शनिवार, अगस्त 01, 2009

महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता हेतु राज्य महिला आयोग द्वारा वर्कशाप, प्रत्येक घर में मीरा दीदी की आवश्यकता

महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता हेतु राज्य महिला आयोग द्वारा वर्कशाप, प्रत्येक घर में मीरा दीदी की आवश्यकता

भिण्ड 31 जुलाई 2009

       समाज में प्रत्येक महिला मीरा दीदी बनकर महिलाओं को उनके अधिकारों वर् कत्तव्यों के प्रति जागरूक बनाये, यह बात म.प्र. राज्य महिला आयोग के तत्वाबधान में महिलाओं को कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के लिए आयोजित "मीरा दीदी से पूछों" वर्कशॉप में विद्वानों ने कही।  कार्यक्रम कुसुम बाई जैन महाविद्यालय के प्राचार्य श्रीमती वीणा शर्मा के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुई कार्यक्रम की अध्यक्षता रमनदीदी ने की तथा कार्यक्रम में कलेक्टर श्री के.सी.जैन डा शशि शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

       म.प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कृष्ण कांता तोमर ने कहा कि शासन प्रशासन स्तर पर अनेक कानून व कार्यक्रम, योजनाऐ महिलाओं के कल्याण हेतु चलाये जा रहे है लेकिन जानकारी व जागरूकता के अभाव में महिलाएें लाभान्वित नही हो पाती  है।  उत्पीडन  पर घरेलू हिंसा की स्थिति में कानूनी प्रावधानों की जानकारी न होने के कारण सरंक्षण प्राप्त नही कर पाती है।  उन्होंने  कहा  कि  इसी उद्देश्य से "मीरा दीदी से पूछों" वर्कशॉप आयोजित की गई है जिसका उद्देश्य प्रत्येक गांव, गली, मोहल्लें में एक महिला को इतना जागरूक बनाना है, जिसे सभी कानूनो, कार्यक्रमों की जानकारी हो, और वह महिलाओं को संरक्षित करें यह महिला मीरा दीदी बनकर कार्य करें।

       श्रीमती तोमर ने कहा कि यह सही है कि महिलाओं को सम्मानजनक स्थान दिलाने तथा उनके प्रति समानता की गारंटी देने वाले कानूनों और सवैधानिक उपबन्धों की कमी नहीं है। इसी उद्देश्य से महिलाओं की महति आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुये म.प्र. राज्य महिला आयोग की स्थापना वर्ष 1998 में की गई है तब से निरंतर राज्य महिला आयोग महिलाओं से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं के निराकरण में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। आयोग का प्रथम गठन दिनांक 23 मार्च 1998 को किया गया जिसमें श्रीमती हेमवती पोर्ते को अध्यक्ष नियुक्त किया गया, आयोग का द्वितीय गठन दिनांक 23 मार्च 01 को किया गया जिसमें श्रीमती सविता ईमानदार को अध्यक्ष नियुक्त किया गया, आयोग का तृतीय गठन 28 जुलाई 04 को किया गया जिसमें श्रीमती रेलम चौहान को अध्यक्ष नियुक्त किया गया इसके उपरांत आयोग का वर्तमान चतुर्थ गठन दिनांक 10 दिसम्बर 07 को किया गया, जिसमें मुझे अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। म.प्र. राज्य महिला आयोग की बेबसाईट प्रारंभ की गई एवं म.प्र. राज्य महिला आयोग अन्य महिला आयोगों की अपेक्षा अपनी बेबसाईट प्रारंभ करने वाला प्रथम राज्य बना। वर्ष 2008-09 में 3172 प्रकरण पंजीबद्व किए गये इन प्रकरणों में से 3207 प्रकरणों का निराकरण महिला बैंचों के माध्यम से एवं स्थानीय स्तर पर किया जा चुका है।

       कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि महिलाओं को अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के लिए अनेक स्तर पर लगातार प्रयास किये जा रहे है लेकिन अभी उन्हें और प्रभावी बनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार द्वारा घरेलू हिंसा से महिलाओं के सरंक्षण हेतु महिला सरंक्षण अधिनियम 2005 व नियम 2006 को उषा किरण योजना लागू की गई है। जिसके तहत घरेलू हिंसा से पीडित महिलाओं के संरक्षण हेतु परियोजना अधिकारी महिला एंव बाल विकास विभाग को संरक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया है। अधिनियम के तहत पुलिस प्रशासन द्वारा भी पर्याप्त सरंक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार किया जावे।

       श्रीमती वीणा शर्मा ने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति चेतना जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अन्याय के लिए महिला ही जिम्मेदार है। हम सभी को मानवीय संवेदनाओं का ध्यान रखना चाहिए। और अपनी विरादरी को संरक्षित करना चाहिए। उन्होंने महिलाओं को अपनेर् कत्तव्यों के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता भी बतलाई।

       सुश्री रमन दीदी ने कहा कि महिलाऐ घर का वातावरण सुधारे अपने बच्चों को शिक्षित करें, तभी घर स्वर्ग बनेगा तथा भविष्य में वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनेगी। उन्होंने कहा कि अनेक बार महिलायें मानसिक बेदना में आत्म हत्या जैसा घातक कदम उठा लेती है जिसके गंभीर परिणाम उनके बच्चों को भुगतना पड़ते है। ऐसी महिलाओं के संरक्षण व सहयोग करने की आवश्यकता है। वर्कशाप के द्वितीय चरण में जन सुनवाई भी आयोजित की गई जिसमें डा सुशील गुप्ता तथा श्री उपेन्द्र सिंह भदौरिया भी सम्मिलित हुए।

       कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथिगण द्वारा मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किय गया है। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती ज्योतिषना श्रीवास्तव ने किया।

 

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