बुधवार, फ़रवरी 17, 2010

निर्माण श्रमिकों को मृत्यु की दशा में अंत्योष्टि सहायता एवं अनुग्रह का लाभ

निर्माण श्रमिकों को मृत्यु की दशा में अंत्योष्टि सहायता एवं अनुग्रह का लाभ

       इस योजना के तहत निर्माण श्रमिक को मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि के लिए सहायता तथा अनुग्रह राशि का भुगतान किया जायेगा। यह योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू है। निर्माण श्रमिक की मृत्यु के तुरंत बाद अथवा एक सप्ताह के अंदर 2000 रूपये अंत्येष्टि सहायता राशि दी जाएगी। हिताधिकारी निर्माण श्रमिक की मृत्यु के कारण उसके उत्तराधिकारियों को सहायता प्रदान की जावेगी। यह राशि उत्तराधिकारी को एक से छ: माह की अवधि में यथासंभव प्रदान की जायेगी। 45 वर्ष से कम आयु में मृत्यु होने पर 20,000 रूपये 45 वर्ष से 60 वर्ष की आयु में मृत्यु होने पर 15,000 रूपये अनुग्रह राशि दी जायेगी।

       18 से 60 वर्ष की उम्र के ऐसे हिताधिकारी निर्माण श्रमिक जिनका धारा 12 के अंतर्गत पंजीयन होगा। अंत्येष्टि सहायता या अनुग्रह राशि का भुगतान जानबूझकर की गई आत्महत्या या मादक द्रव्यों, पदार्थो के सेवन से हुई मृत्यु अथवा अपराध करने के उद्देश्य से काननू का उल्लंघन करके एक दूसरे से हुई मारपीट से मृत्यु की स्थिति में यह राशि प्रदान नही की जावेगी। जिले में पदस्थ सहायक श्रमायुक्त/ श्रम पदाधिकारी/ श्रम निरीक्षक से सम्पर्क किया जा सकेगा।

निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु शिक्षा सहायता छात्रवृत्ति योजना

       यह योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश में प्रभावशील होगी। निर्माण श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा सहायता प्रदान करने के लिए यह योजना लागू की गई है। छात्र,/छात्राओं को निर्धारित दरों पर स्वीकृत छात्रवृत्ति का भुगतान एकमुश्त होगा। पात्र हितग्राही पंजीबद्व निर्माण कर्मकार हिताधिकारी के पुत्र/पुत्री/पत्नी ही शिक्षा सहायता छात्रवृत्ति योजना के लिए पात्र होगें। छात्र या छात्रा शिक्षण संस्था में नियमित अध्यनरत विद्यार्थी हो, हिताधिकारी की पत्नी को छात्रवृत्ति की पात्रता के लिए आवश्यक है कि उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक न हो तथा शिक्षण संस्था में नियमित अध्ययनरत हो, यह छात्रवृत्ति उन छात्र/छात्राओं का मिलेगी जो शासकीय या केन्द्र/ राज्य शासन द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन कर रहे हो। छात्र/ छात्रा को किसी अन्य स्रोत से कोई छात्रवृत्ति प्राप्त नही हो रही हो, किसी वर्ष के लिए छात्रवृत्ति सुसंगत परीक्षार् उत्तीण कर लेने के पश्चात ही देय होगी। प्रत्येक विद्यार्थी को छात्रवृत्ति पाने के लिए निर्धारित प्रपत्रों में आवेदन पत्र भरकर संस्था प्रमुख शासकीय विद्यालय/ महाविद्यालय को प्रस्तुत करना होगा। निजी शिक्षण संस्था के छात्रों द्वारा आवेदन संकुल प्राचार्य/ जिले के शासकीय अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य को प्रस्तुत किये जायेगें।

       छात्रवृत्ति निर्धारित दरों के अनुसार प्रत्येक वर्ष के लिए स्वीकृत की जायेगी। यह छात्रवृत्ति ग्रीष्म अवकाश अवधि को छोडकर 10 माह के शिक्षा सत्र के लिए दी जाएगी।

कक्षा एक से पांचवी तक छात्र 50 छात्राएं 75, कक्षा 6 वीं से 8 वीं तक छात्र75 छात्राए 100, कक्षा 9 वीं से 12वीं तक छात्र 100 छात्राएं 150 जिले में पदस्थ सहायक श्रम आयुक्त/ श्रम पदाधिकारी/ सहायक श्रम पदाधिकारी/ श्रम निरीक्षक ।

मेधावी छात्र/ छात्राओं को नगद पुरूस्कार योजना

       पंजीबद्व निर्माण श्रमिकों के पुत्र पुत्रियों द्वारा कक्षा 5 वीं से लेकर आगे सभी तरह के पाठय्क्रमों में प्रथम श्रेणी से परीक्षार् उत्तीण करने पर रूपये 1000 से लेकर 3000 तक का नगद पुरस्कार दिया जाता है। सम्पर्क- जिले में पदस्थ सहायक श्रम आयुक्त/श्रम पदाधिकारी/ सहायक श्रम पदाधिकारी/ श्रम निरीक्षक।

महिला निर्माण श्रमिकों हेतु प्रसूति सहायता योजना

       महिला निर्माण श्रमिकों को प्रसूति की स्थिति में प्रसूति पूर्व एवं प्रसूति पश्चात कुल 12 सप्ताह के लिए आधी मजदूरी की दर से प्रसूति हितलाभ प्रदान करने के लिए यह योजना प्रभावशील है। योजना के तहत उन भवन और अन्य निर्माण महिला कर्मकारों को इसका लाभ मिलेगा जो मण्डल के अंतर्गत महिला हिताधिकारी के रूप में पंजीबद्व हो और परिचय पत्र धारी है।

       यह योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू है प्रसव के समय महिला हिताधिकारी की आयु 20 वर्ष से कम नही होनी चाहिए। प्रसूति हितलाभ अधिकतम दो बार के प्रसव के लिए देय होगा। हिताधिकारी महिला श्रमिक को गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में कुल 12 सप्ताह की अवधि के लिए उसके द्वारा प्राप्त किये जा रहे वेतन का पचास प्रतिशत भुगतान प्रसूति हितलाभ के रूप में किया जायेगा।

       प्रसूति के बाद हिताधिकारी को 1000 रूपये चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए अतिरिक्त भुगतान किया जायेगा। प्रसूति के दौरान बीमारी या अन्य चिकित्सीय जटिलता के कारण अधिकतम 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से पृथक से अतिरिक्त हितलाभ भी दिया जायेगा। हिताधिकारी पुरूष श्रमिक को, उसके मासिक औसत वेतन की दर से 15 दिन के पितृत्व प्रसूति हितलाभ की पात्रता भी होगी। हिताधिकारी महिला श्रमिक द्वारा निर्धारित प्रपत्र में स्थानीय श्रम कार्यालय में आवेदन भरकर जमा कराना होगा।

विवाह सहायता योजना

       पंजीबद्व महिला निर्माण श्रमिक के स्वयं के विवाह या पुनर्विवाह के लिए व दो पुत्रियों के विवाह के लिए 1000 रूपये प्रति विवाह सहायता प्रदान की जाती है। योजना के लिए जिले में पदस्थ सहायक श्रमायुक्त/ श्रम निरीक्षक से संपर्क किया जा सकता है।

 

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