सोमवार, मई 17, 2010

बाल सुरक्षा अभियान भिण्ड जिले में भी शुरू 15 जून तक संचालित होगा

बाल सुरक्षा अभियान भिण्ड जिले में भी शुरू 15 जून तक संचालित होगा

0 से 5 वर्ष आयु के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दी जाएगी औषधियाँ

भिण्ड 15 मई 2010

       भिण्ड जिले में भी शनिवार 15 मई से राज्य व्यापी बाल सुरक्षा अभियान का शुभारंभ हुआ। 15 जून तक संचालित होने वाले इस अभियान में 0 से 5 बर्ष तक उम्र के बच्चों का समग्र एवं 6 जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने बाल सुरक्षा अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन करने के निर्देश दिये है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अभियान के तहत समग्र रूप से 0 से 5 बर्ष तक के आयु के सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उन्हें जरूरत अनुसार दवाईयों का सेवन कराने के निर्देश दिये गये है।

राज्य सरकार द्वारा बच्चों को छह जान लेवा बीमारियों और कुपोषण से बचाने के लिए बाल सुरक्षा अभियान की शुरूआत 15 मई से की गई है। इस अभियान के तहत 0 से 5 वर्ष आयु तक के शत प्रतिशत बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें स्वास्थ्य निरोधक दवाईयों का सेवन कराया जायेगा।

       गंभीर कुपोषित पाये जाने वाले बच्चों के ईलाज के लिए उचित व्यवस्था की जायेगी। यह अभियान 15 जून तक पूरे एक माह तक चलेगा। अभियान के लिए स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा बनाई गई कार्य योजना के तहत 0 से 5 वर्ष तक के छूटे हुये बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा। 1 से 5 वर्ष आयु तक के बच्चों को कृमि नाशक दवा का सेवन कराया जायेगा। एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को एक एमएल एक वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को दो एमएल बिटामिन ए घोल पिलाया जायेगा। स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिका जिनकी आयु 11 वर्ष से 17 वर्ष तक है को आयरन का सेवन कराया जायेगा।

       अभियान में 0 से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों का बजन व ग्रोथ मॉनीटरिंग की जाकर कुपोषित बच्चों की सूची तैयार की जायेगी। इसमें पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती करने वाले बच्चों की सूची, स्वास्थ्य कैम्प में उपचार के लिए जाने वाले बच्चों की सूची, मध्यम कुपोषित बच्चों की सूची और कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए माताश्री, मामाश्री व बुआश्री निर्धारित करने की सूची प्रथक से बनाई जायेगी। यह सभी कार्य आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका व आशा कार्यकर्ता करेगी। स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक संयुक्त रूप से पर्यवेक्षण करेगें प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्र पर संचालित सत्र का पर्यवेक्षण पर्यवेक्षको द्वारा किया जायेगा। सेक्टर मेडीकल आफीसर, आयुर्वेदिक चिकित्सक अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी द्वारा पूरे कार्यक्रम की सतत मानीटरिंग की जायेगी। प्रत्येक अधिकारी को एक सेक्टर आवंटित किया गया है। तथा अपने सेक्टर की रिपोलिंग व सही सत्र संचालन के लिए सेक्टर प्रभारी जबावदार रहेगें। अभियान का आकस्मिक निरीक्षण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला टीकाकरण अधिकारी एवं जिला महिला बाल विकास अधिकारी व ब्लॉक मेडीकल आफीसर द्वारा प्रतिदिन निरीक्षण किया जायेगा।

 

कोई टिप्पणी नहीं: