मंगलवार, जुलाई 28, 2009

छात्रों के जाति प्रमाण पत्र स्कूल में ही बनाये जायें, स्थाई जाति प्रमाण पत्र आवेदन पत्र के साथ संलग्न न करे

छात्रों के जाति प्रमाण पत्र स्कूल में ही बनाये जायें, स्थाई जाति प्रमाण पत्र आवेदन पत्र के साथ संलग्न न करे

भिण्ड 28 जुलाई 2009

       अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के छात्रों को जाति प्रमाण पत्र हेतु एसडीएम कोर्ट में चक्कर लगाने से निजात मिलेगी, इस आशय के आदेश कलेक्टर श्री के.सी.जैन द्वारा जारी कर दिए है। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण संबंधित शैक्षणिक संस्था के माध्यम से बनाये जावेगें, संस्था में ही प्रमाण पत्रों का वितरण सुनिश्चित किया जावेगा। जिन शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा छात्रों के जाति प्रमाण पत्र तैयार करने में कोताही बरती जावेगी, उनके शाला प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई की जावेगी।

       कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को प्रदाय किये जाने वाले जाति प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। जिसके तहत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया के संबंध में कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया जिसमें जाति प्रमाण पत्र के संबंध में 11 जुलाई 2005 में जारी शासन के निर्देशों के अनुसार जाति प्रमाण पत्र के आवेदन फार्म विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शासकीय अशासकीय शालाओं में वितरित किये जाये तथा स्कूलों में संपूर्ण प्रविष्टि एवं सत्यापन उपरांत आवेदन फार्म शाला में जमा कर शालाओं के माध्यम से विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा किये जाये। विकास  खण्ड  शिक्षा  अधिकारी  समस्त फार्म एवं रजिस्टर स्कूलों के अनुसार तहसील कार्यालय में जमा करेगें। तहसील में जांच उपरांत तीन माह में स्थाई जाति प्रमाण पत्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जारी किये जायेगें। जांच एवं वितरण हेतु कैम्प लगाये जायेगें जाति  प्रमाण  पत्र  प्राप्त करने हेतु भू अभिलेख रिकार्ड प्रस्तुत करने की अनिवार्यता नही होगी। जाति प्रमाण एक बार जारी होने के बाद शिक्षण संस्थाओं द्वारा छायाप्रति ही जमा की जायेगी। मूल जाति प्रमाण पत्र जमा नही करेगें स्थाई प्रमाण पत्र एक ही बार जारी किया जायेगा तथा लेमीनेशन उपरांत प्रदान किया जायेगा। इसके अतिरिक्त बैठक में स्थल निरीक्षण एवं जाति प्रमाण पत्र सत्यापन हेतु अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम 1995 के लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण हेतु अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया गया।

 

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