मंगलवार, अगस्त 18, 2009

राजनैतिक दल व शासकीय कर्मी आर्दश आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करें-कलेक्टर श्री जैन

राजनैतिक दल व शासकीय कर्मी आर्दश आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करें-कलेक्टर श्री जैन

भिण्ड 14 अगस्त 2009

       कलेक्टर एव जिला निर्वाचन अधिकारी श्री के.सी.जैन ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राजनैतिक दलों व शासकीय कर्मियों के लिये आर्दश आचरण संहिता जारी कर दी गई है। जिसका पालन सुनिश्चित करना सभी का दायित्व है। उन्होने यह बात आज राजनैतिक दलों की स्टेडिग कमेठी में कही।  बैठक में पुलिस अधीक्षक डा राजेन्द्र प्रसाद, एडीएम श्री छोटे सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनिल चांदिल, राजनैतिक दलों में श्री अवधेश सिंह कुशवाह, श्री रविन्द्र नरवरिया सहित पदाधिकारी उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नही करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच मतभेदों को बढाये या घृणा की भावना उत्पन्न करें या तनाव पैदा करें। राजनैतिक दलों की आलोचना में उनकी नीतियों और कार्यक्रम पुराने आचरण और कार्य तक सीमित होना चाहिए, व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नही किया जाना चाहिए जिनका संबंध अन्य दल के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से नही हो, मत प्राप्त करने के लिये जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नही दी जानी चाहिए मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघरों या पूजा के अन्य स्थानों का चुनाव प्रचार के लिये मंच के उपयोग नही किया जाना चाहिए, निर्वाचन विधि के अतंर्गत भ्रष्ट आचरण से बचे जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को अभित्रस्त करना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्र के सौ मीटर के अंदर चुनाव प्रचार करना, मतदान की 48 घण्टे पूर्व की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं करना और मतदाताओं को सवारी से मतदान केन्द्र तक ले जाना और वापस लाना, व्यक्तियों के विचारों या कार्यो का विरोध करने के लिये उनके घरों के सामने प्रदर्शन आयोजित करने या धरना देने का तरीका नही अपनाए, झण्डा खडा करने, बैनर टांगने, सूचनाए चिपकाने, नारे लिखने के लिए किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी सहमति के बगैर उपयोग नही करें, अन्य दलों की सभाओं में बाधा पैदा नही करें जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारा सभाएं की जा रही है एक दल द्वारा निकाले गये पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ता नही हटाये।

सभाएं

       प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय पुलिस को पूर्व में सूचना दे, यह सुनिश्चित कर ले कि जहां सभा करना चाहते है वहां प्रतिधात्मक आदेश तो लागू नही है। प्रस्तावित सभा में लाउण्डस्पीकरों की उपयोग की अनुमति समय से पहले सक्षम अधिकारी से लिया जाना चाहिए, सभा के आयोजको के लिये अनिवार्य है कि वे सभा में विघ्न डालने वाले या अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिये डयूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करें।

जुलूस

       जुलूस का आयोजन करने से पहले तय कर ले कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से गुजरेगा कब और कहां समाप्त होगा सामान्यत: कार्यक्रम में बदलाव नही होना चाहिए, जुलूस से पहले पुलिस को अग्रिम सूचना देना जरूरी, जुलूस का इंतजार ऐसा हो कि यातायात में कोई बाधा या रूकावट न आए, यदि एक ही समय में दो दलों या अभ्यर्थियों का उसी समय और उसी रास्ते से जुलूस का प्रस्ताव हो तो वे आपस में संपर्क बनाकर ऐसी योजना बनाएं कि जुलूसों में टकराव की स्थिति नही बने, जुलूस में शामिल लोगों द्वारा ऐसी चीजे लेकर चलने के विषय में, जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा दुरूपयोग किया जा सकता हो, इन पर नियंत्रण रखने में सहयोग करे, किसी भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थि को अन्य दलों के सदस्यों या उनके नेताओं के पतले लेकर चलने उनकों सार्वजनिक स्थान में जलाने और इसी तरह के अन्य प्रदर्शनों का समर्थन नही किया जाना चाहिए।

मतदान दिवस

       यह सुनिश्चित करें कि मतदान शांतिपूर्वक और सुव्यवस्थित ढंग से हो और मतदाताओं को इस बात की पूरी स्वतंत्रता हो कि वे बिना किसी परेशानी या बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें और निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों के सहयोग करें। अपने प्राधिकृत कार्यकर्ताओं को उपयुक्त बिल्ले या पहचान पत्र दे, मतदाताओं को उनके द्वारा दी गई पहिचान पर्चियां सादे कागज पर होगी और उन पर कोई प्रतीक, अभ्यर्थि का नाम या दल का नाम नही होगा, मतदान के दिन या उससे पूर्व के 24 घण्टों के दौरान किसी को शराब पेश या वितरित न करें, मतदान केन्द्रों के निकट लगाए कैम्पों के नजदीक अनावश्यक भीड इकट्टी न होने दे जिससे दलों के कार्यकर्ताओं में मुकाबला या तनाव की स्थिति नही बने, अभ्यर्थियों के  कैम्प  साधारण हो, उन पर कोई पोस्टर, झण्डे, प्रतीक या कोई अन्य प्रचार सामग्री प्रदर्शित न की जाए कैम्पों में खाद्य पदार्थ पेश न किए जाए और भीड न लगाई जाए। मतदान के दिन वाहन चलाने पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों का पलान करने में प्राधिकारियों के साथ सहयोग करें और वाहनों के लिये परमिट प्राप्त कर ले।

 

सत्ताधारी दल

       आयोग के निर्देशों के मुताबिक सत्ताधारी दल को चाहे वह केन्द्र में हो या संबंधित राज्य या राज्यों में हो, यह सुनिश्चित करें कि शिकायत करने का मौका न दिया जाए कि उस दल ने अपने सरकारी पद का प्रयोग किया है जैसे मंत्रियों को अपने शासकीय दौरों को निर्वाचन से नही जोडना चाहिए और चुनाव के दौरान प्रचार करते हुये शासकीय मशीनरी अथवा कर्मियों का प्रयोग नही करना चाहिए। सरकारी विमानों, गाडियों सहित सरकारी वाहनो, मशीनरी और कर्मियों का सत्ताधारी दल के हित को बढावा देने के लिये प्रयोग नही किया जाना चाहिए, सार्वजनिक स्थान जैसे मैदान आदि पर निर्वाचन सभाएं आयोजित करने और चुनाव के संबंध में हवाई उडानों के लिये हैलीपेडों के उपयोग करने के लिये अपना एकाधिकार न जमाएं, ऐसे स्थानों का प्रयोग दूसरे दलों और प्रत्याशियों को भी उन्ही शर्तो पर करने दिया जाए जिन शर्तो पर सत्ताधारी दल उनका प्रयोग करता है। सत्ताधारी दल या उसके उम्मीदवारों का विश्राम गृहों, डांक बंगलों या अन्य सरकारी आवासों पर एकाधिकार नही होगा, नियमानुसार अन्य को भी अनुमति मिलेगी किन्तु कोई भी दल या अभ्यर्थि ऐसे आवासों का प्रचार कार्यालय या चुनाव प्रोपेगण्डा के लिये कोई सार्वजनिक सभा करने की दृष्टि से उपयोग नही करेगा। मंत्रियों और अन्य प्राधिकारों को उस समय से जब से चुनाव कार्यक्रम घोषित किया गया है तब से विवेकाधीन निधि से अनुदानों, भुगतानों की स्वीकृति नही होगी। किसी भी रूप में कोई भी वित्तीय मंजूरी या वचन देने की घोषणा नही करेगें किसी प्रकार की परियोजनाओं अथवा स्कीमों के लिए आधारशिलाएं नही रख सकेगें। सडकों के निर्माण का कोई वचन नही देगें और पीने के पानी की सुविधाएं नही देगें, शासन सार्वजनिक उपक्रमों आदि में कोई भी तदर्थ नियुक्ति नही करेगें।

       मतदान केन्द्र- मतदाताओं के सिवाए कोई भी व्यक्ति निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गये विधिमान्य पास के बिना मतदान केन्द्रों में प्रवेश नही करेगा।

प्रेक्षक- यदि चुनाव के संचालन के संबंध में अभ्यर्थियों या उनके एजेंटों को कोई शिकायत और समस्या हो तो वे चुनाव द्वारा नियुक्त प्रेक्षक को सूचना दे सकते है।

 

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