य हैं आप प्रभु धन्य हैं आप । मोगाम्बो बोला तो फिर निकाल फटाफट दो हजार और खुलवा देता हूँ तेरा पत्रकारिता का अकाउंट ।
बेचारे बेलदार ने अपने पड़ौसियों से कर्जा लिया और मोगाम्बो को दो हजार थमा कर पत्रकार बनने के सपने में बेलदारी छोड़ कर आजकल घर आराम फरमा रहा है ।
बेलदार को पत्रकार और पत्रकार को बेलदार बना देने के हुनर में माहिर मोगाम्बो का कारनामा हमारे सामने तब आया जब म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के मुरैना आगमन को मीडिया ने प्रकाशित करने से बहिष्कार कर दिया और मीडिया के कुछ मोगाम्बो के पालतूओं को छोड़ किसी ने कार्यक्रम को तवज्जुह नहीं दी, भाई हम भी बहिष्कार कर आये थे (बढि़या श्लोक और पुराण सुना आये थे, अफसर कुर्सी टेबलों के पीछे दुबकते फिर रहे थे) इसलिये ग्वालियर टाइम्स ने बाबूलाल गौर का समाचार प्रकाशित नहीं किया था, हमें काफी ई मेल पाठकों ने इस सम्बन्ध में भेजे थे आशा है उन्हें जवाब मिल गया होगा । बाबूलाल गौर हमारे अतिशय प्रिय और हमारी नजर में अर्जुन सिंह के पश्चात सर्वाधिक सफल मंत्री व मुख्यमंत्री रहे हैं , उनका म.प्र. का मुख्यमंत्रित्व काल स्वर्णिम रहा है, हम गौर साहब से भी इस सम्बन्ध में क्षमा मांगना चाहेंगें कि हमारे प्रिय व आदरणीय होते हुये भी हम भरे दिल से न चाहकर भी मोगाम्बो के कारण अपने प्रिय मंत्री का समाचार प्रकाशित करने का बहिष्कार करना पड़ा ।
जेंगरे और पिल्ले
मुरैना में जेंगरा और पिल्ला बड़े लोकप्रिय हैं । दरअसल जेंगरा गाय के छोटे मगर कमजोर बछड़े को कहते हैं और पिल्ला कुत्ते के बच्चे को कहते हैं । लेकिन हमारी डायरी के इस भाग में जिन जेंगरो और पिल्लों की बात हम यहॉं कर रहे हैं वे न तो गाय के बछेरे हैं, और न कुत्ते के पिल्ले बल्कि जाने माने मुरैना के नामवर इंसानात हैं और कभी बाकायदा आदमी थे मगर कहते हैं न कि वक्त ने गालिब कुत्ता कर दिया , सो कुछ ऐसी ही कहानी शहर के मशहूर इन पालतू और दलाल जेंगरों और पिल्लों की है ।
...............क्रमश: अगले अंक में जारी
पर्यावरण सुधार हेतु जिला व जनपद पंचायत समितियॉ गठित
पर्यावरण सुधार हेतु जिला व जनपद पंचायत समितियॉ गठित
भिण्ड 10 जुलाई 2009
पर्यावरण सुधार व प्रदूषण के जिला एवं जनपद स्तरीय लोक जागरण समितियों का गठन किया गया है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी अधिकारी जिला पंचायत श्री छोटे सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला स्तरीय समिति, जिले के प्रभारी मंत्री अध्यक्ष, स्थानीय सांसद सदस्य, स्थानीय विधायक गण समस्त सदस्य, अध्यक्ष जिला पंचायत सदस्य, महापौन/अध्यक्ष, नगरपालिका सदस्य, जिला कलेक्टर सदस्य, सरपंच प्रभारी मंत्री द्वारा नामांकित दो सदस्य, पार्षद प्रभारी मंत्री द्वारा नामांकित दो सदस्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सदस्य-सचिव, निर्मल ग्रामों में से प्रतिनिधि प्रभारी मंत्री द्वारा नामांकित एक सदस्य, वन,शिक्षा, योजना एवं सांख्यिकी, खनिज, उद्योग, कृषि, उद्यानिकी, जनसम्पर्क, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी,जल संसाधन, अनुसूचित जाति, एवं जनजाति, ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पशु चिकित्सा, महिला एवं बाल विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण सदस्य, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय, उपक्षेत्रीय अधिकारी सदस्य, नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय के स्थानीय अधिकारी सदस्य, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि प्रभारी मंत्री द्वारा नामांकित दो सदस्य, प्रेस एवं मीडिया से संबंधित प्रतिनिधि प्रभारी मंत्री द्वारा नामांकित एक सदस्य, एनजीसी,ईको क्लब के जिला मास्टर ट्रेनर्स, नोडल अधिकारी सदस्य, जन अभियान परिषद के स्थानीय प्रतिनिधि सदस्य,
जनपद स्तरयी समिति में अध्यक्ष जनपद पंचायत अध्यक्ष, अनुविभागीय अधिकारी सिविल सदस्य, अध्यक्ष, नगरपालिका क्षेत्र में पडने वाले समस्त नगरीय निकाय सदस्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद सदस्य सचिव, सरपंच अथवा ग्राम पंचायत प्रतिनिधि प्रभारी मंत्री द्वारा नामांकित दो सदस्य, पार्षद प्रभारी मंत्री द्वारा नामांकित दो सदस्य, निर्मल ग्राम के प्रतिनिधि एक सदस्य, वन, शिक्षा, योजना एवं सांख्यिकी, खनिज, उद्योग, कृषि, उद्यानिकी, जनसम्पर्क, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जल संसाधन, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पशु चिकित्सा, महिला एवं बाल विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, विभागों के जनपद स्तरीय प्रतिनिधि सदस्य, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी सदस्य, स्वयं सेवी संस्था के प्रतिनिधि प्रभारी मंत्री द्वारा नामांकित दो सदस्य, प्रेस एवं मीडिया से संबंधित प्रतिनिधि प्रभारी मंत्री द्वारा नामांकित एक सदस्य, जन अभियान परिषद के ब्लॉक स्तरीय प्रतिनिधि सदस्य बनाया गया है।
कलेक्टर 15 जुलाई से जनपद स्तर पर योजनाओं की समीक्षा करेगें
कलेक्टर 15 जुलाई से जनपद स्तर पर योजनाओं की समीक्षा करेगें
भिण्ड 10 जुलाई 2009
कलेक्टर श्री के.सी.जैन द्वारा शासकीय योजनाओं की जमीनी हकीकत से रूबरू होने के लिए 15 जुलाई से 20 जुलाई तक जनपद स्तर पर समीक्षा की जावेगी।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री छोटेसिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर श्री जैन द्वारा 15 जुलाई से जनपद स्तर पर विकास योजनाओं की मसीक्षा की जावेगी। उन्होंने कहा कि विकास खण्ड मुख्यालय पर ग्रामीण विकास विभाग के समस्त योजनाऐ, स्कूल चलें हम, एनआरईजीएस के पूर्ण/ कार्य, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा निर्मित अधूरे निर्माण कार्य एवं अन्य योजनाओं से अपूर्ण निर्माण कार्यो की समीक्षा की जावेगी। जिसमें जनपद/बीआरसी/बीईओ/ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के समस्त कर्मचारी/ अधिकारी, सरपंच, पंचायत सचिव, पटवारी, पंचायत समन्वयक, नोडल अधिकारी परख लीड/ लिंक सोसायटियों के प्रबंधक अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेगें।
कलेक्टर द्वारा 15 जुलाई को प्रात:10 बजे जनपद पंचायत मेहगांव तथा 12 बजे से जनपद पंचायत गोहद मौ, 17 जुलाई को प्रात:10 बजे से जनपद पंचायत भिण्ड तथा दोपहर 12 बजे से जनपद पंचायत अटेर में तथा 20 जुलाई को प्रात:10 बजे से जनपद रौन तथा दोपहर 12 बजे से जनपद पंचायत लहार में योजनाओं की समीक्षा की जावेगी।
सामान्य वर्ग के निर्धन छात्रों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ दिया जावे-कलेक्टर श्री जैन
सामान्य वर्ग के निर्धन छात्रों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ दिया जावे-कलेक्टर श्री जैन
भिण्ड 10 जुलाई 2009
कलेक्टर श्री के.सी.जैन ने निर्देश दिए है कि सामान्य निर्धन वर्ग के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना का अधिकाधिक लाभ प्रदान किया जावे। उन्होंने इस योजना का अधिकाधिक प्रचार प्रसार करने के निर्देश शिक्षाधिकारी व डीपीसी को दिए है। छात्रवृत्ति योजना के आवेदन 30 अगस्त संस्थाओं में जमा कराये जावेगें।
श्री जैन ने कहा कि राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के निर्धन छात्र छात्राओं को माध्यमिक शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने हेतु निर्धन छात्रवृत्ति योजना वर्ष 2007-08 से लागू की है। योजना के तहत शासकीय शालाओं में अध्ययनरत 6 से 8 वीं कक्षा के नियमित छात्र छात्राओं को, जिनके परिवार की वार्षिक आय रूपये 54000/- से कम है, को निर्धन छात्रवृत्ति बालिकाओं हेतु रूपये 300/- वार्षिक तथा बालकों हेतु रूपये 200/- बार्षिक देने का प्रावधान किया है।
उन्होंने निर्देश दिए है कि छात्रवृत्ति के लिये संबंधित विद्यार्थी द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन किया जावे। आवेदन का प्रपत्र शाला द्वारा विद्यार्थियों को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जावे। आवेदन के साथ समक्ष अधिकारी का आय प्रमाण पत्र लगाना होगा बीपीएल सूची में नाम होने का प्रमाण पत्र दिये जाने पर आय प्रमाण पत्र आवश्यक नही होगा। वेतन भोगी अधिकारी/कर्मचारी अभिभावकों के लिये आहरण संवितरण अधिकारी का आय प्रमाण पत्र मान्य किया जावे। संबंधित विद्यार्थी द्वारा आवेदन शाला प्रमुख के पास प्रतिवर्ष 30 अगस्त तक जमा किए जा सकेगें। शाला के शिक्षक द्वारा 30 अगस्त तक पात्र विद्यार्थियों का फार्म भरवांकर, फार्म एवं संकलित जानकारी जनशिक्षक को 5 सितम्बर तक उपलब्ध कराई जाएगी।यह जानकारी संबंधित जनशिक्षक द्वारा 10 सितम्बर तक विकास खण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक को उपलब्ध कराई जाएगी। विकास खण्ड स्रोत केन्द्र समन्वयक द्वारा जानकारी संकलित कर संकलित जानकारी 15 सितम्बर तक जिला शिक्षा केन्द्र को एवं जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा 20 सितम्बर तक संकलित जानकारी राज्य शिक्षा केन्द्र को उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य स्तर से छात्रवृत्ति की राशि अनुमान के आधार पर जिले को जून 2009 में उपलब्ध कराई जाएगी। जिले द्वारा पालक शिक्षक संघ के खाते में गत वर्ष प्रदाय छात्र वृत्ति के आधार पर आवश्यक राशि जुलाई 2009 में प्रदान की जाएगी। अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होने पर जिला स्तर से 20 सितम्बर तक राज्य स्तर पर मांग प्रेषित की जाएगी जिसके आधार पर जिले को 30 सितम्बर तक अतिरिक्त राशि प्रदान की जाएगी। जिसे 5 अक्टूबर तक संबंधित पालक शिक्षक संघ के खाते में प्रदान करने का दायित्व जिला परियोजना समन्वयक का होगा। पालक शिक्षक संघ द्वारा पात्र विद्यार्थियों को 31 अक्टूबर तक छात्रवृत्ति का वितरण एक मुश्त किया जाएगा। वितरण कार्यक्रम समारोह पूर्वक किया जाएगा तथा इसमें ग्राम के जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों बच्चों के माता पिता को आमंत्रित किया जाएगा। वितरण करने वाले अधिकारी को छात्रवृत्ति भुगतान के पश्चात जिन व्यक्तियों के सामने भुगतान किया गया हो उनसे वितरण पत्रक पर प्रमाणित करा लेना आवश्यक है कि छात्रवृत्ति पूर्ण वितरित की गई है। छात्रवृत्ति प्रदान करते वक्त यह देखा जाएगा कि संबंधित विद्यार्थी की प्रतिमाह तक कम से कम 75 प्रतिशत दिवस शासकीय अवकाश घटाकर शाला में उपस्थिति रही हो। अन्यथा 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर छात्रवृत्ति प्रदान नही की जाएगी तथा संबंधित विद्यार्थी की राशि जिला शिक्षा केन्द्र को वापस की जाएगी। यदि फार्म भरने के बाद छात्रवृत्ति वितरण के पूर्व कोई छात्र शाला छोड देता है तो उसकी राशि भी जिला शिक्षा केन्द्र को वापस की जाएगी। यदि छात्रवृत्ति स्वीकृति के बाद किसी स्तर पर यह सिद्व पाया जाता है कि वह छात्रवृत्ति हेतु पात्र नही था तो छात्रवृत्ति स्वीकृत आदेश निरस्त कर दिया जाएगा और दी गई छात्रवृत्ति की धनराशि बसूल की जाएगी। छात्रवृत्ति स्वीकृत करने का अधिकार संबंधित शाला के प्रधान अध्यापक/ प्रभारी प्रधान अध्यापक को होगा। छात्रवृत्ति की पात्रता विद्यार्थी को वर्ष में अधिकतम केवल 10 माह के लिऐ अकादमिक सत्र के लिए होगी। यदि विद्यार्थी द्वारा 30 जुलाई के बाद प्रवेश लिया जाता है तो अकादमिक सत्र की अवधि के अनुपात में राशि स्वीकृत की जाएगी। शासकीय आवासीय विद्यालय यथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, बालिका छात्रावास इत्यादि में रहने वाले सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान नही की जाएगी।