शुक्रवार, फ़रवरी 26, 2010

जैविक कृषि से समुचित खाद्यान्न का उपात्दन संभव कृषकों से लाभ लेने की अपील

जैविक कृषि से समुचित खाद्यान्न का उपात्दन संभव कृषकों से लाभ लेने की अपील

नाडेप बनाने 50 प्रतिशत अनुदान का लाभ

भिण्ड 25 फरवरी 2010

       जैविक खेती से खाद्यान्न का समुचित उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित नही होता। इस पदति से खेती होने पर मिट्टी एवं पानी तथा हवा की गुणवत्ता खराब नही होती तथा दीर्घकालीन स्थिर उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिलती है। भिण्ड जिले में जारी वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 100 नाडेप तथा 500 वर्मीफिट्स, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 48 नाडेप और 188 वर्मीफिट्स तथा आईएनएम योजना में 182 वर्मी फिट्स निर्माण का लक्ष्य है। नाडेप बनाने वाले प्रत्येक हितग्राही को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 200 हजार रूपये का अनुदान दिया जाता है। वर्मी फिट्स बनाने वाले हितग्राहियों को अधिकतम 500 रूपये मिलता है। इच्छुक कृषक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय सहित जिला कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है।

       नाडेप टांके के निर्माण के लिए 10 फिट लम्बा 6 फिट चौडा और 3 फीट ऊंचा या 12 फीट लम्बा 5 फीट चौडा और 3 फीट की ऊचाई होना जरूरी है। नाडेप टांके के निर्माण के लिए ईटो को जोडकर टांका बनाया जाता है। ईटो को जोडते समय तीसरे,छटवें और नवे रद्दे में मधुमखी के क्षत्ते के समान 6 से 7 इंच के ब्लॉक के छेद छोड दिये जाते है।

       वर्मी कम्पोस्ट से भूमि में पाए जाने वाले नत्रजन्य स्फुर पुटास, कैल्शियम एवं सूक्षम तत्वों की उपलब्धता बढती है। सामान्यता 10 फीट लम्बा 5 फीट चौडा और डेढ फीट आकार का वर्मी कम्पोस्ट तैयार होता है।

 

कोई टिप्पणी नहीं: