शुक्रवार, अप्रैल 23, 2010

संक्रामक रोग से बचाव कम्बेट दल गठित , समस्या मूलक ग्राम चिन्हित करें

संक्रामक रोग से बचाव कम्बेट दल गठित , समस्या मूलक ग्राम चिन्हित करें

भिण्ड 21 अप्रैल 2010

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा राकेश शर्मा ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में विभिन्न संक्रामक रोग (आंत्रशोध, पेचिश, दस्त, कॉलरा, पीलिया, मस्तिक ज्वर) तथा महामारियों के फैलने की आशंका रहती है। स्वच्छ जल के अभाव में अधिक सावधानी अपनाने की आवश्यकता होती है। जिसके बचाव हेतु जिले व ब्लॉक स्तर पर काम्बेट टीम का गठन कर सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अपने क्षेत्र के समस्या मूलक ग्रामों को चिन्हित कर उन पर निगरानी रखे। क्षेत्र में किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने पर दूरभाष नम्बर 07534-234074 पर सूचित करें। समस्त मैदानी अमले को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अपने क्षेत्र की जनता को शुद्व पेयजल के सेवन हेतु स्वास्थ्य शिक्षा दे, एवं जिन गॉवों में पीने हेतु कुएं के पानी का इस्तेमाल किया जाता है उनमें किलोरीफिकेशन करे एवं ब्लीचिंग पाउडर डलवाए तथा प्रत्येक डिपो होल्डर पर दवाईयॉ सुनिश्चित करे, खासतौर पर डिपो हौल्डर के पास पेरासिटामोल, क्लोरीन गोलियॉ, ब्लीचिंग पाउडर, ओ.आर.एस, क्लोरोक्वीन, एलेवेन्डाजोल इत्यादि दवाईयॉ आवश्यक रूप से उपलब्ध है।

सावधानी बरतकर लू से बचे

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा राकेश शर्मा ने आम लोगों से अपील की है कि वे तापमान में हो रही निरंतर वृद्वि के चलते घर से बाहर निकलने से पहले गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिया से ढककर धूप में निकले। रंगीन चश्में का इस्तेमाल करें। ग्रीष्मकाल में सफेद एवं हल्के रंग के एवं ढीले कपडे पहने। अधिक मात्रा में पानी पिये, तथा पेय पदार्थो का अधिक सेवन करे।

लू से पीडित होने पर निम्न उपाय करे

       यदि कोई व्यक्ति लू से पीडित है तो तत्काल प्राथमिक उपचार करे। घर के व्यक्ति रोगी को तुरंत छायादार जगह पर लेटा दे,उसके कपडे ढीले कर  पंखे से हवा करे। यदि व्यक्त्ति लू लगने से बेहोश है तो उसके होश में आने पर उसे ठण्डे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पना पिलाए तथा प्याज का रस या जौ के आटे को ताप नियंत्रण के लिए हल्के हल्के हाथ से मले।

सड़े-गले एवं कटे फल नही खरीदे

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा शर्मा ने लोगो को सलाह दी है कि सडे एंव गले तथा कटे हुये फल नही खरीदे। ऐसे फलों में उनमें धूल के साथ बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं के प्रवेश करने का खतरा रहता है। यह कीटाणु बच्चों एवं परिवार के सदस्यों में बीमारी फैलाते है।

       उप संचालक खाद्य एवं औषधिक प्रशासन डा शर्मा ने भिण्ड जिले के खाद्य निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे दूध एवं दूध से बने खाद्य पदार्थो की सैम्पिलंग करे जिससे मिलावटी बस्तुओं के विक्रय पर अकुश लगाया जा सके।  

 

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