मंगलवार, जून 29, 2010

मानहड के रमेश ने घर घर जाकर श्रमिकों को प्रेरित किया 25 श्रमिकों को पंचायत में ही मिला रोजगार

मानहड के रमेश ने घर घर जाकर श्रमिकों को प्रेरित किया 25 श्रमिकों को पंचायत में ही मिला रोजगार

भिण्ड 26 जून 2010

मेहगांव विकास खण्ड की ग्राम पंचायत मानहड के मजरे रामपुरा के 25 श्रमिक परिवारों को इसी ग्राम पंचायत में निवास करने वाले मेट्स रमेश सिंह जाटव ने मनरेगा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयास से 25 परिवारों को ग्राम में ही मनरेगा में मजदूरी करने का अवसर मिला। जिससे सभी 25 परिवारों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मुहैया होने से उन्हें मजदूरी के लिए अन्यत्र नही जाना पडा।  25 जून को मेहगांव ब्लॉक की ग्राम पंचायत गाता में सम्पन्न बहु उद्देशीय सूचना सह लोक कल्याण शिविर में कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन की जानकारी में अनुविभागीय राजस्व अधिकारी जेपी सैयाम और जनपद पंचायत के सीईओ ने बताया कि मनरेगा योजना एवं  कार्य करने के लिए कोई श्रमिक उपलब्ध नही है और ही इच्छुक है सरपंच सचिव द्वारा लिखित में अवगत कराया गया।

        मेट्स रमेश सिंह जाटव के जज्बे से श्रमिकों में उत्साह आया। मेट्स ने घर घर जाकर श्रमिकों से संवाद स्थापित किया। उनके प्रयास रंग लाये उन्होने मानहड पंचायत के मजरे रमपुरा के 25 श्रमिक परिवारों को कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयास से 25 परिवारों को ग्राम पंचायत में ही रोजगार मिला। रमेश सिंह ने कलेक्टर की जानकारी में बताया कि उन्होंने कार्य करने के इच्छुक परिवारों को मनरेगा में मिलने वाली प्रति दिवस 100 रूपये की जानकारी दी। उन्होंने श्रमिकों की शंकाओं एवं प्रश्नों का समाधान किया। ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा मजदूरी भुगतान के लिए 3 हजार रूपये अग्रिम दिये गये। जिससे श्रमिको का विश्वास बडा कि उन्हें मनरेगा कार्य की मजदूरी समय पर मिलेगी। रमेश सिंह के प्रयास से आज 25 श्रमिकों द्वारा लगातार 18-18 दिवस मजदूरी की गई।

       कलेक्टर ने मेट्स रमेश सिंह के प्रयास की सराहना करते हुये उन्हे ग्राम पंचायत के अन्य जरूरत मंद श्रमिकों को मनरेगा में कार्य करने के लिए प्रेरित करने की सलाह दी गई। कलेक्टर ने मेट्स रमेश सिंह को कार्य पर लगे श्रमिकों से लगातार 100 दिवस कार्य कराने पर पुरस्कृत किये जाने की बात कही। मनरेगा योजना अन्तर्गत एक परिवार को एक वर्ष में 100 दिवस का रोजगार मुहैया कराना अनिवार्य किया गया है। वर्तमान में श्रमिकों को 100 रूपये प्रतिदिन की मजदूरी का भुगतान का प्रावधान है। एक परिवार द्वारा 100 दिवस मजदूरी करने पर उन्हें 10 हजार रूपये का पारिश्रमिक उपलब्ध होगा।

       कलेक्टर भिण्ड ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय गारंटी योजना में मजदूरों को मजदूरी कार्य के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्तियों को फ्री मजदूरी उपलब्ध कराई जायेगी। ऐसे व्यक्ति जो 30 मजदूरों को मजदूरी के लिए प्रेरित करेगें उन्हें एक दिवस की फ्री मजदूरी दी जाएगी। इसके अलावा कोई व्यक्ति 300 लोगों को मजदूरी करने के लिए प्रेरित करेगा तो उसे 10 दिन की फ्री मजदूरी दी जाएगी।  इसीतरह कोई व्यक्ति 3 हजार मजदूरों को मजदूरी के लिए प्रेरित करेगा तो उसे 100 दिवस की मजदूरी के रूप में प्रतिदिन के 100 रूपये के मान से 10 हजार रूपये फ्री में मिलेगे। ऐसे व्यक्ति मेट कहलायेगें और मेट को भी मस्टर रोल के अनुसार भुगतान किया जायेगा। मेट कार्य के इच्छुक व्यक्ति को ग्राम पंचायत क्षेत्र  से मजदूरी कार्य करने के लिए मजदूरों को डूढ डूढकर लाना होगा। मेट का कार्य करने वाले व्यक्ति को मजदूरों को लाने उनसे काम कराने और उन्हें भुगतान करने के कार्य के अलावा निर्धारित अन्य काम करने होगें। ऐसे मेट को दक्ष बनाने के लिए प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। जिले के कोई भी व्यक्ति जो मनरेगा कार्य में मजदूरी करने के लिए लोगों को डूढडूढकर लाना चाहते है वे सभी आगे आ सकते है। मेट्स कार्य के लिए नियुक्ति व्यक्ति को कार्य स्थल पर मजदूरों के लिए छांव, पानी एवं दवाओं की व्यवस्था के साथ साथ कार्यरत श्रमिकों के बैंक खाते खोलने में मदद करने संबंधी कार्य करने होगें।

 

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