गुरुवार, अक्तूबर 18, 2012

26 अक्टूबर के बाद नहरों में छोड़ा जाएगा पानी , सिंचाई हेतु सबसे पहले अंतिम छोर के किसानों को पानी मुहैया कराने के कलेक्टर ने दिए निर्देश

भिण्ड कलेक्टर  अखिलेश श्रीवास्तव ने सिंचाई के लिए सबसे पहले अंतिम छोर के किसानों को पानी उपलब्ध कराने के जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने इस आशय के निर्देश यहां गत दिवस सम्पन्न हुई जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री भिण्ड श्री के.एन.शर्मा, कार्यपालन यंत्री लहार श्री राजेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री गोहद श्री पी.के. गच्च एवं कार्यपालन यंत्री मुरैना श्री आर.पी.झा तथा जिले की जल उपभोक्ता संथाओं के अध्यक्ष उपस्थित थे।
    कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश दिए कि नहरों से पानी को इस तरह छोड़ा जाए कि कोई भी किसान पानी से वंचित ना रहने पाए। उन्होंने कहा कि नहरों को दुरूस्त रखते हुए सुनियोजित ढंग से पानी छोड़ने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्रियों द्वारा ध्यान आकर्षित कराए जाने पर जल संसाधन विभाग के मैदानी अमले की माह मार्च 2013 तक नहरों से जल प्रदाय संबंधी कार्य को छोड़कर अन्य कार्यों में ड्यूटी ना लगाए जाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि नहरें काटने अथवा जल प्रदाय व्यवस्था को बिगाड़ने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
    बैठक में बताया गया कि बिलौआ बांध से 26 अक्टूबर के बाद नहरों के लिए पानी छोड़ा जाएगा, जो 30 अक्टूबर तक भिण्ड जिले के अंतिम छोर तक पहुंच जाएगा। जिले में रबी फसलों के लिए 1 लाख 22 हजार 537 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में जानकारी दी गई कि नहरों से पानी लेने के लिए सिर्फ 5 हॉर्सपावर तक के मोटर पंप लगाए जा सकेंगे। मगर इसके लिए क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। अगर इससे अधिक क्षमता के मोटर पंप लगाए गए, तो संबंधित किसान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एक जल उपभोक्ता संस्था के अध्यक्ष द्वारा अटेर क्षेत्र में किसानों को पिछली सिंचाई के गलत राशि के बिल दिए जाने की ओर ध्यान आकर्षित कराए जाने पर कलेक्टर ने शिविर लगाकर बिल संशोधित करने के कार्यपालन यंत्री मुरैना को निर्देश दिए।

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