शनिवार, मई 08, 2010

समिति प्रबंधकों को फर्जी गेहूं लेने और कृषकों को फर्जी गेहूं विक्री पर नोटिस

समिति प्रबंधकों को फर्जी गेहूं लेने और कृषकों को फर्जी गेहूं विक्री पर नोटिस

एसडीएम भिण्ड ने धारा 420 में दिया नोटिस

भिण्ड 3 मई 2010

       कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने समर्थन मूल्य पर विक्री के लिए लाये जा रहे फर्जी गेहूं क्रेता एवं विक्रेता के कृत्यों को गंभीरता से लिया है। जिसके लिए फर्जी गेहूं लेने वाले समिति प्रबंधकों और फर्जी गेहूं बैचने वाले कृषकों को नोटिस दिये गये है। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम भिण्ड ने तहसीलदार भिण्ड से फर्जी गेहूं खरीदने एवं विक्री जॉच कराई। प्राप्त जॉच प्रतिवेदन के आधार पर दो सेवा सहकारी समितियों के प्रबंधको तथा तीन कृषकों को फर्जी गेहूं लेने और फर्जी गेहूं की विक्री करने पर कारण बताओं नोटिस जारी कर  आईपीसी की धारा 420 के तहत भी नोटिस दिया गया है।

       एसडीएम भिण्ड मनोज माथुर ने बताया कि थोक उपभोक्ता भण्डार भिण्ड द्वारा मानपाल पुत्र प्यारेलाल यादव निवासी डिडी की ऋण पुस्तिका क्र 842152 एवं रसीद क्रमांक 27815 के द्वारा 16.50 क्विंटल गेहूं खरीदकर रसीद काटी गई। पटवारी द्वारा की गई जांच में मानपाल पुत्र प्यारेलाल यादव के नाम कोई खाता नही पाया गया। और जॉच में मानपाल की मृत्यु होना भी पाई गई।

थोक उपभोक्ता संस्था भिण्ड द्वारा धर्मेन्द्र सिंह पुत्र मुन्नीलाल निवासी भिण्ड के आराजी नम्बर 100 एवं 106 रकवा 1.55 क्षेत्र जो पटवारी खसरा रिपोर्ट के अनुसार पडत एवं आवादी भूमि है। उक्त किसान द्वारा भू अधिकार पुस्तिका प्रस्तुत कर गेहूं का विक्रय किया गया। इसीप्रकार रामप्रकाश पुत्र हरदयाल निवासी कुरथरा द्वारा रसीद क्रमांक 27829के आधार पर 29 क्विंटल गेहूं क्रय किया गया। पटवारी द्वारा की गई जॉच में पाया गया कि खाता नम्बर 125 किता 9 रकवा 11.30 हेक्टैयर क्षेत्र में से 1.0 हैक्टेयर क्षेत्र में गेहूं फसल बोई गई विक्रेता का हिस्सा 1/6 होने से विक्रेता का कुल हेक्टेयर 0.17 होता है। जिस पर 29 क्विंटल गेहूं का उत्पादन संभव नही है।

       सेवा सहकारी संस्था दीनपुरा द्वारा रसीद क्रमांक 6480 में सुरेश चन्द्र पुत्र रामभरोसे निवासी दीनपुरा द्वारा आराजी नम्बर 48,92,174,175,287,288  की ऋण पुस्तिका के जरिए 29 क्विंटल गेहूं विक्रय किया गया। पटवारी रिपोर्ट एवं खसरा रिपोर्ट में आराजी नम्बर 172 रकवा 0.20 और आराजी नम्बर 175, रकवा 0.3 हैक्टेयर सुरेश चन्द्र के नाम दर्ज पाया गया। जो वर्तमान में पडत भूमि है। तथा शेष आराजी नम्बर अन्य लोगों के नाम से पाये गये। जॉच के आधार पर उक्त दोनों संस्थाओं के प्रबंधकों तथा किसानों को कारण बताओं नोटिस जारी किये गये। इसके अलावा आईपीसी की धारा 420 के तहत फर्जी कार्यवाही के कारण भेजे गये। 

 

कोई टिप्पणी नहीं: