शनिवार, अगस्त 14, 2010

मध्यप्रदेश लोक सेवाओं की गारंटी विधेयक-2010 : शिवराज सरकार का अनूठा प्रशासनिक नवाचार

मध्यप्रदेश लोक सेवाओं की गारंटी विधेयक-2010 : शिवराज सरकार का अनूठा प्रशासनिक नवाचार

भिण्ड 13 अगस्त 2010

       जो देश में कहीं नहीं था, मुख्यमंत्री शिवराज की सरकार ने वह प्रशासनिक नवाचार म.प्र. प्रदेश में लोक सेवा प्रदाय की गांरटी विधेयक 2010 के पारित होने पर कर दिखाया है। सुशासन के लिये प्लेटो का यूटो पिया (आर्दश राज्य), मार्क्स का साम्यवाद, वाल्तेयर, रूसो, चाणक्य के विचार, फ्रांस की क्रांति और रामराज्य की कोशिशों और कल्पनाओं को मूर्त रूप देने का प्रयास है यह विधेयक। इस विधेयक का ध्येय जरूरतमंद की सहायता, विकास और समानता का प्रसार है। जनकल्याण की कोशिशों के इतिहास में लोक सेवाओं को गारंटी के साथ किए जाने का प्रसंग अथवा प्रयास कभी हुआ हो, ऐसा देखने में नहीं आता । नि:संदेह यह मौजूदा सरकार द्वारा लिया गया अनूठा निर्णय है

       बौध्दकालीन गणतंत्रों, मध्यकालीन प्रजातंत्र और आधुनिक लोकतंत्र की सभी छोटी-बड़ी प्रत्यक्ष-परोक्ष व्यवस्थाओं में भी लोक सेवाओं के गारंटी की बात नहीं थी। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने गरीब, जरूरतमंद और पीडित जन को सुविधाओं, सहायता और सेवाओं की गारंटी देकर जनता की, जनता द्वारा, जनता के लिए सरकार को मूर्तरूप में ला लिया है जो दरअसल लोकतंत्र की आत्मा है। सरकार का यह क्रांतिकारी कदम है। इस विधेयक ने अिधकारता को सेवा में बदल िदया है। साथ ही याचक को दाता बनाने का सफल करिश्मा कर दिखाया है। विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्रों के लिए, अब याचना नहीं करनी होगी और ही बार-बार प्रार्थना आवेदक प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए लोक सेवक को समय देगा। समय सीमा में काम नहीं करने वाले शासकीय सेवकों को दंडित किया जायेगा। क्या ये व्यवस्था किसी युग, काल और स्थान में मिलती है? अथवा कभी थी ? नहीं नहीं और सिर्फ नहीं। शिवराज की सरकार ने लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा अभूतपूर्व कदम उठाया है।

       नागरिक प्रशासन के इतिहास में मध्यप्रदेश में नागरिक सेवाओं का नया विहान हुआ है। नागरिक सेवाएें गारंटी के साथ मिलेंगी। आवेदन दो निश्चिन्त रहो। काम समय पर होगा। काम में विलंब पर क्षतिपूर्ति मिलेगी। गरीब को मदद, जरूरतमंद की सहायता और पीड़ित को राहत के सभी काम गारंटी के साथ होंगे। निश्चित समय में होंगे। आवेदक को अधिकारी के चक्कर लगाने और अनुनय विनय करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नागरिक सेवाओं से जुड़े सभी प्रमुख विभागों द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं और अनुदानों को इसमें शामिल किया गया है। पुलिस, कृषि, राजस्व, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, स्कूल शिक्षा, खाद्य, नगरीय निकाय और सामान्य प्रशासन विभाग में कार्यों को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए समय सीमा तय कर दी गई है। समय-सीमा में विलंब की स्थिति में व्यक्तिगत दायित्व निर्धारित करने और जुर्माने की व्यवस्था है।

       प्राकृतिक आपदाओं के समय पीड़ित की मदद करना, सरकार और समाज का धर्म है, इस धर्म में कहीं न कहीं कृपा या उदारता का भाव अंतर्निहित होता  है। शिवराज  सिंह चौहान ने इस भाव को समाप्त कर सेवा की गारंटी के उत्तरदायित्व को  ग्रहण  किया  है। अब प्राकृतिक आपदा दुर्घटना पीड़ित को चाहे वह पशु फसल हानि के पीड़ित हो या फिर मकान, बर्तन, कपड़ों की क्षतिपूर्ति हो अथवा जनहानि का आर्थिक अनुदान हो, दुकानों की सामग्री, व्यवसाय के उपकरण अथवा शारीरिक क्षतिपूर्ति के मामले हों। सभी में सरकार से अनुदान अथवा सहायता तयशुदा समय में मिल जाएगी।

       प्राकृतिक आपदा से पीड़ितजन, किसानों को फसल और पशु हानि के लिए, नष्ट मकानों, कपड़ों, बर्तनों और जनहानि के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता, अनुदान एक निश्चित समय सीमा में मिलेंगे। प्राकृतिक प्रकोप अथवा दुर्घटना में शारीरिक क्षति होने, ईंट भट्टे, दुकान की सामग्री नष्ट होने, नलकूप या कृषि उपकरणों के नष्ट होने अथवा बाढ़ में मछुआरों की सहायता के कार्य समय सीमा की गारंटी के साथ होंगे। भूमि प्रबंधन संबंधी कार्य सीमांकन आदि भी निश्चित समय अवधि में पूर्ण किए जाएंगे।

       राहत के साथ ही सहायता भी लोक सेवा के प्रदान की गारंटी विधेयक में समय सीमा में उपलब्ध होगी। विलंब की स्थिति में क्षतिपूर्ति की व्यवस्था की गारंटी तो इसमें शामिल ही है। कृषि विभाग द्वारा दी जाने वाली सेवाएं उनके माध्यम से संचालित कार्यक्रम योजनाओं का संचालन समय सीमा में होगा।

       कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित बीजों के वितरण, उन्नत कृषि उपकरण उपलब्ध कराने, बीज के मिनीकिट, बीजोपचार के लिए आवश्यक औषधियां, प्रशिक्षण प्रदर्शन आदि के कार्य एक निश्चित अवधि में पूर्ण होंगे। विभाग द्वारा संचालित मक्का विकास कार्यक्रम, ट्रेक्टरों पर अनुदान, बायोगैस विकास परियोजना जैसी विभिन्न योजनाओं में अनुदान की प्रक्रिया भी निश्चित समय अवधि में पूर्ण होगी।

       नागरिकों को विद्युत, जल के कनेक्शन, बच्चों को स्कूल में प्रवश, जन्म, मृत्यु, निवास और विवाह के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। एफ.आई.आर. की कापी के लिए विनय नहीं करना होगा। राशन कार्ड और हैण्डपंप की मरम्मत में देरी नहीं होगी। समय से सभी काम होंगे जो काम समय से नहीं होंगे उन कामों को करने में देर करने वाला दंडित होगा। देरी से पीड़ित को क्षतिपूर्ति मिलेगी। यह क्षतिपूर्ति 250 से 5000 रूपए तक की हो सकती है।

       म.प्र. लोक सेवा प्रदाय की गारंटी विधेयक 2010 एक अभूतपूर्व विधेयक है। इसके परिणाम भी अभूतपूर्व ही होंगे। समय से काम होगें तथा भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति नियत्रित होगी। कार्यों के संचालन में देरी करने पर जुर्माने के प्रावधान से अनावश्यक विलम्ब की प्रवृत्ति भी रूकेगी। कार्यों में पारदिश्ाता आएगी, क्योंकि गलत तरीके से आवेदनों को निराकृत नहीं किया जा सकेगा। स्पष्ट व्याख्या ही निराकरण का आधार होगी। समय सीमा में कार्य होने से प्रकरण निश्चित अवधि में ही निराकृत होंगे। अनावश्यक प्रलोभन की प्रवत्ति रूकेगी।

       म.प्र. लोक सेवाओं की गारंटी विधेयक 2010 एक ऐतिहासिक कदम है। नागरिक प्रश्ाासन में नागरिकों की भागीदारी, उनके अधिकारों के संरक्षण का अभूतपूर्व प्रयास है। यह कानून लाल फीताशाही (रेड टेपिज्म) पर नियंत्रण का एक सश्क्त माध्यम बनेगा। इस विधेयक का सभी वर्गों और सभी दलों ने स्वागत किया है।

 

कोई टिप्पणी नहीं: