मंगलवार, अगस्त 18, 2009

अल्प वर्षा की स्थिति की कलेक्टर द्वारा समीक्षा

अल्प वर्षा की स्थिति की कलेक्टर द्वारा समीक्षा

भिण्ड 14 अगस्त 2009

       जिले में अल्प वर्षा की स्थिति से निपटने के लिए विभागीय तैयारियों की समीक्षा कलेक्टर श्री के.सी. जैन द्वारा आज कलेक्ट्रेट सभागार में की गई। उन्होंने कृषि, पशुपालन, स्वास्थ्य, खाद्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों को आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। बैठक में ए.डी.एम श्री छोटेसिंह, सभी एसडीएम, तहसीलदार, विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

       कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि जिले में गत वर्ष 14 अगस्त 09 तक 791 मी.मी. वर्षा दर्ज की गई थी। जबकि चालू वर्षा में आज दिनांक तक  167 मी.मी. वर्षा हुई है, मानसून की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये राज्य शासन द्वारा अवर्षा की स्थिति हेतु आकस्मिक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गये है। उन्होंने कहा कि जिले में अल्प वर्षा के कारण खरीफ के 90 हजार हैक्टेयर प्रस्तावित वोनी क्षेत्र में से 37 हजार हेक्टैयर में ही बोनी कार्य किया गया था जिसमें से कृषि विभाग के अनुमानों के अनुसार लगभग 42 प्रतिशत फसल नष्ट हो चुकी है । उन्होंने अधीक्षक भू अभिलेख को निर्देश दिए कि अल्प वर्षा तथा फसलों पर हुए प्रभाव का नजरी आकलन कर दो दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

       श्री जैन ने शहरी और ग्रामीण क्षैत्रों में पेयजल की स्थिति की समीक्षा की तथा कहा कि शहरी क्षैत्र में पेयजल हेतु आगामी जून 10 तक के लिए पानी की स्थिति का आकलन करें । उन्होंने कहा कि आकस्मिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये पेयजल स्रोत चिन्हित कर रखे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षैत्रों में हैण्डपम्पों के संधारण कार्य नियमित रूप से किया जावे। उन्होंने ग्रामीण क्षैत्रों की बंद पडी नलजल योजनाओं को शीघ्र प्रारंभ कराने के निर्देश भी ग्राम पंचायतों को दिए जावे। उन्होंने कहा कि जो नलजल योजनाऐ विद्युत अवरोध के कारण बंद पडी है उन्हें शीघ्र प्रारंभ कराया जावे तथा विद्युत कटौती से छूट हेतु राज्य शासन से अनुमति मॉगी जावे।

       श्री जैन ने पशुओं के लिए चारे की स्थिति तथा आकस्मिक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए । उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री एनसी गुप्ता को दवाओं स्थिति तथा भविष्य में उनकी आवश्यकता का अनुमान प्रस्तावित करने को कहा जिससे राज्य सरकार से राशि की मॉग की जा सके। उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत जिले में प्राप्त खाद्यान्न के आवंटन की समीक्षा के निर्देश भी दिए।

 

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