बुधवार, जून 30, 2010

कृषक मेला शुरू कृषकों के लाभ की दूरगामी योजनाओं पर मंथन जरूरी

कृषक मेला शुरू कृषकों के लाभ की दूरगामी योजनाओं पर मंथन जरूरी

भिण्ड 24 जून 2010

       जिला मुख्यालय भिण्ड के स्टेडियम प्रांगण में आत्मा परियोजना के तहत गुरूवार को तीन दिवसीय कृषि मेला विधायक राकेश शुक्ला के मुख्य आतिथ्य एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मिथलेश कुशवाह की अध्यक्षता में शुरू हुआ। अतिथिजनों ने मॉ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर एवं प्रभारी सीईओ जिला पंचायत छोटेसिंह, जिला पंचायत सदस्य अम्रत लाल माहौर, कृषि विज्ञानिक प्रशांत गुप्ता, एस.पी.एस तोमर, तथा एसके तिवारी मैदानी स्तरीय कृषि महकमे के अधिकारी कर्मचारी सहित भिण्ड जिले के सभी 6 विकास खण्डों के ग्रामीण अंचलों के कृषक गण उपस्थित थे।   25 एवं 26 जून को कृषि मेले में कृषकों को नवीन कृषि तकनीको की जानकारी कम लागत में कैसे अधिक लाभ कमाएं, फसल उत्पादन कृषि आदान, रासायनिक उर्वरक, उन्नत बीज, कीटनाशी, उन्नत कृषि यंत्र का कृषि में उपयोग की जानकारी दी जाएगी। प्रथम चरण में अतिथिगणों द्वारा कृषकों को संबोधित किया गया, द्वितीय चरण में कृषि वैज्ञानिको ने कृषि तकनीक पद्वति एवं नवाचार विषय पर खरीफ फसलों का कीटो से बचाव, उद्यानिकी फसलों का सफलता पूर्वक उत्पादन कैसे करे और खरीफ फसलों के उत्पादन संबधी तकनीक जानकारी दी गई। इसके साथ साथ कृषको की ओर से आई हुई समस्याओं का समाधान किया गया। 

       कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राकेश शुक्ला ने कृषकों की माली हालात सुधारने तथा कृषि को लाभ का धन्धा बनाने हेतु कृषि वैज्ञानिको से दूरगामी योजनाओं पर मथन करने और योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषकों को जहॉ एक ओर रासायनिक उर्वरक के स्थान पर जैविक खाद के लिए जागरूक बनाने की महती जरूरत है तो वही दूसरी ओर उन्हें नवीन कृषि तकनीकों, उन्नत कृषि यंत्रों की जानकारी देने के साथ साथ कम पानी में पकने वाली फसल तथा कम लागत में अधिक उत्पादन कैसे अर्जित किया जाए की जानकारी सतत दी जाए। आपने कृषकों की समस्याओं को गंभीरता से दूर करने पर जोर दिया।

       उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की स्वर्णिम मध्यप्रदेश की कल्पना तथा खेती को लाभभ्रद बनाने की कल्पना को साकार करने के लिए सामूहिक नेतृत्व जरूरी है। उन्होंने कहा कि भावी पीढी को जल एंव जंगल के संकट से उबारने के लिए जरूरी है कि वर्तमान पीढी से जुडे व्यक्ति जल एवं जंगल को बचाने के लिए ईमानदारी से अपना दायित्व निभाएं । उन्होंने कहा कि वर्षा के पानी को व्यर्थ नही जाने दे। मेढबंधान के जरिए पानी को भूगर्भ में पहुंचाये। विभिन्न जल स्रोतों को सुरक्षित रखे। हरे भरे पेड नही काटे जाए तथा कृषि मेले में वैज्ञानिकों द्वारा बतलाई गई नवीन तकनीकी, एवं कृषि ज्ञान को मेले में उपस्थित कृषक ग्राम में जाकर अन्य कृषकों को बतलाएं जिससे वे कृषक भी उन तकनीकी ज्ञान का उपयोग करते हुये। अपनी आर्थिक स्थति सुधारे।

अपर कलेक्टर छोटे सिंह ने कृषकों को भिण्ड जिले के परिप्रेक्ष में होने वाली फसलों की जानकारी देते हुये खाली पडे खेतों की गहरी जुताई करने, खेत की मिट्टी का परीक्षण कराते हुये प्रमाणित बीज की बुवाई करने, कम खर्च में अधिक उत्पादन और कम पानी में होने वाली फसलों की बुवाई करने की सलाह दी। आपने कृषकों को आत्म निर्भर बनने के लिए खेत की मेढ पर अधिकाधिक मेढ बंधान करने की जानकारी दी। इस हेतु नीम, शीशम एवं बबूल के पौधे लगाने पर जोर दिया। मेढ बंधान के जरिए लगाये गये इन पेडों से 5 से 10 वर्षो में कृषकों को अतिरिक्त आर्थिकोपार्जन का लाभ मिलना शुरू होने लगेगा।

चम्बल घाटी परियोजना शुरू कराने के प्रयास जारी

       कृषि मेले में उपस्थित कृषकों को संबोधित करते हुये विधायक राकेश शुक्ला ने बताया कि भिण्ड मुरैना एवं श्योपुर जिले के कृषकों के समग्र उत्थान के लिए चंबल घाटी परियोजना शुरू कराने के प्रयास जारी है यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना को शुरू कराने की दिशा में मुख्यमंत्री से मिलकर प्रयास शुरू किये गये है। चंबल घाटी परियोजना श्योपुर जिले से लेकर भिण्ड जिले के कृषक एवं आम लोगों के लिए अनेका अनेक सौगात लेकर आयेगी। इसके शुरू होने से पर्यटन के साथ साथ धार्मिक स्थलों का विकास हो सकेगा। वही विद्युत उत्पादन की अतिरिक्त क्षमता भी विकसित होगी। दूसरी ओर इस परियोजना पर बांध बनने से नहरो के जाल का क्रम शुरू होगा। जिससे चम्बल क्षेत्र से जुडे जिलो में आर्थिक समृद्वि का मार्ग प्रशस्त होगा।

       कृषि मेले में कृषकों को नवीन कृषि उत्पादो, सयंत्रों, जैविक खाद एवं सब्जियों के प्रमुख कीट एवं उनसे बचाव के तरीके, बीज भण्डारण एवं प्रबंधन, आलू उत्पाद की आधुनिक तकनीक, नीबू उत्पाद की तकनीक, बेगन फसल में कीट व रोक प्रबंधन की पहचान कर नियंत्रण के उपाए तथा कृषि ज्ञान संचारिका और फसलों में खरपतवार नियंत्रण के साहित्य प्रदाय किये गये तथा नवीन कृषि उत्पादों एवं यंत्रों के संदर्भ में पोस्टर प्रदर्शनी प्रदर्शित की गई। इसके अलावा मत्स्य पशु चिकित्सा कृषि महाविद्यालय ग्वालियर विभा एग्रोटेक हेदराबाद, के.डी सीट्स, राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, उद्यानकी विभाग द्वारा प्रदर्शनी के स्टार लगाये गये। अतिथिजनों द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया।

 

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